देश भर से आए प्रेक्षाध्यान शिविरार्थियों ने की दूरस्थ शिक्षा निदेशक से भेंट

शिक्षा के साथ संस्कारों और चरित्र पर बल आवश्यक- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 08 मार्च 2022। यहां जैन विश्व भारती स्थित आचार्य तुलसी अन्तर्राष्ट्रीय प्रेक्षाध्यान केन्द्र में प्रेक्षा फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रहे अष्ट दिवसीय शिविर की शिविरार्थियों ने जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का अवलोकन किया और निदेशक से भेंट करके विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं परीक्षाओं व व्यवस्थाओं आदि की जानकारी प्राप्त की। देश के विभिन्न स्थानों मुम्बई, दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, चिकमंगलूर, अहमदाबाद, सूरत, रायपुर, इन्दौर एवं अन्य स्थानों से आकर यहां प्रतिभागी सहभागिता कर रहे हैं, जिनमें सभी आयु वर्ग के व्यक्ति शामिल हैं। इन्हें निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कारों और चरित्र पर बल दिया जाता है। आधुनिक शिक्षा, विज्ञान व कम्प्यूटर साईंस के साथ यहां प्राच्य विद्याओं, जैन धर्म व दर्शन तथा विभिन्न दर्शनों, अंग्रेजी सहित प्राकृत व संस्कृत भाषाओं, योग, जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान आदि के शिक्षण, शोध तथा प्रसार पर जोर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दूरस्थ शिक्षा में सम्पर्क कक्षाओं से व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाता है। सहायक निदेशक पंकज भटनागर ने प्रेक्षाध्यान शिविर के इन शिविरार्थियों को दूरस्थशिक्षा के पाठ्यक्रमों व उनकी परीक्षाओं व केन्द्रों आदि की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर डॉ. जेपी सिंह, प्रगति चौरड़िया, आयुषी शर्मा आदि भी मौजूद रहे।

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