साधना से व्यक्तित्व विकास के साथ शारीरिक-मानसिक शक्तियों का विकास संभव- प्रो. जैन

पांच दिवसीय सघन साधना शिविर सम्पन्न

लाडनूँ 9 नवम्बर 2023। जैन विश्वभारती संस्थान के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में आयेाजित पांच दिवसीय सधन साधना शिविर का आयोजन कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन एवं विभागाध्यक्ष डॉ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत के नेतृत्व में किया गया। शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए दूरस्ाि एवं ऑनलाईन शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने समाधि के महत्व को बताया और शिविर के दौरान किए गए अभ्यासों को योग के मार्ग के लिए विशेष साधना बताई। कुलसचिव प्रो. बीएल जैन ने आत्म-उत्थान के लिए योग की उपयोगिता बताई तथा कहा कि साधना शिविरों से व्यक्तित्व व शारीरिक-मानसिक शक्तियों का विकास होता है। प्राकृत व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जिनेन्द्र जैन ने शिविर को हर व्यक्ति के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि कर्मचारियों सहित सभा श्रेणी के लोगों के लिए योग शिविरों का आयोजन आवश्यक है। शिविरार्थी छात्रा भाविका ने अपने अनुभवों को व्यक्त करते हुए कहा कि शिविर में उन्हें ध्यान व योग की बारीकियों को सीखने व अनुभूत करने का अवसर मिला है। अन्य शिविरार्थियों ने भी लम्बे समय तक ध्यान में लम्बे समय तक चित्त लगाने का और प्राणायाम व आसनों में विशेष अनुभव प्राप्त किए। इस आवासीय शिविर में व्यस्ततम यौगिक दिनचर्या के तहत ध्यान व योग के प्रयोग करवाए गए। शिविरार्थियों को साध्वीश्री शशिप्रज्ञा ने प्रेक्षाध्यान विधि के प्रयोगों का अभ्यास करवाए। योग प्रशिक्षक दशरथ सिंह ने योगासनों व षट्कर्मों का अभ्यास करवाया। कायोत्सर्ग एवं अनुप्रेक्षा के प्रयोगों का अभ्यास डॉ. अशोक भास्कर, डॉ. हेमलता जोशी व डॉ. विनोद सियाग ने करवाए। डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डॉ. युवराजसिंह खंगारोत आदि योग विद्वानों ने ध्यान, योग व प्राकृतिक जीवनचर्या पर व्याख्यान दिए। विभिन्न साधुओं ने शिविर में गमन योग, मंत्रों के प्रयोग आदि का प्रेरणा-पाोिय प्रदान किया।

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