जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ विषय पर वेबिनार आयोजित

युवाओं में कार्य के प्रति ललक, उत्साह व जोश पैदा होना जरूरी- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 12 मार्च 2021।जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ विषय पर एक बेबिनार का आयोजन किया गया। संयोजक डाॅ. अमिता जैन ने बताया कि भारत सरकार अगले वर्ष स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आयोजित कर रही है। वर्ष 2022 के स्वतंत्रता दिवस से 75 सप्ताह पहले इन कार्यक्रमों का आरम्भ 12 मार्च से हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से इन आयोजनों का शुभारम्भ करेंगे जो 5 अप्रैल तक चलेंगे।

इस वेबिनार की आयोजना में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि इस महोत्सव को मनाने का उद्देश्य 12 मार्च 1930 की तिथि को याद करना है, जिससे हम युवाओं में कार्य के प्रति ललक, उत्साह, और जोश उत्पन्न हो। उन्होंने 11 सूत्रों की भी चर्चा की, जो देश हित के विषय में थे। इस अवसर पर हमारे सवतंत्रता सेनानियों को भी नहीं भुलाया जा सकता। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने कहा कि हम अपने विकास से ही देश के विकास को देख सकते हैं। हमारा विकास होगा तो स्वतः ही देश का विकास संभव है। हमें हिंसा से दूर रहकर मानसिक शांति प्राप्त करनी है। समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजेंद्र प्रधान ने आजादी के बाद देश का शिक्षा स्तर, संसाधन, उद्योगों का विकास, स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रगति, ग्रामीण विकास, यातायात आदि सुविधाओं एवं उन्नति से रूबरू करवाया। बेबिनार में 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया। साथ ही इस अवसर पर एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमे 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। संयोजिका डॉ. अमिता जैन ने कहा कि भारत जैसे विभिन्नताओं वाले देश में एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए महात्मा गांधी के दांडी मार्च का स्मरण करना अति आवश्यक है। कार्यक्रम में डॉ.मनीष भटनागर, डॉ. बी. प्रधान, डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. सरोज राय, डॉ. आभा सिंह, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. गिरधारी लाल, डॉ. बलवीर सिंह, डॉं प्रमोद ओला, ललित कुमार, विनोद कुमार आदि संस्थान के समस्त संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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