एल्युम्नी मीट का आयोजन में पूर्व विद्यार्थियों ने साझा किए अनुभव व स्मृतियां

राजस्थानी भाषा के विकास के लिए होगी राजस्थानी सेंटर की स्थापना- कुलपति प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 7 अक्टूबर 2023। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के पूर्व छात्रों का सम्मेलन ‘एल्युम्नी मीट’ का आयोजन शनिवार को सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि कुछ अंतराल के बाद वापस मिलना बहुत खुशी देता है। इसके लिए दो दिनों का आयोजन रखा जाना चाहिए। यह एल्यूम्नी मीट एक उत्सव की तरह ोिनी चाहिए। इस दरमियान होने वाले विचारों के आदान-प्रदन को भी उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रगति को रेखंकित करते हुए बताया कि नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड मिलना, एकेएस वर्ल्डवाइड प्रा. लि. द्वारा दुबई में आयोजित ग्लोबल एजुकेशन समिट-2023 में बेहतरीन पाठ्यक्रमों का निर्माण करने एवं उन्हें लागू करने हेतु ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ श्रेणी का अवार्ड मिलना आदि उपलब्धियां हैं। संस्थान ने आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एंड होॅस्पिटल आफ नेचुरोपैथी एंड योग का भवन तैयार करने के साथ ही नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट शुरू कर दिए हैं। बीएनवाईएस के डिग्री पाठ्यक्रम के लिए राज्य सरकार की एनओसी मिलने पर प्रवेश प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। यह विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसमें आधुनिकतम मशीनें उपचार के लिए स्थापित की गई हैं और नेचुरोपैथी की हर तरह की चिकित्सा के डाक्टर्स व डायटीशियंस की टीम सक्रिय है।

वास्तु व ज्योतिष पर पाठ्यक्रम शीघ्र

कुलपति प्रो. दूगड़ ने बताया कि संस्थान में इसी सेशन में राजस्थानी सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जिसमें राजस्थानी भाषा के विकास के लिए कार्य किया जाएगा। यह संस्थान ओरिएंटेड स्टडी का केन्द्र है, यहां प्राच्य विधाओं पर काम होता है। वास्तु एवं ज्योतिष पर पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। क्लासिकल म्यूजिक पर भी काम हो रहा है और इसका अलग विभाग अगले सत्र से शुरू किया जाएगा। उन्होंने संस्थान की वितीय स्थिति की सुदृढता के बारे में आंकड़े प्रस्तुत किए। कुलपति ने संस्थान के रिसर्च प्राग्राम की जानकारी दी और बताया कि केन्द्र सरकार के आर्थिक सहयोग से विभिन्न प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। उन्होंने रिसर्च के पब्लिकेशन और रिसर्च के काम को आगे बढाने की आवश्यकता बताई। कुलपति ने मैन्युस्क्रिप्ट सेंटर द्वारा अपने मिशन के तहत भारत सरकार के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। यहां पांडुलिपियों को संरक्षित किया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के राष्ट्रीय स्तर पर योग के क्षेत्र में 25 से 30 रिकॉर्ड बनाने, सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड के रूप में उपलब्धियां प्राप्त करने के लिएप्रशंसा व्यक्त की तथा संस्थान के शिक्षकों द्वारा प्राप्त सम्मान व पुरस्कारों के बारे में भी बताया।

नैतिक व चारित्रिक पहचान का संस्थान

एल्यूम्नी मीट के उद्घाटन सत्र में कुलसचिव प्रो. बीएल जैन ने संस्थान की विशेषताओं की जानकारी देते हुए इसे शिक्षा के साथ ही नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक उन्नयन की पहचान रखने वाला संस्थान बताया। कार्यक्रम में डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डॉ. सत्यनारायण भारद्वाज व डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। पूर्व विद्यार्थियों में प्रतिष्ठा कोठारी, मरूधर कंवर, रूपाराम टाक, हेमंकवर, जयप्रकाश, शक्तिसिंह व उषा यादव ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पुरानी यादों और उपलब्धियों, अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अशोक भास्कर ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. युवराज सिंह खंगारोत ने किया।

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