जरा सी लापरवाही फंसा सकती है तकनीकी-ठगों के जाल में- प्रो. त्रिपाठी

साइबर सुरक्षा एवं सतर्कता कार्यक्रम आयोजित

लाडनूँ, 06 अक्टूबर 2022। साइबर सुरक्षा एवं जागरूकता के लिए यूजीसी एवं भारत सरकार द्वारा निर्देशित अभियान के एक वर्ष पूरा होने पर यहां जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविधालय में साइबर सुरक्षा एवं सतर्कता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’ कहावत साइबर सिक्योरिटी के संदर्भ में सटीक है, क्योंकि लापरवाही करते ही हम तकनीकी-ठगों के जाल में फंस सकते हैं। पढ़ी-लिखी पीढी भी इन शातिर ठगों का शिकार आसानी से हो जाती है। हमें साइबर ठगों द्वारा फोन कॉल्स के जरिए पूछे जाने वाले ओटीपी नंबर किसी के साथ भी साझा नहीं करने चाहिए एवं उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी जानी चाहिए। बिजली बिल से संबंधित घटना, ए.सी. खरीदारी से संबंधित घटना एवं बेरोजगारों को रोजगार के नाम पर आएदिन ठगे जाने जैसे कई उदाहरणों को यहां साझा किया जा सकता है। व्याख्याता अभिषेक चारण ने साइबर सिक्योरिटी पर बताया कि विज्ञान और तकनीक की सुविधाएं झंझट में बदल रही हैं। सुविधा व दिखावे के लिए डाउनलोड किए जाने वाले बहुत से एप्स डाउनलोडिंग के दौरान कई व्यक्तिगत जानकारियां मांगते हैं और उन्हें साझा करने वा अक्सर साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे कार्यक्रमों से हमें स्वयं सीखना, समझना चाहिए और अपने परिवार एवं रिश्तेदारों को भी साइबर ठगी का शिकार होने से बचने की नसीहत देनी चाहिए। छात्रा हर्षिता पारीक ने भी साइबर सिक्योरिटी पर विचार रखे। अंत में आईटी प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बलवीर सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. रेखा तिवारी, श्वेता खटेड़, प्रगति चौरड़िया, अभिषेक शर्मा, प्रेयस सोनी, देशना चारण तथा छात्राएं उपस्थित रही।

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