‘‘प्री-मेरिज काॅउन्सिल’’ विषयक व्याख्यान का आयोजन
सहनशीलता सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार - डाॅ. सुधा जैन
लाडनूँ, 31 जुलाई, 2017। आधुनिक जीवनशैली में निरन्तर विकसित हो रहे एकल परिवार में प्रतिपल असहनशीलता, अहं तथा एकाकी अस्तित्व वाले विचारों के कारण दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का अभाव परिलक्षित हो रहा है। ये विचार दिल्ली से पधारी डाॅ. सुधा जैन एडवोकेट ने जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन विभाग द्वारा आयोजित ‘‘प्री मेरिज काॅउन्सिल’’ विषयक व्याख्यान में प्रकट किये। उन्होंने कहा कि आज की एकाकी एवं व्यस्ततम दिनचर्या के कारण परस्पर में सहयोग एवं विचारों के आदान-प्रदान के अभाव में प्रत्येक मनुष्य बहुत प्रयास करने पर भी उस प्रतिफल को प्राप्त नहीं कर पा रहा है जो उसे प्राप्त होना चाहिए था। आप विवाह से पूर्व वैवाहिक जीवन के संदर्भ में क्या-क्या जानना आवश्यक है? इस सन्दर्भ में अपना व्याख्यान दे रहीं थीं। आपने अपने तीस वर्ष के वकालत के कार्यकाल में सैकड़ों दम्पत्तियों को परस्पर में हो रहे क्लेश एवं संघर्ष से होने वाले नुकसान को बताकर उन्हें पुनः वैवाहिक जीवन में प्रवेश कराया है। आपने बताया कि आज के युवाओं में चाहे वह लड़का हो या लड़की सभी में मानवीय जीवन-मूल्य, यथा-सहनशीलता, समन्वय, सामंजस्य का अभाव होने के कारण एकल परिवार की प्रवृत्ति बढ़ रही है। युवाओं में विलासितापूर्ण जीवन के प्रति आसक्ति एवं वृद्धों में असुरक्षा के कारण परिवार को घरेलू हिंसा का क्षेत्र बनाया जा रहा है। पति-पत्नी के आपसी झगड़ों के कारण बच्चों का जीवन अंधकारमय बन रहा है। सह-अस्तित्त्व, समन्वय, सहनशीलता, समानता, आवश्यकता का चयन, अधिकार और कत्र्तव्य में समन्वय, अपने स्वतंत्र अस्तित्व का ज्ञान तथा अच्छी आदतों के विकास से सभी प्रकार के पारिवारिक संघर्षों को दूर किया जा सकता है। आज यदि ‘मैं’ और ‘तुम’ मिलकर ‘हम’ बन जायें तो ही परिवार का विकास संभव है तथा यदि ‘मैं’ मैं ही रहूं तथा तुम ‘तुम’ रहो तो विकास के स्थान पर पतन ही होता है। प्राचीन काल में परिवार में मुखिया होता था तथा वह ही परिवार के नये सदस्य को चाहे वह बहू हो या अन्य सभी को परिवार, समाज, धर्म, जाति आदि अपनी संस्कृति की जानकारी देता था तथा यह परम्परा निरन्तर चलती थी। आज एकल परिवार में मुखिया के अभाव में सांस्कृतिक ह्रास भी देखा जा रहा है। आज व्यक्ति केवल अपनी तरक्की में दूसरे को नीचे गिराने का प्रयास कर रहा है परन्तु मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अकेला व्यक्ति तेज तो चल सकता है परन्तु मंजिल तक नहीं पहुंच सकता है। मंजिल के लिए अन्य का साथ आवश्यक है तथा जब सबका साथ होगा तो विकास भी सभी का होगा। इन समस्त प्रयासों की शुरुआत सबसे पहले हमें स्वयं ही करनी होगी क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं सुधरता है तो समाज एवं राष्ट्र स्वयं समृद्ध होता है। इससे पूर्व दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने समागत अतिथियों को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया तथा विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. योगेश कुमार जैन ने किया।
Latest from
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही
- प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘आख्यानमणिकोश’ ग्रंथ पर प्राकृत मासिक व्याख्यानमाला का 37वां व्याख्यान आयोजित
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- छिपोलाई बालाजी मंदिर परिसर में पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
- ‘ऑनलाइन सुरक्षित रहें अभियान’ के तहत वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
- दवाओं से दूर व प्रकृति के पास रहने पर ही रोगों से मुक्ति संभव- कुलपति प्रो. दूगड़
- एंटी रैगिग को लेकर विशेष बैठक आयोजित
- साइबर सिक्योरिटी पर ऑनलाइन पावर पॉइंट प्रतियोगिता आयोजित
- गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया
- विश्व योग दिवस पर किया सामुहिक योगाभ्यास
- केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन
- अहिंसा एवं शांति विभाग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- पांच दिवसीय संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम
- जैविभा संस्थान को ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ अवार्ड और संस्थान के कुलपति प्रो. दूगड़ को ‘ग्लोबल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
- प्राकृत भाषा को संविधान की मानक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाए- प्रो. सिंघवी
- आचार्य महाश्रमण की पुस्तक ‘संवाद भगवान से’ की समीक्षा प्रस्तुत
- संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर रक्षा की शपथ ली
- जैन विश्वभारती संस्थान की छात्रा स्मृति कुमारी ने किया संसद में राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- एनसीसी की छात्राओं को दो दिवसीय शिविर में दिए विभिन्न प्रशिक्षण
- लाडनूँ की छात्रा स्मृति कुमारी ने संसद में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित
- हम योग में ग्लोबल लीडर, अब नेचुरोपैथी में भी बनना है- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल
- एनसीसी कैडेट्स को रेंक का वितरण किया
- शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को दी जाए ईमानदारी के आचरण की प्रेरणा- प्रो. जैन
- तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनि महावीर कुमार को पर्यावरणीय चिंतन सम्बंधी शोध पर पीएचडी
- लाडनूँ की एनसीसी कैडेट को ईमानदारी व नैतिकता के टास्क में मिला स्वर्ण-पदक
- ‘भ्रष्टाचार से मुकाबले में शिक्षा की भूमिका’ पर राष्टीªय सेमिनार आयोजित
- सतर्कता जागरूकता के अन्तर्गत लोकगीत, लघुनाटिका व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन
- साइबर जागरुकता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित