जैन विश्वभारती (मान्य विश्वविद्यालय) में आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल ऑफ नेच्युरोपेथी एण्ड योग के शिलान्यास समारोह का आयोजन

अंग्रेजी दवाओं के कुप्रभाव से मुक्ति दिलाती है नेचुरोपैथी - विधायक भाकर

लाडनूँ, 9 नवम्बर 2019। विधायक मुकेश भाकर ने कहा है कि अंग्रेजी दवाओं का साइड इफेक्ट होता है। प्रायः हर मरीज में अंग्रेजी दवाओं का नकारात्मक प्रभाव देखा जाता है और इसी कारण मरीज को अक्सर किसी ऐसी चिकित्सा पद्धति की तलाश रहती है, जो पूरा प्रभाव करे, बीमारी को पूरा समाप्त करे और उसका कोई साईड इफेक्ट नहीं हो। वे यहां जैन विश्व भारती (मान्य विश्वविद्यालय) के तत्वावधान में आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल ऑफ नेच्युरोपेथी एण्ड योग के शिलान्यास समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति मे उनका सदैव प्रभाव रहा है और वे मरीजों को कम मूल्य और दवाओं से रहित इस चिकित्सा पद्धति के लिये सलाह देते हैं। इसमें चिकित्सा की पद्धति में विभिन्न क्रियाओं, योग, भोजन आदि के माध्यम से मरीजो पूरी तरह से ठीक किया जाता है। विधायक ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे कहीं अपने क्षेत्र की बात करते हैं तो सभी जैन विश्वभारती संस्थान वाला लाडनूँ कहते हैं। इस विश्वविद्यालय ने केवल लाडनूँ को ही नहीं पूरे जिले को अलग पहचान प्रदान की है।

आचार्य महाप्रज्ञ की कल्पना को कर रहे हैं साकार

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कहा कि नेचुरोपैथी मेडिकल काॅलेज एवं होस्पिटल खोलना इस विश्वविद्यालय की यह महत्वाकांक्षी योजना थी और आचार्य महाप्रज्ञ की कल्पना थी, जिसे उनके जन्म शताब्दी वर्ष में पूरा किया जा रहा है।यह एक बहुत बड़ी योजना है और लाडनूँ के लिये ऐतिहासिक अवसर है। उद्योगपति कमल किशोर ललवानी और पदमचंद भूतोड़िया इस संस्थान में अब तक के सबसे बड़े भामाशाह दानदाता हैं, जो इस परियोजना में सहयोग प्रदान कर रहे हैं। जैन विश्वभारती के अध्यक्ष अरविन्द संचेती ने इस अवसर पर कहा कि पिछले 29 सालों में जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय ने नई ऊंचाइयां हासिल की है। यह मेडिकल काॅलेज उनमें एक नया आयाम है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की मातृसंस्था के रूप में जैन विश्व भारती कार्यरत है, लेकिन मूल से ब्याज प्यारा होता है, इसलिये संस्थान का हित और उसके लिये चिंतन हमारी प्राथमिकता रहती है। भामाशाह उद्योगपति पदमचंद भूतोड़िया ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेचुरोपैथी महंगी व घातक प्रभाव वाली दवाओं से छुटकारा दिलवा कर सस्ती व प्राकृतिक तरीके से स्वास्थ्य लाभ देने वाली पद्धति है, जिसका लाभ लाडनूँ व आस पास के पूरे क्षेत्र को मिल पायेगा। उपखंड अधिकारी मुकेश चैधरी ने कहा कि लाडनूँ में नेचुरोपैथी मेडिकल काॅलेज का स्थापित होना एक गौरव की बात है। यह विश्वविद्यालय वैसे ही लाडनूँ की पहचान बन चुका है और अब तो इसकी ख्याति दूर-दराज तक फैल जायेगी। दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया और नेचुरोपैथी काॅलेज के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। पूर्व मुख्य न्यासी भागचंद बरड़ि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे।

शिलान्यास का कार्यक्रम व शिलालेख अनावरण

इस समारोह के पशचात जैन विश्वभारती परिसर के समीप गोपालपुरा-सुजानगढ हाईवे लिंक रोड पर शिलान्यास का कार्यक्रम धार्मिक विधि-विधान से किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले डाॅ. योगेश कुमार जैन के नेतृत्व में भक्तामर स्तोत्र का पाठ किया गया, तत्पश्चात मुख्य अतिथि कमल किशोर पटावरी, पदमचंद भूतोड़िया व कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने सपत्नीक बैठ कर भूमि पूजन किया। इसके बाद नींव में विविध सामग्री रखी जाकर पूजन किया जाकर शिलान्यास करवाया गया। मोहन सियोल के हाथों से पूजित पत्थरों को नींव में सीमेंट के साथ लगवाया गया। पं. बाबूलाल शर्मा ने विधि-विधानपूर्वक समस्त पूजन व अन्य धार्मिक क्रियायें सम्पन्न करवाई। इस अवसर पर ठेकेदर बख्सू सिलावट का सम्मान भी किया गया। शिलान्यास सम्बंधी शिलालेख का अनावरण विधायक मुकेश भाकर, भामाशाह कमलकिशोर ललवानी पदमचंद भूतोड़िया, भागचंद बरड़िया, कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, अरविन्द संचेती आदि ने किया। कार्यक्रम में थानाधिकारी मुकुट बिहारी मीणा, शहर काजी सैयद मो. अयूब अशरफी, रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता, ललित वर्मा, रामनिवास पटेल, रमेश सिंह राठौड़, अभयनारायण शर्मा, भंवर लाल जांगिड़, पार्षद विजयकुमार भोजक, पार्षद आरिफ खां, पार्षद रमजान खां, कालू राम गेनाणा, जिला परिषद सदस्य पन्नाराम भामू, अब्दुल हमीद मोयल, रघुवीर सिंह राठौड़, राजेन्द्र माथुर, रिछपाल गोदारा, परवीना भाटी, सरिता जैन, पार्षद रेणु कोचर, रतनलाल बावरी आदि उपस्थित रहे।

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