सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन

लाडनूँ, 14 अगस्त 2024। जैन विश्वभारती संस्थान के स्नातकोत्तर विभाग में बुधवार को ‘रैंिगग अपराध निषेध कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। एंटी रैंिगग सेल एवं एंटी रैगिंग स्क्वाड के तत्वावधान में आयोजित की जा रही एंटी रैगिंग कार्यशाला के तीसरे दिवस एंटी रैगिग सेल के समन्वयक एवं शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने रैगिंग अपराध निषेध की जानकारी छात्राओं को दी और कहा कि धर्म, जाति, लिंग, क्षेत्र के आधार पर किसी को भी शारीरिक और मानसिक पीड़ा देना रैंगिग के अंतर्गत आता है। इससे पूरी तरह से बचना चाहिए। रैगिग संस्थान में पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसके साथ ही नशामुक्ति कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें मादक पदार्थों का सेवन और तस्करी से समाज को बचाने पर जोर दिया गया तथा बताया गया कि नशे के कारण स्वास्थ्य की समस्याएं, परिवार टूटने की समस्याएं, सामाजिक समस्याएं, बलात्कार, हत्या आदि कृत्यों बढते हैं।

एंटी रैगिंग का ऑनलाइन अंडरटेकिंग फॉर्म अनिवार्य रूप से भरें

एंटी रैगिग स्क्वाड के समन्वयक कुलसचिव डॉ. अजयपाल कौशिक ने कहा कि रैंगिग में किसी को गाली बकना, नैतिकता भंग करना, धमकी देना, चोट पहुंचाना आदि को रोकना एंटी-रैगिंग है। रैंगिग से सम्बन्धित कोई दिक्कत आने पर एंटी-रैगिंग के हेल्पलाइन और संस्थान के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के टेलीफोन नंबर चस्पा है, उसकी मदद से अवगत करावें। समय-समय पर एंटी रैगिग स्क्वाड द्वारा औचक निरीक्षण किया जाता है। सभी छात्राओं को एंटी रैगिंग वेब साइट पर ऑनलाइन अंडरटेकिंग फॉर्म अनिवार्य रूप से भरना चाहिए। डॉ. कौशिक ने इसके साथ ही नशा मुक्ति को भी रोकने पर बल दिया और कहा कि रैगिंग और नशा करना दोनों ही शिक्षा के अवरोधक तत्व हैं, इनसे बचना चाहिए। इसके नशा देश में तेजी से फैल रहा है। शान्ति, समृद्धि और खुशी के लिए नशा को रोकना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. लिपि जैन, डॉ. विनोद कस्वां, डॉ. बलवीर सिंह एवं अहिंसा और शान्ति विभाग, योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्राएं उपस्थित रही।

Read 200 times

Latest from