जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार

कुलाधिपति एवं केन्द्रीय कानून मंत्री ने ली कुलपति व अन्य के साथ बैठक

लाडनूँ, 17 जुलाई 2024। जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति तथा केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल अपने लाडनूं प्रवास के दौरान यहां विश्वविद्यालय में आए और उन्होंने यहां कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, रजिस्ट्रार अजयपाल कौशिक एवं अन्य स्टाफ के साथ बैठक लेकर विचार-विमर्श किया। मेघवाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश के सभी विश्वविद्यालयों से अलग पहचान रखता है। यहां जो भी पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित हैं, वे पाठ्यक्रम देश के अन्य सभी विश्वविद्यालयों के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने नेचुरोपैथी का पाठ्यक्रम भी शुरू करने की आवश्यकता बताई और कहा कि विश्वविद्यालय में नेचुरोपैथी सेंटर की करीब 8 करोड़ का भवन भी तैयार है और नेचुरोपैथी का काम भी चल रहा है, अब विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने संस्थान की संस्कृति मंत्रालय एवं कुछ फंडिंग एजेंसीज को भेजी गई विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही संस्कृति मंत्रालय के तहत संचालित पांडुलिपि मिशन में संस्थान द्वारा किए जा रहे पांडुलिपि संरक्षण कार्य की सराहना की और कहा कि इसे आगामी तीन सालों के लिए और बढाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने कार्य-विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए अपना चिंतन भी प्रस्तुत किया।

कुलाधिपति का किया गया सम्मान

इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रगति की जानकारी ली एवं संस्थान के विकास के सम्बंध में चर्चा की। उनसे विश्वविद्यालय में कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने के बारे में भी वार्ता हुई। वार्ता के दौरान उन्हें अवगत करवाया गया कि विश्वविद्यालय के नेचुरोपैथी चिकित्सा केन्द्र में शुरू किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के बारे में पिछली राज्य सरकार से चाही गई एनओसी नहीं दी जाने से समस्या पैदा हुई थी, अब सरकार बदल चुकी है और यह लम्बित एनओसी जारी की जानी चाहिए। इस पर मेघवाल ने आश्वासन दिया कि वे वर्तमान राज्य सरकार से एनओसी दिलवाने में पूरा सहयोग करेंगे। केन्द्रीय मंत्री कुलाधिपति अर्जुनराम मेघवाल का इस अवसर पर कुलपति प्रो. दूगड़ ने पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मान किया। इस अवसर पर प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. बीएल जैन, डाॅ. लिपि जैन, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, मोहन सियोल आदि उपस्थित रहे।

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