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आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित

बिरसा मुंडा अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासी आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर - प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 16 नवम्बर 2022। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रंृखला में आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुण्डा की जयन्ती पर एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम संयोजक अभिषेक चारण ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने की। अपने सम्बोधन में प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि 15 नवम्बर 1875 रांची (झारखण्ड) में साधारण जनजातीय परिवार में जन्मे बिरसा बालपन से ही विभिन्न अवसरों पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते रहे। बिरसा ने अपने शुरुआती पढ़ाई जर्मन मिशन स्कूल चाईबासा से की। उन्होंने आदिवासियों पर किये जाने वाले शोषण को रोकने के लिए जमीदारों के विरुद्ध लड़ाई भी लड़ी। तात्कालिक सरकारों द्वारा उनके कुशल नेतृत्व से बौखला कर उन्हें भीड़ को भड़काने के आरोप में कई बार गिरफ्तार भी किया गया, फिर भी बिरसा मुंडा कर्तव्य पथ से विचलित नहीं हुए। 9 जून 1900 ई. में उनकी मृत्यु हो गई, कहा जाता है कि तात्कालिक हुकुमत द्वारा जेल में उन्हें जहर देकर मरवा दिया था। उन्हें आदिवासी अपना भगवान तक मानते हैं। इस अवसर पर संकाय सदस्यों के रूप में प्रो. रेखा तिवाड़ी, डॉ. प्रगति भटनागर, बलवीर सिंह, अभिषेक चारण, श्वेता खटेड़ अभिषेक शर्मा, तनिष्का शर्मा आदि मौजूद रहे।

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