संस्थान का 32वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया
सामुहिक सहयोग से संभव हो पाता है विकास- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 28 मार्च 2022। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का 32वां स्थापना दिवस समारोह यहां महाश्रमण ऑडिटोरियम में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि विकास के लिए सामुहिक सहयोग की जरूरत होती है, यह हिकसी अकेले व्यक्ति का प्रयास नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय की वर्तमान गतिविधियों और विकास के साथ भावी योजनाओं से अवगत करवाया। उन्होंने विश्वविद्यालय के आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एंड होस्पिटल ऑफ नेचुरोपैथी एंड योग के निर्माण और प्रारम्भ के बारे में जानकारी देते हुए सहयोग करने वालों के प्रति आभार जताया। कुलपति ने अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण व आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री कुमारश्रमण तथा मुनिश्री कीर्तिकुमार, मुनि विश्रुतकुमार एवं मुनि जयकुमार के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया। समारोह के मुख्य अतिथि श्रीजैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा कोलकाता के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया थे, जिन्होंने विश्वविद्यालय को अभूतपूर्व बताया तथा कहा कि यह तपस्वी आचार्यों की ही महत्ता है कि इस स्थान पर यह विशाल विश्वस्तरीय संस्थान सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य के बाद संस्थान के स्थापना दिवस पर राज्यपाल द्वारा भेजे गए संदेश को प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने वाचन करके सुनाया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जैन विश्व भारती के पूर्व अध्यक्ष डॉ. धर्मचंद लूंकड़, रमेश सी. बोहरा चौन्नई, अमरचन्द लूंकड़, जयन्तीलाल सुराणा, विनोद बैद, कोलकाता, बाबुलाल सेखानी अहमदाबाद, पंकज डागा एवं रमेश डागा चौन्नई उपस्थित रहे। सभी अतिथियों को उत्तरीय अर्पित करके एवं प्रतीक चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया। समारोह के प्रारम्भ में संस्थान के कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रो. गूलड़ा को दिया गया लाईफ टाईम अचीवमेण्ट अवार्ड
समारोह के सारस्वत अतिथि संस्थान के संस्थापक कुलपति प्रो. महावीरराज गेलड़ा ने कार्यक्रम में अपने कार्यकाल के बीते लम्हों को याद किया तथा उस समय की स्थिति और आज की तुलना करते हुए संस्थान के विकास को सराहा। कार्यक्रम में उनका अभिनन्दन करते हुए उन्हें ‘लाईफ टाईम अचीवमेण्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। इस अवार्ड का वाचन प्रो. नलिन के. शास्त्री ने किया। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। समारोह में विद्यानिधि सम्मान से डा. जेपी सिंह को नवाजा गया। कौशलनिधि सम्मान अमीलाल चाहर को प्रदान किया गया। श्रमनिधि सम्मान कान्हाराम को दिया गया। विशिष्ट सेवा सम्मान डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत और मोहन सियोल को प्रदान किया गया। श्रेष्ठ विद्यार्थी सम्मान चित्रा बागड़ा, सृष्टि कुमारी व नवनिधिप दौलावत को दिया गया। इसी प्रकार खेलकूद सम्मान और सांस्कृतिक सम्मान इन क्षेत्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली विविध छात्राओं को प्रदान किया गया। समारोह का संचालन डॉ. युवराज सिंह खंगारोत ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी सम्मानित अतिथियों ने संस्थान की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ‘आचार्यश्री महाप्रज्ञ हॉस्पिटल एण्ड मेडिकल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एण्ड योग’ का भ्रमण करके अवलोकन किया व प्रगति को देखा।
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