कोविड के प्रभाव से बढते मनोरोगों और उनके निराकरण पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

कोविड ने बढाए भय, हताशा, चिंताओं के साथ मनोरोग, जिनका निराकरण सामाजिक स्तर पर जरूरी- डाॅ. आईडी गुप्ता

लाडनूँ, 6 जून 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के तत्वावधान में कुलपति प्रो. बछराज दूगड़ के निर्देशन में एवं विभागाध्यक्ष समणी मल्लीप्रज्ञा की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय ‘‘योगा एडं काउंसलिंग फॉर मेंटल हेल्थ एडं वेल बींग इन प्रजेंट सिनेरीयो‘‘ था। इस वेबिनार में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्र से सम्बंधित प्रभावी वक्तव्य प्रस्तुत किए। एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज जयपुर के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. आईडी गुप्ता ने प्रमुख वक्ता के रूप में बताया कि वर्तमान समय कोविड-19 के कारण लोगों में भय, हताशा, चिंता, परेशानियों भरा रहा है। इसमें केवल कोरोना पीड़ित ही नहीं, उनके परिजन, रोजी बंद होने से परेशान लोगों, विद्यार्थियों आदि सभी के सामने मानसिक विसंगतियां पैदा हुई हैं। इनका मुकाबला करने के लिए सामाजिक स्तर पर सबको सजग होना होगा और सामूहिक व्यवहार की नीति अपनानी आवश्यक है। उन्होंने इस प्रकार की विभिन्न मनो-परेशानियों के बारे में बताते हुए उनके निराकरण के बारे में भी बताया। बिलासपुर छतीसगढ़ के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की प्रो. प्रतिभा मिश्रा ने विशिष्ट वक्ता के रूप में कोरोना महामारी के सभी पहलुओं की विस्तार पूर्वक व्याख्या की और उससे होने वाले प्रभावों को सामाजिक स्तर पर निपटने के उपायों पर चर्चा की। हिमाचल प्रदेश योगा एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. जेडी शर्मा योग विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना और उससे उत्पन्न अन्य बीमारियों का इलाज किसी भी पैथी से करवाया जाए, उसका उद्देश्य रोगी को शारीरिक, मानसिक दोनों तरफ सेवायें प्रदान करना ही है। उन्होंने रोग से मुक्त होने के पश्चात मानसिक परेशानियों के इलाज में मनोरोगी के परिवार व समाज की महती भूमिका के बारे में भी रेखांकित किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ अशोक भास्कर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि इस वेबीनार के माध्यम से विद्वान वक्ताओं ने इस महामारी के संदर्भ में परिवार व समाज की जिम्मेवारी पर प्रकाश डाला है, जो सभी के लिए लाभप्रद है तथा इस महामारी से लड़ने के लिए एक नवीन दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. युवराज सिंह खंगारोत ने किया।

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