अन्तर्राष्ट्रीय योग एवं ध्यान कार्यशाला के सम्भागियों के साथ बैठक

अहिंसा व शांति का शिक्षण-प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की विशेषता - प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 21 जुलाई, 2017। जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि वर्तमान में पूरे विश्व में हिंसा का बोलबाला है और ऐसे में अहिंसा व शांति को लेकर एक अलग विश्वविद्यालय का होना अपने आप में विश्व की एक अनोखी बात कही जा सकती है, लेकिन यहाँ जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में अहिंसा व शांति का अलग विभाग बना हुआ है और अहिंसा का शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है एवं उच्च स्तर की डिग्री प्रदान की जाती है। योग व जीवन विज्ञान भी इस विश्वविद्यालय की विशेषता है तथा इस पर यहाँ शोधकार्य भी निरन्तर चल रहा है। वे यहां योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के तत्त्वावधान में अमेरिका के इण्टरनेशनल स्कूल फाॅर जैन स्टडीज के सम्भागियों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के गठन से लेकर मान्यता व विकास के संबंध में विस्तार से बताया और संभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अमेरिका की डाॅ. एना लूरा फनेस ने उनसे पाठ्यक्रमों की जानकारी ली और कहा कि यहाँ की विशेषताओं से वे बहुत प्रभावित हुई हैं। अन्य सम्भगियों ने भी विश्वविद्यालय के कैम्पस को मनभावन व सुहावना बताया तथा कहा कि वे अगली बार कई दिनों का कार्यक्रम बनाकर यहाँ आएँगे और पूरा लुत्फ उठायेंगे। इस अवसर पर कुलपति प्रो. दूगड़ ने सभी सम्भागियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये तथा रजिस्ट्रार वी.के. कक्कड़ व योग एवं जीवन-विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने सभी को विश्वविद्यालय का साहित्य भेंट किया। बैठक में एल्बा, जूलिया कासजा, मेगान एलिजाबेथ, बेरिया माल्वे, जैकलीन, एलेजेंड्रा, मार्गे्रट मेरिन, कायोकिन, मेघा जैन, डाॅ. मुग्धा यावलेकर, सौरभ यावलेकर आदि उपस्थित थे।

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