रक्षाबंधन पर छात्राओं ने लिया संकल्प कि वे अपने सास-श्वसुर को कभी वृद्धाश्रम नहीं जानें देंगी

राखी का त्यो।हार पंथ-मजहब की सीमाओं को लांघ चुका है- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ 25 अगस्त 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में रक्षाबंधन पर्व समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राखी का त्यौंहार जहां भाई व बहिन के पवित्र रिश्ते का स्मरण करवाता है, वहीं यह पर्व देश के साहित्य एवं संस्कृति की रक्षा का संदेश भी देता है। उन्होंने रक्षाबंधन को पंथ और मजहब के दायरे से हटकर त्यौंहार बताते हुये कहा कि इतिहास में हुमायूं व रानी कर्मावती इसकी मिशाल है। इसी तरह उन्होंने भगतसिंह व उसकी बहिन के प्रसंगों का भी उल्लेख किया। कार्यक्रम में अभिषेक चारण ने रक्षांबधन सामाजिक दायित्वों का बोध करवाने वाला पर्व है, जिसमें भ्रातृत्व के कर्तव्य का ही नहीं बल्कि पूरे समाज के हर वर्ग को अपने कर्तव्य का भान करवाता है। चारण ने एक कविता के माध्यम से भाई-बहिनों के संवेदनात्मक सम्बंधों को प्रकट किया। छात्रा भगवती निठारवाल ने इस अवसर पर सभी छात्राओं को संकल्प दिलवाया कि वे इस पर्व पर शपथ ग्रहण करें कि वे अपने सास-श्वसुर को कभी भी वृद्धाश्रम नहीं जाने देंगी तथा उनकी सेवा में वे कोई कसर नहीं रहने देंगी। छात्रा मेहनाज बानो ने बताया कि इस त्यौंहार को हिन्दू-मुस्लिम सभी मनाते हैं। जब भी रक्षाबंधन आता है तो उसकी मां भी अपने दिवंगत भाई का स्मरण करके आंखों में पानी भर लेती है। छात्रा हेमलता ने औपचारितायें निभाने के बजाये पर्व को दिल की गहराईयों से उसके मर्म को समझते हुये मनाये जाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन छात्रा सरिता शर्मा ने किया।

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