जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में निःशुल्क योग कक्षाओं का आयोजन
घुटनों के दर्द से बचना है तो पानी बैठ कर पीयें- डाॅ. माहेश्वरी
लाडनूँ, 10 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) अपने नित नये प्रयोगों और रचनात्मक चिंतन व कार्यों के लिए विख्यात है। संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आयोजित योग व ध्यान की निःशुल्क कक्षाओं का शुभारम्भ गुरूवार को सुबह प्रारम्भ किया गया। योग-कक्षा का संचालन करते हुये प्रशिक्षक डाॅ. विवेक माहेश्वरी ने कहा कि व्यक्ति को पानी हमेशा बैठ कर ही पीना चाहिए। इससे अनेक बीमारियों से मुक्ति मिलती है। योग एवं ध्यान की इस कक्षा में सम्भागियों को प्रशिक्षण प्रदान करते हुए उन्होंने बताया कि पानी सदैव धीरे-धीरे अर्थात घूँट-घूँट कर पीना चाहिए और बैठकर पीना चाहिए। कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए। बैठक कर पानी पीने से घुटनों के दर्द से बचा जा सकता है। इसी प्रकार कभी भी बाहर से आने पर जब शरीर गर्म हो या श्वाँस तेज चल रही हो, तब थोड़ा रुककर, शरीर का ताप सामान्य होने पर ही पानी पीना चाहिए। खड़े होकर पानी पीने से गुर्दा, गठिया व जोड़ों के दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ये कक्षाएं संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा अपने शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ के लिए निःशुल्क आयोजित की जा रही हैं। कक्षाएं प्रतिदिन प्रातः 8 से 9 बजे तक एक घंटे संचालित की जायेगी। अपने समस्त कार्मिकों के उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य व मानसिक विकास के लिए इन कक्षाओं का आयोजन ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय शुरू किया गया है। गुरूवार को इन कक्षाओं में ध्यान के बाद शरीर के समस्त जोड़ों के संचालन की विविध क्रियाओं का अभ्यास करवाया गया तत्पश्चात कायोत्सर्ग और कमर, घुटने, गर्दन आदि के व्यायाम करवाए गए।
नियमित योगासनों से अनेक बीमारियों का निरोध संभव- डाॅ. शेखावत
लाडनूँ, 11 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने यहां संचालित की जा रही योग कक्षा में सम्भागियों को विभिन्न यौगिक क्रियाओं, योगासनों एवं ध्यान के प्रयोग करवाए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग के इन आसनों एवं क्रियाओं का नियमित अभ्यास करने से कमर दर्द, ब्लड प्रेशर, गर्दन का दर्द, सिरदर्द आदि नहीं रहते तथा अनेक बीमारियों का शरीर में प्रवेश ही नहीं हो पाता। उन्होंने वस्त्र को स्वच्छ बनाने के लिए जो धोने की क्रिया होती है, वैसे ही शरीर की मांसपेशियों को शुद्ध करने के लिए यौगिक क्रिया आवश्यक है।

योग से स्वास्थ्य लाभ के साथ होता है कार्यशैली में परिवर्तन- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 14 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि योग से व्यक्ति स्वस्थ रहता है तथा उसकी कार्यशैली में परिवर्तन आता है। योगसनों और क्रियाओं का लाभ तभी मिल पाता है, जब उन्हें नियमित रूप से लगातार किया जाता रहे। वे यहां लगाई जा रही योग कक्षा का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने सम्भागियों को सम्बोधित करते हुए नियमित रूप से प्राणायाम व योगासन करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समस्त स्टाफ के लिए अनिवार्य रूप से शुरू की गई योग कक्षा का लाभ सभी को प्राप्त करना चाहिए। योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने योग कक्षा में सम्भागियों को विभिन्न यौगिक क्रियाओं, योगासनों एवं प्राणायम के प्रयोग करवाये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य को सुधारने एवं मोटापा घटा कर शरीर को संतुलित बनाने के लिए भोजन का पूर्ण बनाना आवश्यक है। इसमें यथासंभव साबुत अन्न व फलों का प्रयोग करना चाहिए। फलों का जूस पीने के बजाये उन्हें खाने से शरीर को आवश्यक फाईबर और तत्व मिल पाते हैं। इसी प्रकार रिफाुइंड तेल के बजाये देसी घी अघिक लाभदायक होता है। भोजन के साथ शरीरिक मेहनत पर भी पूरा जोर देना चाहिए। जो व्यक्ति खाने-पीने पर पूरा ध्यान देता है और शरीर से कैलोरी जलाने पर भी ध्यान देता है, वह स्वस्थ रहता है तथा लम्बी आयु को प्राप्त होता है।

विपरीत परिस्थितियों में भी योग से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ संभव- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 15 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि योग से मनुष्य अपने किसी भी क्षेत्र में कार्य करते हुए विपरीत परिस्थितियों में भी अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रख सकता है। योग को आवश्यक रूप से प्रतिदिन नियमित रूप से करना चाहिये। उन्होंने यहां संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में चल रही कार्मिकों की योग कक्षा के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योगमय जीवन शैली को अपनाने से व्यक्ति अपने प्रकार की व्याधियों से मुक्त रह पाता है। उन्होंने कहा कि जो यौगिक क्रियायें, योगासनों एवं प्राणायाम के प्रयोग बताये हैं, उन्हें अपने घर पर नियमित अभ्यास का हिस्सा बनायें, ताकि उनका वास्तविक लाभ उठाया जा सके। योग प्रशिक्षक डाॅ. विवेक माहेश्वरी ने योग कक्षा में शामिल सभी सम्भागियों को आंख, कान, गर्दन, कमर, घुटनों आदि के स्वास्थ्य केे लिये विभिन्न यौगिक क्रियाओं, योगासनों एवं प्राणायम के प्रयोग करवाये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योग से शरीर के समस्त अवयव सक्रिय हो जाते हैं और वे सही रूप में कार्य करने लगते हैं। छोटी-छोटी क्रियायें नियमित रूप से करने पर उनका व्यापक शारीरिक लाभ मिलता है। इसलिये योगाभ्यास का आलस नहीं रखना चाहिये।

Latest from
- केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन
- अहिंसा एवं शांति विभाग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- पांच दिवसीय संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम
- जैविभा संस्थान को ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ अवार्ड और संस्थान के कुलपति प्रो. दूगड़ को ‘ग्लोबल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
- मूल कर्तव्य की थीम पर छात्राओं ने उकेरे रंग-बिरंगे पोस्टर
- शांति एवं सह अस्तित्व भारतीय संस्कृति का मूल आधार
- मासिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत शांति की आवश्यकता पर व्याख्यान
- भारत में विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की अपार संभावनाएं- प्रो. त्रिपाठी
- प्रो. बीएल जैन बने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार
- राष्ट्रीय एकता एवं एकजुटता के लिए गायन कार्यक्रम का आयोजन
- प्राकृत भाषा को संविधान की मानक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाए- प्रो. सिंघवी
- आचार्य महाश्रमण की पुस्तक ‘संवाद भगवान से’ की समीक्षा प्रस्तुत
- संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर रक्षा की शपथ ली
- जैन विश्वभारती संस्थान की छात्रा स्मृति कुमारी ने किया संसद में राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- एनसीसी की छात्राओं को दो दिवसीय शिविर में दिए विभिन्न प्रशिक्षण
- लाडनूँ की छात्रा स्मृति कुमारी ने संसद में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित
- हम योग में ग्लोबल लीडर, अब नेचुरोपैथी में भी बनना है- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल
- एनसीसी कैडेट्स को रेंक का वितरण किया
- शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को दी जाए ईमानदारी के आचरण की प्रेरणा- प्रो. जैन
- तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनि महावीर कुमार को पर्यावरणीय चिंतन सम्बंधी शोध पर पीएचडी
- लाडनूँ की एनसीसी कैडेट को ईमानदारी व नैतिकता के टास्क में मिला स्वर्ण-पदक
- ‘भ्रष्टाचार से मुकाबले में शिक्षा की भूमिका’ पर राष्टीªय सेमिनार आयोजित
- सतर्कता जागरूकता के अन्तर्गत लोकगीत, लघुनाटिका व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन
- साइबर जागरुकता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत प्रतियोगिता का आयोजन
- प्राकृत भाषा और साहित्य पर 16 वीं व्याख्यानमाला का आयोजन
- सरदार पटेल की जयंती पर एकता दौड़ लगाई एवं राष्ट्रीय एकता की शपथ का अयोजन
- संस्थान में “सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2022” का आयोजन
- सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व-कृतित्व पर व्याख्यान का आयोजन
- राष्ट्रीय एकता सप्ताह में प्रश्नोतरी व एकता रैली का आयोजन
- राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में लाडनूं की कांता सोनी रही अव्वल
- आयुर्वेदिक केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि जीवन-शैली भी है- डॉ. मनीषा चौधरी
- एनएसएस द्वारा स्वच्छ भारत अभियान पर कार्यक्रम आयोजित
- अमेरिका से आए दल ने किया जैविभा विश्वविद्यालय का अवलोकन
- वनस्पति विज्ञान से सम्बंधित विभिन्न मॉडल्स बना कर किया प्रदर्शन
- इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स पर ‘यम्मी मिल्लेट्स’ कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित
- छात्र दिवस के रूप में मनाया डॉ. एपीजे कलाम का जन्मदिन
- हर दिन आयुर्वेद, हर घर आयुर्वेद’ थीम पर आयुर्वेद जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- आचार्य श्री महाश्रमण रचित ‘रश्मियां अर्हत वांङ्मय की’ कृति की समीक्षा
- एनसीसी छात्राओं को बी व सी सर्टिफिकेट्स वितरित किए
- जरा सी लापरवाही फंसा सकती है तकनीकी-ठगों के जाल में- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता की सेवा विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में छात्राओं ने बनाए एक से बढ कर एक पोस्टर
- पुनीत सागर अभियान के तहत एनसीसी की छात्राओं ने की सरोवर की सफाई
- एनसीसी की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक द्वारा दिया प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश
- सेवाधर्म का निर्वहन प्रत्येक नागरिक का दायित्व- प्रो. त्रिपाठी
- एनसीसी के लिए 13 छात्राओं का किया गया चयन
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत ‘मेरा विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ कार्यक्रम आयोजित
- विश्व शांति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन