जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का 29वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन

समस्याओं के समाधान को नये ढंग से सोचने वाला ही सफल- प्रो. दाधीच

लाडनूँ, 18 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के 29वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि वर्द्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी कोटा के पूर्व कुलपति एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के प्रदेशाध्यक्ष प्रो. नरेश दाधीच ने किसी व्यक्ति के समाज में सफल होने के लिये केवल कागजी शिक्षा ही आवश्यक नहीं है, बल्कि जीवन के हर अनुभव से ग्रहण की जाने वाली शिक्षा महत्वपूर्ण होती है। समस्या के समाधान को नये तरीके से करने वाला व्यक्ति ही आगे बढ सकता है। किताबें पढने व नैतिकता सीखने के साथ अपने मस्तिष्क को समस्याओं का मुकाबला नये ढंग से करने में लगाने का प्रयास व्यक्ति को सफल बनाता है। महान व्यक्ति का जन्म अलग से नहीं होता, बल्कि उनका समस्याओं के प्रति अलग दृष्टिकोण होता है, जिससे उनकी महान बनने की संभावनायें बनती है। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी द्वारा प्रणीत यह विश्वविद्यालय जैन विद्या के अलावा आधुनिक शिक्षा के साथ नैतिकता का पाठ युवाओं को पढा रहा है। इस दृष्टि से यह अद्वितीय यह संस्थान है। वर्तमान में दुनिया में नैतिकता का अभाव हो रहा है, इसमें यह संस्थान यह सिद्ध कर रहा है कि नेतिकता आज भी प्रासंगिक है।

नेचुरोपैथी एवं योगा थैरेपी काॅलेज की स्थापना होगी

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने समारोह की अध्यक्षता करते हुये अपने सम्बोधन में कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान इस विश्वविद्यालय में आचार्य महाप्रज्ञ काॅलेज एंड हाॅस्पिटल आफ नेचुरोपैथी एंड योगा थैरेपी की स्थापना होने जा रही है। इसके अलावा वर्ष भी आचार्य महाप्रज्ञ जयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर देश-विदेश में व्याख्यानों का आयोजन एवं पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा। हमने लक्ष्य रखा है कि अपने शिक्षकों की क्षमताओं को और अधिक बढाने और नई ऊर्जा को उजागर करने का कार्य करेंगे। विद्यार्थी सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। विश्वविद्यालय में प्लसेमेंट अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी, ताकि युवाओं को रोजगार की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय की इंटरनेशनल नेटवर्किंग एवं एल्युमिनी एसोसियेशन को सुसंगठित करके पूर्व छात्रों का संस्थान के विकास में उपयोग लिया जाने का प्रयास किया जायेगा। प्रो. दूगड़ ने पर्यावरण संरक्षण को बढावा देने के लिये घोषणा की कि विश्वविद्यालय में समस्त कार्यालयीन कार्य को यथासंभव पेपरलेस किया जायेगा। संस्थान को उच्च मानकों तक ले जाने के लिये सारा स्टाफ सक्रिय हैं। उन्होंने सबसे आग्रह किया कि अपने क्षेत्र में नवाचार करें और नये-नये प्रयेाग करें। नई सोच चाहे छोटी ही क्यों न हो, वह बड़े परिणाम दे सकती है।

सम्मान और पुस्तक विमोचन

कार्यक्रम में समणी नियोजिका समणी मल्लिप्रज्ञा ने बताया कि विश्वविद्यालय में सभी एक परिवार की तरह से रह रहे हैं। जैन विश्व भारती के सहमंत्री जीवनमल मालू ने मूल्य शिक्षा एवं नैतिकता को समर्पित संस्थान को विदेशोें तक में प्रख्यात बताया। प्रारम्भ में कुलसचिव रमेश कुमार दाधीच ने वार्षिक प्रगति विवरण प्रस्तुत किया तथा बताया कि अपनी स्थापना से लेकर विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति की ओर बढ रहा है। प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया एवं डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। समणी प्रणव प्रज्ञा ने मंगल संगान करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में समाजसेवी भागचंद बरड़िया विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्वारा पांच लाख की राशि से सम्मानित किये जाने के लिये चयन किये जाने पर प्रो. दामोदर शास्त्री, राष्ट्रपति द्वारा एक लाख के पुरस्कार के लिये चयन किये जाने पर डाॅ. योगेश जैन, मानवाधिकार आयोग द्वारा घरेलु हिंसा पुस्तक को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किये जाने पर डाॅ. वीरेन्द्र भाटी एवं महिला छात्रावास की वार्डन गीता पूनिया को सम्मानित किया गया। इसके अलावा श्रेष्ठ शिक्षक अवार्ड के लिये डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, श्रेष्ठ कर्मचारी अवार्ड के लिये सुरेन्द्र काशलीवाल, मदनसिंह तथा श्रेष्ठ विद्यार्थी अवार्ड के लिये अधिस्नातक वर्ग में प्रवीणा राठौड़ व स्नातक वर्ग में सरिता शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विजेता रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘बाल कथा संसार’’ एवं डाॅ. आभासिंह व डाॅ. गिरधारी लाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘शिक्षा में निर्देशनः परामर्श एवं सांख्यिकी’’ का अतिथियों ने विमोचन किया। कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की जिला संयोजक सुमित्रा आर्य, रमेश सिंह राठौड़, सुशील कुमार पीपलवा, राजेन्द्र माथुर, अभयनारायण शर्मा, आरके जैन, पंकज भटनागर आदि उपस्थित थे। अंत में प्रो. अनिल धर ने आज्ञार ज्ञापित किया।

संस्थान के विद्यार्थियों ने योग का प्रदर्शन करके दर्शकों को किया अचम्भित एवं छात्राओं की नृत्य प्रस्तुतियों ने सबको मोहित किया

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के 29वें स्थापना दिवस समारोह के द्वितीय चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदर्शित किये गये योग के विभिन्न आसनों की आकष्रक प्रस्तुति ने सबको अचम्भित किया और उन्हें मुक्त कंठ से सराहा गया। विश्वविद्यालय के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने मंच पर सामुहिक रूप से विभिन्न यौगिक क्रियाओं और आसनों का आकर्षक प्रस्तुतिकरण किया, जिनमें लगभग सारे आसन एक साथ आ गये। इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में देश भक्ति एवं राष्ट्रीय एकता से ओतप्रोत नृत्य-गीत आदि समाहित रहे। कार्यक्रम में उषा एवं समूह ने पैरोडी गीतों पर आधारित देशभक्ति गीत व नृत्य प्रस्तुत किया। महनाज एवं समूह ने ‘‘संदेश आते हैं.....’’ गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी।

नाटक से दिया स्वच्छता का संदेश

मुमुक्षु छात्राओं ने नाटिका की प्रस्तुति करते हुये स्वच्छता का संदेश दिया और स्वच्छ भारत नारे का महत्व समझाया। इसी प्रकार समाज कार्य विभाग के विद्यार्थियों ने भी अपनी नाटक की प्रस्तुति में स्वच्छता को आधार बनाया तथा सब दर्शकों को स्वच्छता का खयाल रखने के लिये जागरूक किया। खुशनुमा समूह ने मारवाड़ी पैरोडी गायन के साथ राजस्थानी नृत्य की प्रस्तुति दी। दक्षता एवं समूह ने बाॅलीवुड के गानों पर आधारित शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। नीलोफर समूह ने पंजाबी नृत्य, मुस्कान समूह ने राजस्थानी नृत्य एवं महिमा समूह ने होली गीतों पर आधारित नृत्य पेश किया। मीनू रोडा ने माही तेरी चुनरिया... गीत पर एकल नृत्य पेश किया। जौहरा फातिमा एवं समूह ने कार्यक्रम में भर दे झोली मेरे या..... कव्वली प्रसतुत करके वाह-वाही लूटी। संध्या एवं समूह ने अटक-अटक... गीत पर अर्धनारीश्वर नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों से खूब दाद पाई। प्रारम्भ में सरिता एवं समूह ने स्वागत गीता प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रतिष्ठा एवं समूह द्वारा गणेश वंदना करके किया गया। कार्यक्रम में कुल 15 समूहों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

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