अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
समानता, सह-अस्तित्व और परोपकार की भावनाएं ही मानवाधिकार रक्षा की आधार- प्रो. त्रिपाठी
लाडनूँ, 10 दिसम्बर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय तथा अहिंसा एवं शांति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. दामोदर शास्त्री ने की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि समानता, सह-अस्तित्व और परोपकार की भावनाएं ही मानवाधिकार की रक्षा की आधार होती हैं। जो कुछ भी अपने प्रति प्रतिकूल हो, वह किसी भी दूसरे के लिए नहीं करना चाहिए। अधिकार व कर्तव्य परस्पर साथ-साथ चलने वाले हैं। जीवो और जीने दो की भावना भी मानवाधिकारों की पूरह होती है। मानवाधिकार अपरिवर्तनशील और सार्वभौम होते हैं। ये सबके लिए होते हैं। हम अपने लिए किसी दूसरे के अधिकार का हनन नहीं कर सकते। उन्होंने मानवाधिकारों के लिए विवेक की जरूरत पर बल दिया। अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. दामोदर शास्त्री ने कहा कि सभी सुख चाहते हैं, इसलिए आवश्यक है कि हम सुखी रहें और किसी अन्य के सुख में बाधक नहीं बनें। अधिकारों के प्रति सजग रहें और किसी दूसरे के अधिकार का हनन भी नहीं करें। उन्होंने चार पुरूषार्थों को ही मानवाधिकार का मूल बताया और कहा कि सुख के लिए ही इन चार पुरूषार्थों को बनाया गया था। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के आधार पर ही कर्तव्य बनते हैं, जिनका पालन करना ही अधिकार भी बन जाते हैं। कर्तव्य व अधिकार एक दूसरे से मिले हुए हैं। प्रो. अनिल धर ने सर्व जीव अधिकार की बात करते हुए पर्यावरण के संरक्षण पर बल दिया और कहा कि ईश्वर रचित सृष्टि में प्रतयेक वस्तु का सम्मान करने से ही अधिकारों की रक्षा होती है। प्रो. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने वेदों में वर्णित सिद्धांतों के मानवाधिकारों के बारे में बताया और कहा कि प्रेम, भाईचारा, सहिष्णुता और समानता से ही मानवाधिकारों की रक्षा संभव है। प्रो. रेखा तिवाड़ी ने कर्तव्यों को अधिकारों से ऊपर बताया तथा कहा कि कर्तव्य पालन करने पर ही अधिकारों की मांग जायज होती है। उन्होंने आचरण सुधार पर जोर दिया। कार्यक्रम में छात्रा हेमपुष्पा चौधरी व वंदना आचार्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़ व डॉ. बलवीर सिंह चारण ने प्रारम्भ में स्वागत वक्तव्य और विषय की प्रस्तावना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लिपि जैन ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने सीडीएस जनरल विपिन रावत व अन्य सैनिक अधिकारियों के प्रति दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सभी संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Latest from
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही
- प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘आख्यानमणिकोश’ ग्रंथ पर प्राकृत मासिक व्याख्यानमाला का 37वां व्याख्यान आयोजित
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- छिपोलाई बालाजी मंदिर परिसर में पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- ‘ऑनलाइन सुरक्षित रहें अभियान’ के तहत वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
- दवाओं से दूर व प्रकृति के पास रहने पर ही रोगों से मुक्ति संभव- कुलपति प्रो. दूगड़
- एंटी रैगिग को लेकर विशेष बैठक आयोजित
- साइबर सिक्योरिटी पर ऑनलाइन पावर पॉइंट प्रतियोगिता आयोजित
- गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया
- विश्व योग दिवस पर किया सामुहिक योगाभ्यास
- केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन
- अहिंसा एवं शांति विभाग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- पांच दिवसीय संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम
- जैविभा संस्थान को ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ अवार्ड और संस्थान के कुलपति प्रो. दूगड़ को ‘ग्लोबल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
- प्राकृत भाषा को संविधान की मानक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाए- प्रो. सिंघवी
- आचार्य महाश्रमण की पुस्तक ‘संवाद भगवान से’ की समीक्षा प्रस्तुत
- संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर रक्षा की शपथ ली
- जैन विश्वभारती संस्थान की छात्रा स्मृति कुमारी ने किया संसद में राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- एनसीसी की छात्राओं को दो दिवसीय शिविर में दिए विभिन्न प्रशिक्षण
- लाडनूँ की छात्रा स्मृति कुमारी ने संसद में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित
- हम योग में ग्लोबल लीडर, अब नेचुरोपैथी में भी बनना है- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल
- एनसीसी कैडेट्स को रेंक का वितरण किया
- शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को दी जाए ईमानदारी के आचरण की प्रेरणा- प्रो. जैन
- तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनि महावीर कुमार को पर्यावरणीय चिंतन सम्बंधी शोध पर पीएचडी
- लाडनूँ की एनसीसी कैडेट को ईमानदारी व नैतिकता के टास्क में मिला स्वर्ण-पदक
- ‘भ्रष्टाचार से मुकाबले में शिक्षा की भूमिका’ पर राष्टीªय सेमिनार आयोजित
- सतर्कता जागरूकता के अन्तर्गत लोकगीत, लघुनाटिका व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन
- साइबर जागरुकता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत प्रतियोगिता का आयोजन