‘आख्यानमणिकोश’ ग्रंथ पर प्राकृत मासिक व्याख्यानमाला का 37वां व्याख्यान आयोजित
14 हजार श्लोकों व 127 आख्यानों से दिया जीवन दर्शन व भारतीय संस्कृति व कला का वर्णन- डॉ. तारा डागा
लाडनूँ, 30 जुलाई 2024। प्राकृत भारती अकादमी की निदेशिका डॉ. तारा डागा ने कहा है कि भारतीय संस्कृति को समझने के लिए प्राकृत साहित्य महत्त्वपूर्ण है और इस परम्परा में आम्रदेव सूरि का प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘आख्यान मणिकोशवृत्ति’ प्रमुख है। इस ग्रन्थ में 14 हजार श्लोकों व 127 आख्यानों के माध्यम से जीवन दर्शन के साथ ही भारतीय संस्कृति व कला के विषय में सूक्ष्म वर्णन प्राप्त होता है। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान के प्राकृत एवं संस्कृत विभाग के द्वारा आयोजित मासिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत आयोजित 37वें व्याख्यान को प्रस्तुत करते हुए ‘आख्यानमणिकोशवृत्ति में वर्णित जीवन दर्शन’ विषय को व्याख्यायित कर रही थी। उन्होंने कहा कि समताभाव, संसार की नश्वरता, धैर्य, तथा जाति व्यवस्था के विषय में इस ग्रन्थ में अनेक आख्यानों के माध्यम से समझाया गया है। सांस्कृतिक तत्त्वों के अन्तर्गत भौगोलिक स्थिति, जनपद, राजाओं का वर्णन, धर्म-दर्शन, जैनधर्म के सिद्धान्तों के साथ-साथ अन्य धर्म-दर्शनों का वर्णन, चारों वर्ण तथा पारिवारिक मूल्यों के साथ ही आर्थिक व्यवस्था को प्रतिपादिक करने वाला यह महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है।
आगमों को समझने में सहायक ग्रंथ
व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए प्रो. जिनेन्द्र जैन ने अनेक उद्धरणों के माध्यम से ‘आख्यानमणिकोशवृत्ति’ की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रायः वृत्तियां संस्कृत में लिखे जाने का प्रचलन रहा है, लेकिन इसकी वृत्ति प्राकृत में लिखी गई है। आगमों के सिद्धान्तों को समझने के लिए इस ग्रन्थ का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। निश्चित रूप से यह ग्रन्थ हमारी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में है। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्राकृत अध्ययन की विद्यार्थी प्रतिभा कोठारी के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत एवं विषय-प्रवर्तन डॉ. समणी संगीतप्रज्ञा ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉं. सब्यसाची सांरगी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. सत्यनारायण भारद्वाज ने किया। इस व्याख्यान में देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 35 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
Latest from
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही
- प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- छिपोलाई बालाजी मंदिर परिसर में पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- ‘ऑनलाइन सुरक्षित रहें अभियान’ के तहत वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
- दवाओं से दूर व प्रकृति के पास रहने पर ही रोगों से मुक्ति संभव- कुलपति प्रो. दूगड़
- एंटी रैगिग को लेकर विशेष बैठक आयोजित
- साइबर सिक्योरिटी पर ऑनलाइन पावर पॉइंट प्रतियोगिता आयोजित
- गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया
- विश्व योग दिवस पर किया सामुहिक योगाभ्यास
- केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन
- अहिंसा एवं शांति विभाग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- पांच दिवसीय संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम
- जैविभा संस्थान को ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ अवार्ड और संस्थान के कुलपति प्रो. दूगड़ को ‘ग्लोबल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
- प्राकृत भाषा को संविधान की मानक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाए- प्रो. सिंघवी
- आचार्य महाश्रमण की पुस्तक ‘संवाद भगवान से’ की समीक्षा प्रस्तुत
- संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर रक्षा की शपथ ली
- जैन विश्वभारती संस्थान की छात्रा स्मृति कुमारी ने किया संसद में राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- एनसीसी की छात्राओं को दो दिवसीय शिविर में दिए विभिन्न प्रशिक्षण
- लाडनूँ की छात्रा स्मृति कुमारी ने संसद में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित
- हम योग में ग्लोबल लीडर, अब नेचुरोपैथी में भी बनना है- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल
- एनसीसी कैडेट्स को रेंक का वितरण किया
- शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को दी जाए ईमानदारी के आचरण की प्रेरणा- प्रो. जैन
- तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनि महावीर कुमार को पर्यावरणीय चिंतन सम्बंधी शोध पर पीएचडी
- लाडनूँ की एनसीसी कैडेट को ईमानदारी व नैतिकता के टास्क में मिला स्वर्ण-पदक
- ‘भ्रष्टाचार से मुकाबले में शिक्षा की भूमिका’ पर राष्टीªय सेमिनार आयोजित
- सतर्कता जागरूकता के अन्तर्गत लोकगीत, लघुनाटिका व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन
- साइबर जागरुकता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत प्रतियोगिता का आयोजन
- प्राकृत भाषा और साहित्य पर 16 वीं व्याख्यानमाला का आयोजन