जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में हेयर स्टाईल कोर्स का आयोजन

हाथ के हुनर से संभव है आर्थिक उतार-चढाव का मुकाबला- कक्कड़

लाडनूँ, 4 फरवरी 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने कहा है कि वर्तमान युग अर्थ प्रधान है, जिसमें लगभग प्रत्येक व्यक्ति के गृहस्थी जीवन में आर्थिक उतार-चढाव के चलते एक व्यक्ति की कमाई से घर का पूरा बजट उठाना मुश्किल हो जाता है। महिलायें भी घर जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं। हाथ का हुनर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और महिलाओं को स्वावलम्बी बना सकता है। वे यहां सेमिनार हाॅल में महिला कौशल उन्नयन योजना के तहत अल्पकालीन हेयर स्टाईल कोर्स के शुभारम्भ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कला महिलाओं का महत्वपूर्ण गुण माना जाता रहा है। गाना, नृत्य, केश सज्जा, मेहंदी, वस्त्राभूषण, श्रृंगार, भोजन आदि हाॅबीज माने जाने वाले शौक आज प्रोफेेशन बन चुके हैं। ये महिलाओं के गुणों में शुमार विभिन्न कलायें हैं, जिनमें हर महिला पारंगत होना चाहती है। उन्होंने कहा कि महिला कौशल कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न छोटे-छोटे कोर्स शुरू किये जाने हैं, जिनमें से यह केश-सज्जा का कोर्स शुरू किया जा रहा है। प्रशिक्षिका कमलेश ने इस अवसर पर कहा कि वे 15 दिनों में सभी प्रशिक्षणार्थी बहिनों को हेयर स्टाईल की विभिन्न तकनीकें प्रायोगिक तौर पर माॅडल के साथ सिखायेंगी तथा आय बढाने के तरीके भी इस कला के माध्यम से बतायेंगी। कार्यक्रम समन्वयक विजयकुमार शर्मा ने अंत में आभार ज्ञापित करते हुये सुखद प्रशिक्षण व उज्ज्वल भविश्य की कामना की।

सीखे गये हुनर जीवन भर आते हैं काम- शर्मा

20 फरवरी 2019। संस्थान में महिला कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित 15 दिवसीय केश-सज्जा एवं सौंदर्य प्रशिक्षण शिविर का समापन यहां समारोह पूर्वक किया गया। कार्यक्रम समन्वक विजय कुमार शर्मा ने कहा कि महिलाओं में कला के प्रति जागरूकता एवं स्वावलम्बन के लिये उन्हें तेयार करने के लिये यह विश्वविद्यालय निरन्तर अनेक प्रकार की गतिविधियां संचालित करता रहता है। यहां सीखे हुये हुनर महिलाओं के लिये जीवन भर काम आने वाले सिद्ध होते हैं। उन्होंने शीघ्र ही कम्प्युटर प्रशिक्षण व कम्पयूटर एकाउंटिंग टैली का प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के लिये एक माह का प्रशिक्षण प्रदान करने की सूचना भी दी। कार्यक्रम में हेयर स्टाईल प्रशिक्षिका कमलेश ने बताया कि सौंदर्य प्रशिक्षण का कोर्स बहुत विशाल है, लेकिन छोटे-छोटे कोर्स के माध्यम से इसे आसानी से हृदंयगम किया जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संचालिक कोर्सेज के लिये अपनी सेवायें देने में अपना गौरव बताया। विशिष्ट अतिथि जगदीश यायावर ने कलायें सीखना महिलाओं की विेशेषताओं में वृद्धि करना बताया और हर हुनर सीखने के लिये उद्यत रहने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में नीतु जोशी, विनीता कुमारी पाठक, योगिता शर्मा, मोनिका सैन आदि ने प्रशिक्षण के अपने अनुभवों को साझा किया। काय्रक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया।

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