‘सशक्त नारीःसशक्त राष्ट्र’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ
‘ये कैसी तस्वीर बनाई है हमने, सिर पर ताज और पैरों में जंजीर बनाई है हमने’- कुलपति प्रो. सुधि राजीव
लाडनूँ, 30 नवम्बर 2023। हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने देश में महिलाओं की स्थिति का सटीक चित्रण करते हुए कहा है, ‘ये कैसी तस्वीर बनाई है हमने, सिर पर ताज और पैरों में जंजीर बनाई है हमने।’ वे यहां इंडियन कौंसिल फोर सोशियल साईंस रिसर्च के प्रायोजन में आयोजित ‘सशक्त नारीः सशक्त राष्ट्र’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बो रही थी। प्रो. सुधि ने कहा कि महिला जब सशक्त होगी और उसकी समानता की सोच होगी तो निश्वत ही राष्ट्र भी सशक्त बनेगा। जो महिला परिवार की धुरी होती है, उसे समाज और राष्ट्र की भी धुरी बनाया जा सकता है। स्त्री को कमजोर लिंग समझना उसका अपमान करना है, वह पुरूष से भी अधिक श्रेष्ठ साबित होती रही है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम, देश के विभाजन, खादी आंदोलन आदि के उदाहरण देते हुए महिला की सशक्त भूमिका के बारे में बताया और विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत महिलाओं का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नारी के सशक्तिकरण को राष्ट्र की मजबूती बताया। उन्होंने आचार्य तुलसी के महिला उत्थान के कार्यों का उल्लेख भी किया और आचार्य महाप्रज्ञ के महिलाओं के महत्व सम्बंधी उद्धरण प्रस्तुत किए। प्रो. सुधि ने महिलाओं की राजनीतिक भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति को संवेदनशीलता प्रदान की है। महिलाएं सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होती है। वह नई पीढी के लिए संस्कारों का निर्माण करती है। भारत को तीसर सबसे बड़ा देश बताते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की भूमिका यहां मात्र 10 प्रतिशत ही है। महिलाएं हर क्षेत्र में कामयाब हैं, उनका प्रतिनिधित्व बढाया जाना चाहिए।
महिलाएं अपने गुणों से विशिष्ट बनती हैं
यहां जैविभा विश्वविद्यालय में जैनोलोजी व प्रकृत एवं संस्कृत विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए जैविभा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने सामाजिक बदलाव की आवश्यकता बताते हुए कहा कि देश में अभी भी महिलाओं की स्थिति कोई अच्छी नहीं है। महिलाओं में उन्होंने अनेक विशेषताएं बताते हुए कहा कि कार्यनिष्ठा, समयबद्धता, भावनाओं की परख और दृढता के गुण उसे विशेष बनाते हैं। इसी कारण अनेक प्रतिष्ठित संस्थान अपने कार्मिकों में महिलाओं को रखना पसंद करते हैं। उन्होंने राष्ट्र के लिए अपना अभूतपूर्व योगदान करने वाली महिलाओं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी और अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला के उदाहरणदेते हुए कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। महिलाओं को उनकी मजबूरियों से मुक्त करना होगा और उन्हें सशक्त बनाना होगा। महिलाओं के सशक्त होने से निश्चित ही राष्ट्र सशक्त बनेगा।
महिला दबी हुई व कुंठित नहीं होनी चाहिए
सेमिनार के विशिष्ट अतिथि राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रो. धर्मचंद जैन ने कहा कि अर्थ-सम्पन्न, आयुध-सम्पन्न शक्तिशाली, मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ, शुद्ध व संरक्षित पर्यावरण, भ्रष्टाचार रहित, नैतिक व चरित्र युक्त राष्ट्र, आत्मनिर्भर राष्ट्र इन सभी गुणों से सम्पन्न देश को ही सशक्त राष्ट्र कहा जा सकता है। इस उपलब्धि में महिला व पुरूष दोनों का ही योगदान रहता है। दोनों प्रकृति की देन है और दोनों से ही जगत का संचालन संभव है। स्त्री को कुंठित और दबी हुई नहीं होना चाहिए, इसी कारण उसे ऊंचा उठाने की बात कही जाती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम द्वारा उसे 33 प्रतिशत आरक्षण देकर सबल बनाने का प्रयास हुआ है। नारी के लिए चरित्रनिष्ठा, स्वतंत्रता, निर्भयता, विवेकशक्ति सम्पन्नता, आत्मनिर्भर होना, सीखने की प्रवृति, संतुलन व समन्वयवादिता, सहिष्णुता आदि गुणों की आवश्यकता रहती है। इनके आने से ही वह सशक्त नारी बन पाएगी और राष्ट्र के लिए भी अपना योगदान देकर सशक्त राष्ट्र निर्मित कर पाएगी। कार्यक्रम का प्रारम्भ संरस्वती पूजन से किया गया। मुमुक्षु शैफाली ने प्रारम्भ में मंगलगान प्रस्तुत किया। जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म व दर्शन विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा ने स्वागम वक्तव्य प्रसतुत किया और सेमिनार की विषयवस्तु सबके सामने रखी। प्राकृत व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जिनेन्द्र कुमार जैन ने अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। अंत में डॉ. रामदूव साहू ने आभार ज्ञापित किया। राष्ट्रीय सेमिनार में प्रो. नलिन के. शास्त्री, प्रो. दामोदर शास्त्री, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. बीएल जैन, प्रो. सुषमा, प्रो. रेखा तिवाड़ी, डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा, राकेश कुमार जैन, डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डॉ. लिपि जैन, पंकज भटनागर, प्रगति चौरड़िया, डॉ. मनीषा जैन, डॉ. सुनीता इंदौरिया, डॉ. आयुषी शर्मा आदि के अलावा देश के विभिन्न भागों से आए सम्भागीजन उपस्थित रहे।
Latest from
- व्याख्यानमाला में सर्वमान्य आचार्य कुंदकुंद के साहित्य पर सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत
- संस्कार निर्माण के साथ योग शिक्षा रोजगार प्राप्ति का भी साधन- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता एवं मतदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित
- महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली और बांझपन के कारण और निवारण पर विमर्श
- पत्रकार के रूप में महात्मा गांधी ने अहिंसक सम्प्रेषण लोगों के दिलों तक पहुंचाया- प्रो. चितलांगिया
- ‘भारतीय परंपराओं में अहिंसक संप्रेषण की खोज’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान का 34वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित
- ‘जीवन में सफलता के मंत्र’ पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान की एनएसएस छात्रा बेंदा ने राष्ट्रीय एकता शिविर में किया योग का प्रदर्शन
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय सेवा योजना का तृतीय एक दिवसीय शिविर आयोजित
- डाॅ. शेखावत द्वारा इजाद किए गए एआई पर्यावरण मोनिटरिंग उपकरण को अन्तर्राष्ट्रीय पेटेंट मिला
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी जोधा का युवा संसद के लिए राज्य स्तर पर चयन
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- वसंत पंचमी पर गीत-संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से रिझाया मां शारदे को
- नई शिक्षा नीति जागरूकता क्विज प्रतियोगिता आयोजित, 6 छात्राओं ने किया टॉप
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का कौशल
- आशु भाषण, पोस्टर पेंटिंग व एकल गायन कविता प्रतियोगिता आयोजित
- नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
- आध्यात्मिक मनोविज्ञान विषय पर व्याख्यान आयोजित
- पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- ग्राम खानपुर व भियाणी में विकसित भारत जागरूकता रैली निकाली
- नई शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- विश्व दार्शनिक दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजित
- युवाओं में राष्ट्रीय भावना की जागृति आवश्यक- प्रो. रेखा तिवाड़ी
- संस्कार-निर्माण के लिए एकाग्रता, संकल्प शक्ति व आवेश पर नियंत्रण का अभ्यास जरूरी
- सक्षम युवा सशक्त राष्ट्र के निर्माण का आधार - प्रो. जैन
- एक दिवसीय युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- राष्ट्रीय गणित दिवस पर बताए गणित के जादुई फार्मूले
- राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रथम एक दिवसीय शिविर का आयोजन
- अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया
- लैंगिक असमानता की रोकथाम के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम में व्याख्यान आयोजित
- ‘प्राकृत वांगमय में तनाव प्रबंधन के सूत्र’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
- लाडनूँ की प्रगति को दूरस्थ व ऑनलाईन शिक्षा में ‘ए’ ग्रेड मिला
- संस्थान के सदस्यों ने अनुशास्ता आचार्य के दर्शन किए
- बिरसा मुण्डा जयन्ती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया, आदिवासियों के विकास पर चर्चा
- गायन प्रतियोगिता में रेणु मनोत प्रथम रही
- आचार्य तुलसी की 110 वीं जयंती पर गुरू सुमरिन सभा आयोजित
- पूजा-अर्चना, भजन-संगीत के साथ मनाया दीपावली का पर्व
- साधना से व्यक्तित्व विकास के साथ शारीरिक-मानसिक शक्तियों का विकास संभव- प्रो. जैन
- ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता में दिव्या भास्कर प्रथम रही
- 75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव में ‘मूल्य शिक्षा का महत्त्व’ पर सेमिनार आयोजित
- भ्रष्टाचार के विरोध एवं राष्ट्र समर्पण के लिए सतत सतर्क व जागरूकता जरूरी
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत रैली का आयोजन
- एनएसएस के स्वच्छता अभियान में व्याख्यान का आयोजन
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत शपथ कार्यक्रम आयोजित