जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का आयोजन
विद्यार्थी जीवन में ही समाज सेवा व राष्ट्र सेवा के गुणों का विकास करता है एनएसएस- प्रो. त्रिपाठी
लाडनूँ 1 फरवरी 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस ईकाई के सात दिवसीय शिविर का शुक्रवार को शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि महात्मा गांधी व स्वामी विवेकानन्द के स्वप्नों को साकार करने के लिये राष्ट्रीय सेवा योजना शुभारम्भ विद्यालयों व महाविद्यालयों स्तर पर किया गया, जिसके द्वारा विद्यार्थियों में सामाजिक जागरूकता, देश के नव निर्माण, जनसेवा की भावनायें बलवती होती है। उन्होंने एनएसएस के कार्यक्रमों व नीतियों के बारे में विस्तार से बताते हुये कहा कि राष्ट्र की युवाशक्ति के व्यक्तित्व विकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित एक सक्रिय कार्यक्रम है, इसकी गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थी, समाज के लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के कार्य करते है। साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरण सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सफाई आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा के समय पीड़ीत लोगों की सहायता आदि समाजपयोगी कार्यों में रत रहने से विद्यार्थी जीवन से ही उनमें समाज सेवा या राष्ट्र सेवा के गुणो का विकास होता है।
तल्लीनता से कार्य करने पर मिलता है आनन्द
विशिष्ट अतिथि जगदीश यायावर ने एनएसएस की समस्त स्वयं सेविकाओं से सात दिनों के शिविर में जन जागरूकता, समाज को समझने, श्रमदान करने, राष्ट्र के लिये काम करने आदि का पूरा आनन्द तल्लीनता के साथ लेने के लिये प्रेरित किया तथा कहा कि जब तक किसी कार्य को पूरे मनोयोग द्वारा नहीं किया जाता, तब तक उसे पूर्ण रूप से किये जाने व उसका अनन्द लेना संभव नहीं होता है। प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के उद्देश्यों के बारे में बताते हुये सात दिनों के शिविर के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी तथा गोद लिये गांवों में किये जाने वाले कामों के बारे में बताया।
गीतिका द्वारा दिया बेटी बचाओ का संदेश
संयोजक डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना का एकमात्र उद्देश्य युवा छात्रों को सामुदायिक सेवा देने में अनुभव प्रदान करना है। एनएसएस के उद्देश्यों में जिस समुदाय में काम कर रहे हैं, उसे समझना, समुदाय की समस्याओं को जानना और उन्हें हल करने के लिए उनको शामिल करना, सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास करना, समूह स्तर पर जिम्मेदारियों को बांटने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास करना, आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उनको विकसित करना, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का अभ्यास करना आदि हैं, जिन्हें रूचिपूर्वक हंसते-खेलते हुये प्राप्त करना है। कार्यक्रम में छात्रा पूजा ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ सम्बंधी संदेश देते हुये एक राजस्थानी गीतिका प्रस्तुत करते हुये लिंगभेद सम्बंधी सामाजिक विसंगतियों को प्रदर्शित किया। छात्रा दिव्यता कोठारी ने एनएसएस की योजना, कार्यक्रम व उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। रचना सोनी व कुसुम नाई ने प्रारम्भ में एनएसएस गीत प्रस्तुत किया। स्वयं सेविका प्रतिष्ठा कोठारी व दक्षता कोठारी ने संयुक्त रूप से संयोजन किया। इस कार्यक्रम के बाद सभी छात्राओं को एक प्रेरणास्पद फिल्म आई एम कलाम दिखाई गई।
एनएसएस शिविर में कौशल विकास, व्यक्तित्व विकास के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित गायन प्रतियोगिता में स्नेहा पारीक प्रथम रही
2 फरवरी 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस के सात दिवसीय शिविर के दूसरे दिवस सामाजिक व राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 15 प्रतिभागी छात्रायें सम्मिलित हुई, जिनमें से प्रथम स्थान पर स्नेहा पारीक, द्वितीय स्थान पर सोनम कंवर व तृतीय स्थान पर सरिता शर्मा रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की। प्रतियोगिता की निर्णायक सोनिका जैन व अभिषेक चारण थे। कार्यक्रम का संचालन नगीना बानो ने किया। शिविर के प्रथम चरण में स्वयंसेविका छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिये संचार कौशल पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में फोनेटिक्स पर छात्राओं को प्रायोगिक अभ्यास करवाया गया। इसके अलावा छात्राओं को दिखाई गई फिल्म आई एम कलाम पर चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें स्वयंसेविका सपना स्वामी ने अपने विचार प्रकट करते हुये कहा कि यह फिल्म हमें प्रेरणा देती है कि जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है और वह सब हम अपनी कर्मशक्ति से प्राप्त कर सकते हैं। प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने अंत में आभार ज्ञापित किया।
एनएसएस केम्प में छात्राओं को दी सड़क सुरक्षा सम्बंधी जानकारी
5 फरवरी 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत संचालित किये जा रहे सात दिवसीय शिविर में पांचवें दिन सड़क सुरक्षा कार्यक्रम एवं परिसर सौंदर्यकरण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। एनएसएस गीत से प्रारम्भ करके कार्यक्रम में प्रतिष्ठा कोठारी ने सड़क सुरक्षा सम्बंधी नियमों की जानकारी दी और यातायात चिह्नों की जानकारी देते हुये यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने एवं उसे सुरक्षित बनाने के उपाय बताये। छात्राओं ने सड़क सुरक्षा गीत भी प्रस्तुत किया। स्वयंसेविका रचना सोनी, डिम्पल सोनी, कोमल शर्मा व कीर्ति पारीक ने एक नाटिका प्रस्तुत करते हुये सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। कार्यक्रम में प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर, अभिषेक चारण व सोनिका जैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अगले चरण मेें परिसर सौंदर्यकरण के सम्बंध में छात्राओं ने आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्रांगण मेें प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी के निर्देशन में रंग-रोगन का कार्य किया गया।
वाहन-चालन में गलती को सरकार व नियति दोनों ही माफ नहीं करते- धन्नाराम
06 फरवरी 2019। प्रशिक्षु आरपीएस अधिकारी धन्नाराम ने कहा है कि जिन्दगी बड़ी अनमोल है, इसे मुफ्त में नहीं गमायें। जीवन को सार्थक बनाने के लिये अनुशासन बहुत आवश्यक है और इसी से राष्ट्र की सेवा संभव है। यातायात के नियमों का पालन करना इसी अनुशासन में शामिल है। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिये स्वयं को लापरवाह होने से बचायें और सदैव सावधानी रखें। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय शिविर में बुधवार को सड़क सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेविका छात्राओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून देश के सुसंचालन के लिये होते हैं। उनका पालन आवश्यक है। उन्होंने दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाना और दो से ज्यादा सवारी नहीं बैठाने को सुरक्षा व कानून दोनों दृष्टियों से जरूरी नियम बताया। इसी प्रकार चारपहिया वाहनों के चालकों के लिये सीट बेल्ट लगाने को आवश्यक नियम बताया। उन्होंने गति सीमा का ध्यान रखने का सब वाहन चालकों के लिये जरूरी बताया तथा वाहन चलाते हुये मोबाईल पर बात करने, ईयरफोन इस्तेमाल करने को अनुचित बताया तथा यातायात के नियमों का पालन नहीं करने और लापरवाही करते हुये गलती करने पर कानून माफ नहीं करता तो नियति भी माफ नहीं करती और व्यक्ति केवल अपना ही नहीं, बल्कि अपने परिवार, समाज और राष्ट्र का भी नुकसान करता है।
अपने शौक को शोक नहीं बनने दें
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सेवा परायेपन को समाप्त करती है। इससे अपनत्व जुड़ता है और अहं पीछे छूटता है। जहां परायापन हो, वहां सेवा नहीं हो सकती। सेवा में अपनापन, मधुरता होनी चाहिये, तभी सेवा सही रूप होती है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं से सेवा कार्य के लिये तत्पर रहने के लिये प्रेरित करते हुये कहा कि राष्ट्र सेवा में कभी चूक नहीं होनी चाहिये, तो यातायात के नियमों के पालन में भी चूक नहीं होनी चाहिये। प्रो. त्रिपाठी ने उदाहरण देते हुये कहा कि देश ने दो कद्दावर नेताओं राजेश पायलट व गोपीनाथ मुंडे को थोड़ी सी चूक के कारण सड़क दुर्घटनाओं में खो दिया था। जिन्दगी में थोड़ी सी चूक जिन्दगी छीन लेती है। मोबाईल व ईयर फोन का शौक हो, लेकिन कहीं वह शोक नहीं बन पाये, इसकी सावधानी भी जरूरी है। यातायात नियमों के पालन की शुरूआत स्वयं से करें और फिर समाज को बदलें। कार्यक्रम का शुभारम्भ एनएसएस के गीत से किया गया। स्यसेविका करिश्मा खान ने यातायात के नियम समझाये और उनका पालन करने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अंत में एनएसएस के प्रभारी डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने आभार ज्ञापित करते हुये कहा कि देश भर में व्यापक रूप से हर स्तर पर संचालित सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत हमारी एनएसएस की ईकाईयां भी भागीदार बना है, तो सड़क सुरक्षा नियमों का पालन स्वयं से ही शुरू करें। प्रत्येक चालक को सूझबूढ व सावधानी का प्रयोग करना चाहिये, इसीसे जीवन सुरक्षित रहेगा। कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठा कोठारी ने किया।
रैली निकाल कर दिया संदेश
राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं ने इस कार्यक्रम के पश्चात रैली निकाल कर आम लोगों को जागरूकता का संदेश दिया। इस रैली को जैन विश्वभारती संस्थान परिसर से पुलिस अधिकारी धन्नाराम व प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी व प्रो. अनिल धर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एनएसएस प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर के नेतृत्व में यह रैली छइी पट्टी, हरियाणा भवन, पहली पट्टी, सदर बाजार, गांधी चैक, राहूगेट आदि से होते हुये वापस संस्थान लोटी। सभी स्वयंसेविकाओं ने अपने हाथों में सड़क सुरक्षा से सम्बंधित संदेश लिखी तख्तियां ले रखी थी और नारे लगाते हुये लोगों को यातायात नियमों के पालन व सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिये जागृत किया।
साहस व मजबूत संकल्प से करें मुसीबत का मुकाबला- प्रो. त्रिपाठी
7 फरवरी 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) व आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की राष्ट्र सेवा योजना की दोनों इकाईयों के संयुक्त रूप से आयोजित सात दिवसीय शिविर का समापन गुरूवार को समारोह पूर्वक सम्पन्न किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुये कहा कि छात्राओं को मजबूत संकल्प के साथ साहसपूर्वक समस्त चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिये। कोई भी मुसीबत कभी कह कर नहीं आया करती है, लेकिन अपनी क्षमता ऐसी होनी चाहिये कि हम हर मुसीबत से टकराने में पीछे नहीं हटें। उन्होंने पुरूषार्थ की महत्ता बताते हुये कहा कि कर्म के मैदान में पुरूषार्थी कभी पीछे नहीं कटा करते हैं। इसलिये कर्म को कभी भार नहीं समझें और कर्म में आनन्द का अनुभव करें। उन्होंने सेवा का अर्थ समझाते हुये कहा कि सेवा करने वाले को सेवा का लाभ अवश्य मिलता है। कार्यक्रम में अतिथि जगदीश यायावर ने कहा कि सात दिनों में जो कुछ सीखा, उसका उपयोग अपने जीवन में भी करना चाहिये। प्रभारी डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की सीख तो सर्वत्र मिलती है, लेकिन अधिकरों के साथ दायित्वों का भी भान होना चाहिये। जहां सेवा का काम होता है, वहां कर्तव्य निभाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने सात दिनों में सीखे गये अनुभवों को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में उतारने के लिये प्रेरित किया।
आशुभाषण व गायन में स्नेहा प्रथम रही
कार्यक्रम में छात्रा दक्षता कोठारी ने महिलाओं की सुरक्षा से सम्बंधित टिप्स बताये। पूजा चैधरी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में बताया। सपना स्वामी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संदेश अपनी कविता के माध्यम से दिया। सोनम, नगीना, रेहाना बानो, शाहीन मोयल, अनीशा व रिद्धि ने अपने शिविर के अनुभवों को साझा किया। प्रारम्भ में छात्रा नगीना बानो ने शिविर के सता दिनों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अंत में योगिता शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हेमलता सैनी व कुसुम ने किया। शिविर के दौरान स्वयंसेविकाओं के बीच रोचक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिसमें विजेता रही स्वयंसेविकाओं को इस समारोह में पुरस्कृत किया गया। प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने घोषणा की कि एकल गायन प्रतियोगिता में स्नेहा पारीक प्रथम, सोनम कंवर द्वितीय व सरिता शर्मा तृतीय स्थान पर रही। आशुभाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर स्नेहा पारीक, द्वितीय नगीना बानो एवं तृतीय दिव्यता कोठारी रही। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम आरती सिंहारिया, द्वितीय सोनम कंवर व तृतीय मुस्कान बानो रही। प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी व जगदीश यायावर ने इन सभी को पुरस्कार प्रदान किये।
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