संत जहां भी जाते हैं, मंगल भावों का प्रसार करते हैं- मुनिश्री विजय कुमार

मंगलभावना व अभिनन्दन समारोह का आयोजन

लाडनूँ, 4 फरवरी 2023। मुनिश्री विजय कुमार ने कहा है कि संत अकिंचन होते हैं। उनके पास मंगलभावना ही होती है। वे जहां भी जाते हैं, मंगल भावों का ही प्रसार करते हैं। उन्होंने यहां जैन विश्व भारती स्थित वृद्ध साधु सेवा केन्द्र में एक साल तक प्रवास करके सेवाएं देने के उपरांत यहां से छापर विहार करने से पूर्व आयोजित मंगलभावना समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जैन विश्व भारती स्थित महाश्रमण विहार भवन में शनिवार को आयोजित इस समारोह में जहां मुनिश्री विजय कुमार के प्रति मंगलभावना व्यक्त की गई, वहीं मुनिश्री अभिजीत कुमार के मुम्बई से पदयात्रा करते हुए लाडनूं में मंगलप्रवेश करने एवं वृद्ध साधु सेवा केन्द्र का प्रभार सम्भालने के लिए उनका अभिनन्दन समारोह भी संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में मुनिश्री रणजीत कुमार ने भी अपने भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुनिश्री कौशल कुमार ने गीत प्रस्तुत किया और मुनिश्री श्रेय कुमार ने भी अपने भाव अभिव्यक्त किए। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा की ओर से श्रीमती राज ने अपनी भावनाएं व्यक्त की। जैन विश्वभारती संस्थान की ओर से डा. वीरेन्द्र भाटी मंगल, डा. शांता जैन, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की ओर से विनीत सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल की ओर से नीता नाहर ने, छापर के श्री सुराणा मंगलभावनाएं एवं अभिनन्दन भावों को व्यक्त किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ महिला मंडल की बहिनों ने मंगलाचरण के अन्तर्गत स्वागत गीत व मंगलगीत प्रस्तुत किए। मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम का संचालन विजयश्री ने किया। कार्यक्रम में जैन विश्व भारती, विश्वविद्यालय एवं अन्य सम्बद्ध संगठनों के कार्मिक, कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे।

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