संस्थान के सदस्यों ने अनुशास्ता आचार्य के दर्शन किए
चुनौतियों का मुकाबला साहस व बुद्धिमता पूर्वक करने पर निश्चित सफलता- आचार्यश्री महाश्रमण
लाडनूँ, 24 नवम्बर 2023। आचार्यश्री महाश्रमण ने कहा है कि विकास के पथ पर समस्याएं सामने आती ही हैं, लेकिन उनका मुकाबला साहस और बुद्धिमता से किया जाए तो सफलता अवश्यक मिलती है। चुनौतियों से ही संभावनाएं जन्म लेती हैं। वे जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल से भेंट के दौरान सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने संस्थान की प्रगति का विवरण जाना और संतोष व्यक्त किया और कहा कि संस्थान आचार्य तुलसी के स्वप्नों को मूर्तिमान कर रहा है। वे विश्वविद्यालय के अनुशास्ता हैं। उन्होंने संस्थान के संचालन में पूर्ण स्वायतत्ता रखे जाने की ओर इंगित करते हुए कहा कि उन्हें स्वतंत्रतापूर्वक विकास के लिए कार्य करना चाहिए। इसमें कठिनाइयां आएंगी, लेकिन संघर्ष से उन पर विजय पाई जा सकती हैं। लाडनूं से अनुशास्ता आचार्य के दर्शन करने के लिए संस्थान के सदस्यों का दो दिनों का मुम्बई प्रवास रहा।
जटिल रोगों के इलाज में सफल रहा प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र
कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उन्हें संस्थान की विविध क्षेत्रों में हुई प्रगति की जानकारी दी और विभिन्न क्षेत्रों में मिली सफलताओं व शोध आदि के बारे में बताते हुए संस्थान की वेबसाईट पर 800 से अधिक वीडियो लैक्चर उपलब्ध होने, संस्थान में राजस्थानी भाषा एवं साहित्य केन्द्र की स्थापना की जाने, ज्योतिष व वास्तुशास्त्र के अध्ययन के लिए पाठ्यक्रमों की शुरूआत की जाने, राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय मानकों के संस्थापन के बारे में भी विवरण प्रस्तुत किया। प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की चिकित्सा अधिकारी डा. श्रेया त्रिपाठी ने चिकित्सा केन्द्र पर उपलबध सुविधाओं, संसाधनों आदि की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन माह में सेरेब्रल पाल्सी, डायबीटीज आदि के जीर्ण रोगों के इलाज में उन्हें सफलता मिली है। पोषण विशेषज्ञा श्रेया सिन्हा ने डायबीटीज मरीजों के लिए केन्द्र द्वारा तेयार पोषण सप्लीमेंट्स के बारे में बताया। प्राकृत एवं जैन विद्या के विभागाध्यक्ष प्रो. जिनेन्द्र जैन ने शोध एवं शिक्षण गतिविधियों के बारे में बताया। राजस्थान सरकार की प्राकृत अकादमी द्वारा प्रदत्त सहायता का उल्लेख भी उन्होंने किया और राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों आदि की जानकारी भी प्रदान की। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक एवं आचार्य कालू कनया महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने विभिन्न गतिविधियों, सफलताओं एवं बहुआयामी विस्तार के बारे में जानकारी दी।
दो पुस्तकों का विमोचन किया
इस अवसर पर संस्थान की सहायक आचार्या डॉ. लिपि जैन कृत दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। अपने सम्बोधन में डॉ. लिपि ने पुस्तकों की विषयवस्तु की जानकारी देते हुए अपने विचार व्यक्त किए। विशेषाधिकारी प्रो. नलिन के. शास्त्री ने विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लगातार बनाए जा रहे कीर्तिमानों एवं उपलब्धियों के बारे में बताते हुए नई शिक्षा नीति की जानकारी एवं उसको लागू करने एवं चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बहुविषयक स्वरूप बनाने, नामंाकन अनुपात बढाने, ज्ञान की विविध शाखाओं में नवाचार प्रवर्तन से उत्कृष्टता प्राप्त करने, विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी, खेल और अन्य विषयों का प्राध्यापन, स्टार्ट-अप इन्क्यूबेशन केनछ्र स्थापित करने, उद्योगों में विद्यार्थियों की इंटन्रशिप अनिवार्य करने, एकेडेमिक बैंक का गठन आदि के बारे में बताया। इस अवसर पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, साईकोलोजिस्ट प्रो. एके मल्लिक, राजस्थान सरकार की हायर एजुकेशन सोसायटी के सदस्य प्रो. संजय लोढा, प्रो. सुषमा सिंघी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बाद में सबने साध्वी वर्याजी के दर्शन भी किए तथा उन्हें भी संस्थान की गतिविधियों एवं आचार्य महाप्रज्ञ प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की प्रगति और सफलताओं के बारे में जानकारी प्रदान की। महिला मंडल सदस्यों को साध्वी वर्याजी ने दूरस्थशिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की प्रेरणा प्रदान की और कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण के लिए इन पाठ्यक्रमों की उपयोगिता है।
Latest from
- पर्युषण पर्व सप्ताह में दूसरे दिवस ‘स्वाध्याय दिवस’ मनाया
- प्राकृत भाषा और साहित्य में निहित है भारतीय संस्कृति का मर्म- प्रो. अनेकान्त जैन
- योगासन स्वस्थ एवं फिट रहने का महत्वपूर्ण आधार
- फिट इंडिया शपथ कार्यक्रम का आयोजन
- जैन विश्व भारती संस्थान में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
- दो छात्राओं का नेवी और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां
- एन.एस.एस. द्वारा बैडमिंटन खेल का आयोजन
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता रैली निकाली
- छात्राध्यापिकाओं ने जन्माष्टमी पर्व मनाया, नृत्य व भजनों से कृष्ण को रिझाया
- युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर: शांतिपूर्ण समाज का आधार
- राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
- संस्कृत दिवस व रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी और लहरिया महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- वैदिक परम्परा में निहित हैं जीव और प्राण कीे वैज्ञानिकता के सूत्र- डाॅ. साहू
- एंटी रैगिंग जागरूकता एवं नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही
- प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘आख्यानमणिकोश’ ग्रंथ पर प्राकृत मासिक व्याख्यानमाला का 37वां व्याख्यान आयोजित
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने पेड़ों पर लटकाए मिट्टी के परिंडे
- भारतीय ज्ञान परमपरा समस्त विश्व में बेहतरीन है, इसे बचाए रखें- प्रो. जैन
- डाॅ. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन
- एनसीसी कैडैट्स छात्राओं को मिले सफल प्रशिक्षण सर्टिफिकेट्स
- शोध में गुणवता के साथ जवाबदेही और उपयोगिता के गुण भी आवश्यक- प्रो. दूगड़
- प्रो. दूगड़ की ‘अतींद्रिय ज्ञान’ पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत
- संकल्प के प्रति एकाग्र रहने से लक्ष्य की प्राप्ति संभव- प्रो. त्रिपाठी
- दुर्लभ पांडुलिपियां का अद्भूत संग्रह और संरक्षण का महत्वपूर्ण केन्द्र, जहां है साढे छह हजार हस्तलिखित ग्रंथ सुरक्षित
- व्याख्यानमाला में सर्वमान्य आचार्य कुंदकुंद के साहित्य पर सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत
- संस्कार निर्माण के साथ योग शिक्षा रोजगार प्राप्ति का भी साधन- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता एवं मतदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित
- महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली और बांझपन के कारण और निवारण पर विमर्श
- पत्रकार के रूप में महात्मा गांधी ने अहिंसक सम्प्रेषण लोगों के दिलों तक पहुंचाया- प्रो. चितलांगिया
- ‘भारतीय परंपराओं में अहिंसक संप्रेषण की खोज’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान का 34वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित