जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में दो दिवसीय दीक्षारम्भ समारोह का आयोजन

दायरे से बाहर निकल कर नई सोच अपनायें- प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 21 अगस्त 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) विद्यार्थियों की प्रेरणा के लिये आयोजित कार्यक्रम दीक्षारम्भ समारोह में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि अपनी क्षमताओं को पहचानें और हमेशा अपनी सीमित सोच को विस्तीर्ण करें। दायरे के भीतर रहने के बजाये दायरे से बाहर निकलें और देखें कि आपकी नई सोच आपके लिये संभावनाओं के नये द्वार खोल देती है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की क्षमताओं को उभारने के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। आपको अपने भीतर के ज्ञान को उजागर करना होगा। उन्होंने महान भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हाॅकिन्स का उदाहरण देते हुये बताया कि मात्र 21 साल की उम्र में, जिन्हें जटिल बीमारी ने जकड़ लिया और मौत के करीब चले गये, वे व्हील चेयर पर जिन्दगी बिता कर भी अपने आत्मविश्वास के कारण 73 साल की आयु पाये और विश्व को विज्ञान में बहुत कुछ प्रदान किया। प्रो. दूगड़ ने कहा कि सुख कभी मांगने से नहीं मिलता, बल्कि जागने से मिलता है। हम जागरूक होकर ही सुख को प्राप्त कर सकते हैं। दूसरों की खुशी के लिये अपने इरादे बदलने का आह्वान करते हुये उन्होंने कहा कि परिवार आपको एक दोस्त की तरह समझे और आपके दोस्त परिवार की तरह से माने, ऐसी एकात्मकता होनी आवश्यक है। उन्होंने जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय को अन्य सभी विश्वविद्यालयों से अलग बताते हुये कहा कि यहां नैतिक मूल्यों के संचालन के लिये अनुशास्ता का पद सर्वोपरि रखा गया है।

जीवन मूल्यों व चरित्र की शिक्षा देने वाला विश्वविद्यालय

दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने इस अवसर पर जैविभा विश्वविद्यालय की विशेषताओं को बताते हुये कहा कि आचार्य तुलसी ने इसकी स्थापना इस सोच के साथ की थी कि देश में तत्समय मौजूद 209 विश्वविद्यालयों से लीक से हट कर यह विश्वविद्यालय जीवन मूल्यों और चरित्र की शिक्षा देने वाला बने। उन्होंने बताया कियहां के पाठ्यक्रमों में चरित्र निर्माण और जीवन मूल्यों की बातें समाहित है। प्राकृत व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री ने अपने विभाग के संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी दी और बताया कि कर्तव्य और अकर्तव्य का ज्ञान शास्त्रों को पढ कर ही होता है और शास्त्र सारे संस्कृत व प्राकृत में हैं। अहिंसा व शांति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर ने दोहरी डिग्री कार्यक्रम की जानकारी देते हुये अहिंसा व शांति विभाग की गतिविधियों और पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, समाज कार्य विभाग की डाॅ. पुष्पा मिश्रा आदि ने अपने-अपने विभागों के बारे में जानकारी दी। समारोह में मनीषा ने ‘थानैं नैणां में बंद कर राखूंली...’ गीत पर एकल नृत्य, वंदना एवं ग्रुप ने ‘घूमर घूमै ली जी...’’ पर समूह नृत्य और पूर्णिमा ने ‘रंगीला सावण आयो रै’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये। प्रारम्भ में संयोजक डाॅ. भाबाग्रही प्रधान ने कार्यक्रम की आवश्यकता और भूमिका का प्रस्तुतिकरण किया। हिमांशी व समूह ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। अंत में डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सभी संकायों के सदस्य शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

विद्यार्थियों को कलाओं में पारंगत बनाने का काम करे शिक्षण संस्थायें- दूगड़

22 अगस्त 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) विद्यार्थियों की प्रेरणा के कार्यक्रम दीक्षारम्भ समारोह के द्वितीय दिवस समापन समारोह के अवसर पर आयोजित फ्रेशर पार्टी में मुख्य अतिथि कनक दूगड़ ने कहा है कि छात्राओं में विभिन्न कलात्मक प्रतिभाओं को देखकर वे अभिभूत हैं। एक से बढ कर एक प्रदर्शन उनकी क्षमताओं का प्रतीक है। छात्राओं के अपनी-अपनी कला में निरन्तर पारंगत बनने में यह विश्वविद्यालय सहायक है। यहां संचालित विभिन्न गतिविधियां छात्राओं के सर्वागीण विकास में योगदान करती है और उनके जीवन को उन्नत बनाने का काम करती है। शिक्षण संस्थानों के लिये इस दिशा में कार्य करना चाहिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह कार्यक्रम जूनियर विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने एवं सीनियर को उनका सहयोगी बनाने में सहायक है। जैविभा विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्थान है, जहां की परम्परा अन्य समस्त विश्वविद्यालयों से अलग है। यहां संयम और समता की भावना का विकास किया जाता है। उन्होंने समय की प्रतिबद्धता को आवश्यक बताते हुये कहा कि केवल विद्यार्थी जीवन में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन में व्यक्ति के लिये समय की प्रतिबद्धता काम आती है। इस अवसर पर सीनियर व जूनियर छात्राओं ने विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां दी। इनमेे आरती तिवाड़ी, मेहराज, पूर्णिमा चैधरी, सोनिया, पुष्पा, प्रीति जांगिड़ आदि ने राजस्थानी व पंजाबी गीतों पर एकल नृत्य प्रस्तुत करके वाहवाही लूटी। अम्बिका एवं ग्रुप तथा निरन्जन एवं ग्रुप ने सामुहिक नृत्यों की प्रस्तुति देकर सबका मन मोहा। कार्यक्रम में पीपीटी के माध्यम से छात्राओं का आकर्षक फोटो परिचय प्रस्तुत किया गया। टेलेंट शो, प्रतियोगिताओं एवं अन्य प्रस्तुतियों ने सबको मोहित किया। कार्यक्रम के पश्चात सामाजिक समरसता भोजन का आयेाजन भी किया गया। कार्यक्रम में लिपि दूगड़, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. आभासिंह, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. मनीष भटनागर, बलवीर सिंह, डाॅ. सोमवीर सांगवान, डाॅ. गिरीराज भोजक, अजयपाल सिंह, डाॅ. गिरधारी राम, डाॅ. विष्णु कुमार आदि के अलावा छात्रायें उपस्थित रही।

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