केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का कुलाधिपति बनने पर समारोह पूर्वक सम्मान

लाडनूं का जैन विश्वभारती संस्थान है एक विलक्षण विश्वविद्यालय- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल

लाडनू 12 मई 2022। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि लाडनूं का जैन विश्वभारती संस्थान एक विलक्षण विश्वविद्यालय है। यहां जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाती है और विद्यार्थी के लिए आदर्श जीवन का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। वे यहां महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। यह समारोह उनके कुलाधिपति पद पर नियुक्त होने के बाद पहली बार विश्वविद्यालय पहुंचने पर आयोजित किया गया। उन्होंने गणाधिपति आचार्य तुलसी के जीवन संस्मरण का उल्लेख करते हुए एक कहानी और रेलयात्रा के सम्बंध में दूसरी कहानी प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को गाली व अपशब्दों का प्रयोग नहीं करने एवं किसी के साथ धोखा नहीं करने की प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि वे केन्द्र सरकार द्वारा अच्छा प्रोजेक्ट इस विश्वविद्यालय को दिलवाएंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री व कुलाधिपति मेघवाल को शॉल, प्रतीक चिह्न, साहित्य एवं नियुक्ति पत्र प्रदान करके कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ व अतिथियों ने सम्मानित किया।

मूल्य केन्द्रित संस्थान है यह

कुलपति प्रो. दूगड़ ने अपने सम्बोधन में बताया कि इस विश्वविद्यालय में प्रोफेशनल्स का ही नहीं बल्कि मानव का निर्माण किया जाता है। यह मूल्य केन्द्रित संस्थान है। यह विश्व में पहला विश्वविद्यालय है, जहां अनुशास्ता का पद वैधानिक तौर पर है और अनुशास्ता के रूप में धर्मसंघ के आचार्य विश्वविद्यालय पर अलुशासन का अंकुश रखते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के अब तक रहे कुलाधिपतियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि अर्जुनराम मेघवाल के नियुक्त होने से यह विश्वविद्यालय गौरवान्वित है। प्रो. दूगड़ ने विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यहां के 4 शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। यहां के शिक्षक अमेरिका के विश्वविद्यालयों में स्थापित जैन चैयर में शिक्षण कार्य के लिए अमेरिका जाते रहते हैं। यहां के कुलपति रहे प्रो. रामजी सिंह को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जा चुका। योग एवं जीवन विज्ञान के विद्यार्थियों ने 7 विश्व-रिकॉर्ड बनाए हैं। यहां सैंकड़ों की संख्या में रिसर्च प्रोजेक्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि यहां जैनोलोजी तथा प्राकृत व संस्कृत विभागों में छात्रों से कोई फीस नहीं ली जाती है, अपितु उनके लिए संस्थान में आवास व भोजन की व्यवस्था भी रहती है। उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं व व्यवस्थाओं की उत्कृष्टता की जानकारी भी दी। प्रख्यात लेखक एवं प्रेरक वक्ता नन्दीतेश निलय ने अपने सम्बोधन में बताया कि वे जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय से मंत्रमुग्ध हैं। यह अद्भुत विश्वविद्यालय है, जहां मल्यों को स्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। यह अनोखी भूमि है, जहां इस युग में भी अच्छा होने के लिए प्रेरित किया जाता है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवा परिषद के अध्यक्ष पंकज डागा ने कुलाधिपति पद पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के पदभार ग्रहण करने पर विश्वविद्यालय की निरन्तर प्रगति की कामना की और कहा कि विश्वविद्यालय में विशेष पद विशेष व्यक्ति का पदस्थापित होना यहां की विशेषताओं को और प्रखर करेगा।

सदैव सहयोग को तत्पर है मातृसंस्था

जैन विश्व भारती के संयुक्त सचिव जीवनमल मालू ने कार्यक्रम में मातृसंस्था की ओर से विश्वविद्यालय को सदैव अधिकतम सहयोग करते रहने की भावना प्रकट की। समारोह में जैन विश्वभारती के पूर्व अध्यक्ष डॉ. धर्मचंद लूंकड़ व समाजसेवी केवलचंद मांडोत चैन्नई विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचस्थ थे। कार्यक्रम का प्रारमभ मुमुक्षु बहिनों के मंगलाचरण, हर्षिता एवं साथी के स्वागत गीत एवं प्रो. नलिन के. शास्त्री के स्वागत वक्तव्य के साथ किया गया। अंत में प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने आभार ज्ञापित किया। समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई, जिनमें राधिका व साथी ने गणेशं वंदना, ऐश्वर्या ने शास्त्रीय नृत्य, अर्चना शर्मा ने भजन, उर्वशी ने घूमर नृत्य एवं योग व जीवन विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने विभिन्न योगासनों व सूर्य नमस्कार का सामुहिक प्रदर्शन किया। छात्र अर्क ज्योति ने आश्चर्यजनक योगसानों एवं शरीर के लचीलेपन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ओड़ींट, सम्पत पारीक, महावीर चारण, अंजना शर्मा, जगदीश पारीक, देवाराम पटेल, मुरलीधर सोनी, ओमसिंह मोहिल, बनवारीलाल शर्मा आदि एवं समस्त विश्व्विद्यालय स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद रहे।

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