जैन विश्वभारती संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह चैन्नई में सफलता पूर्वक आयोजित

एकजुटता से हर चुनौती का सामना संभव- प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 30 अक्टूबर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह चैन्नई में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। यह एक ऐतिहासिक समारोह रहा, जिसमें अनेक बातें बहुत महत्वपूर्ण थी। इसमें सबसे बड़ी भूमिका संस्थान के स्टाफ की रही, जिन्होंने बहुत ही तन्मयता से समस्त तैयारियों को अंजाम दिया और समारोह को सम्पन्न करवाया। एकजुट होकर काम करने से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। वे यहां विश्वविद्यालय के सेमिनार हाॅल में आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय के समस्त स्टाफ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान के स्टाफ ने प्रत्येक चुनौती को स्वीकार किया है और उसे सफलता पूर्वक सम्पन्न किया है। चाहे वह यूजीसी की टीम का अवसर हो या यूजीसी की 12 बी टीम का आगमन अथवा एक्सपर्ट टीम द्वारा निरीक्षण, सभी में कर्मचारी खरे उतरे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अब एक बड़ी चुनौती और है और वह है राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) की टीम के निरीक्षण की। हम सब को इसमें भी खरा उतरना है। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने दीक्षांत समारोह के लिये विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं विश्वविद्यालय के अन्य स्टाफ के लम्बा सफर करके चैन्नई पहुंचने की सराहना की तथा कहा कि पूरी यात्रा एवं समारोह की समस्त व्यवस्थायें सराहनीय रही, चाहे वे वहां रहने-खाने की हो अथवा भ्रमण की हो। इसके लिये जैन विश्वभारती के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. धर्मचंद लूंकड़ की उन्होंने मुक्तकंठ से सराहना की। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो. अनिल धर, प्रो. बीएल जैन, आरके जैन, डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डाॅ. युवराज सिंह खांगारोत, डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. विकास शर्मा, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, दीपाराम खोजा आदि उपस्थित थे।

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