कुलपतित्व काल के छह वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का आयोजन

पुरूषार्थ पूर्वक समय का सार्थक उपयोग करने पर आती है सशक्ति- प्रो. दूगड़

फिजियोथैरेपी सहित विभिन्न नए कोर्स शुरू किए जाने की कुलपति ने की घोषणा

लाडनूँ, 30 अप्रेल 2022। जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि समय का सार्थक उपयोग पुरूषार्थ पूर्वक करने पर व्यक्ति या संस्थान सशक्त बन सकते हैं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं हुआ करती। अपना लक्ष्य सामने रखकर हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। हर व्यक्ति में पर्याप्त क्षमता होती है, जरूरत है कि वह अपनी सुप्त क्षमताओं को जागृत करके उनका उपयोग भी शुरू करे। उन्होंने अपने कुलपतित्व काल के छह वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में विश्वविद्यालय स्टाफ द्वारा रखे गए कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आने वाली चुनौतियों से मुकाबले का आह्वान करते हुए कहा कि अब तक यहा विश्वविद्यालय तेरापंथ समाज का स्वावलम्बी संस्थान बन चुका है और पांच साल में अपने पैरों पर खड़ा होने के समर्थ हो पाया है।

शीघ्र शुरू किया जाएगा मेडिकल कॉलेज

कुलपति ने इस अवसर पर कहा कि नामांकन बढाने पर पूरा जोर दिया जाना जरूरी है तथा संस्थान की महत्वाकांक्षी योजना आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेंज एंड होस्पिटल आफ नेचुरोपैथी एवं योग को अविलम्ब शुरू किया जाना है और सबके सहयोग से यह संभव हो पाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में नए कोर्स के रूप में डायटीशियन कोर्स शुरू करने और उसे एमए स्तर का स्वतंत्र विभाग के रूप में विकसित करने की आवश्यकता बताई। इसी तरह से फिजीयोथैरेपी कार्यक्रम शुरू करने और ट्रांसलेशन, एजुकेशन व जैनोलोजी में भी नए कोर्सेज शुरू करने की आवश्यकता बताई। योग, जैनोलोजी, प्राकृत, शिक्षा आदि पर शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी शुरू करने की घोषणा की तथा स्किल बेस्ड कोर्स शुरू करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जैनविद्या सम्बंधी विभाग के लिए विश्वविद्यालय का पूरे देश के जैन, बौद्ध, प्राच्य विद्या के साथ नेटवर्क स्थापित करने की घोषणा भी की। कुलपति ने देश भर में फैले जैन मैन्युस्क्रिप्ट और साहित्य की सूचियां अपडेट रखे जाने की जरूरत पर भी बल दिया। कुलपति प्रो. दूगड़ ने संस्थान में चलाई जा रही पांच व्याख्यानमालाओं की जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य विद्यानन्द स्मृति व डा. अब्दुल कलाम स्मृति व्याख्यानमालाओं की शुरूआत की जा चुकी है। अब 5-6 व्याख्यानमालाएं और शुरू करने की योजना है, ताकि हर माह देश के विशिष्ट विद्वान विश्वविद्यालय में आएं और यहां सबको लाभान्वित करें। कार्यक्रम में प्रो. नलिन के. शास्त्री, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. वन्दना कुंडलिया, मोहन सियोल, डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, राकेश कुमार जैन व प्रो. रेखा तिवाड़ी ने कुलपति पद के छह वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया और आगामी कार्यकाल के लिए प्रो. दूगड़ व विश्वविद्यालय के लिए शुभाशंषाएं अभिव्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. युवराजसिंह खांगारोत ने किया।

Read 2309 times

Latest from