जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में गांधी के सिद्धांतों पर आधारित नाटक व भजन प्रतियोगिता का आयोजन

हर घर में रावण बैठा है, इतने राम कहां से लावूं....

लाडनूँ 24 अगस्त 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाप्रज्ञ-महाश्रमण आॅडिटोरियम में महात्मा गांधी की 150वीं जयती महोत्सव के अवसर पर गांधी के सिद्धांतों पर आधारित नाटक एवं भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्रा सरिता शर्मा व मुमुक्षु अंकिता ने ‘‘दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल......’’ ने आॅडिटोरियम में उपस्थित समस्त दर्शकों पर प्रभाव डाला। भावना भाटी, रितु स्वामी व नेहा पारीक ने महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘‘ वैष्णव जन तो तैंने कहिये, जे पीर पराई जाणैं रै.......’’ का गान करके सबको भक्ति विभोर कर दिया। ममता स्वामी ने ‘‘रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम...’’ का गान किया। नीतू जोशी ने ‘‘कलियुग बैठा मार कुंडली, जावूं तो तो कहां जावूूं, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहां से लावूं....’’ सुनाकर तालियां बटोरी। मीनू रोड़ा ने ‘‘ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे, तूमरै बिनु हमरा कौनुं नहीं....’’ का सस्वर पाठ किया। विपुल जैन ने ‘‘अहंकार का भाव न रख, नहीं किसी पर क्रोध करूं.....’’ सुनाई।

आदर्शों को जीवन में उतारें

प्रतियोगिता में प्राकृत एवं संस्कृत विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर दामोदर शास्त्री ने महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘‘वैष्णव जन तो तैंने कहिये जे पीर पराई जानैं रै....’’ की कुछ उक्तियों का उल्लेख व उनका भावार्थ करते हुये कहा कि काछ व वाच पर नियंत्रण का जो उपदेश इस भजन में है, उससे मनुष्य को अपनी वाणी में संयम एवं अपने चरित्र पर काबू पाने की आवश्यकता को बतलाता है। यह शिक्षा व संस्कार प्रदान करने वाला भजन है, जो व्यक्ति को अपने विवेक के जागरण के लिये प्रेरित करता है। हम महात्मा गांधी को याद तो कर लेते हैं, लेकिन उन्हें अपने जीवन में कितना उतार पाते हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण होता है। महापुरूषों के आदर्शों को हृदयंगम करने और उन पर आचरण करने से ही व्यक्ति महान बन सकता है। नाटक प्रस्तुतियों में अम्बिका एवं समूह ने महात्मा गांधी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं से लेकर उनके मृत्योपरांत तक के घटनाक्रम का नाट्य-रूपांतरण पेश किया। आरती एवं समूह ने बापू की संतान नामक नाटक में अदालत में पर्यावरण का संकट प्रस्तुत किया, जिसमें जल, पहाड़, पेड़ व धरती की गवाही लगाई गई।

मीनू रोडा रही प्रथम स्थान पर

सांस्कृतिक समिति की समन्वयक डाॅ. अमिता जैन ने प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा करते हुये बताया कि भजन गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर मीनू रोड़ा एवं द्वितीय स्थान पर ममता स्वामी रही। तृतीय स्थान पर मुमुक्षु अंकिता रही। नाटक मंचन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर मुमुक्षु आरती एवं समूह तथा द्वितीय स्थान पर अम्बिका एवं समूह रहा। कार्यक्रम में रितु स्वामी, नेहा पारीक, सरिता शर्मा, ममता स्वामी, विपुल जैन, नीतू जोशी,मीनू रोड़ा, भावना भाटी व मुमुक्षु अंकिता ने महात्मा गांधी पर आधारित अनेक भजनों की प्रस्तुतियां देकर वातावरण को महात्मा गांधी मय बना दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भावना ने मंगल-गान द्वारा किया। निर्णायक प्रो. दामोदर शास्त्री एवं डाॅ. पुष्पा मिश्रा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. सरोज राय, प्रो. रेखा तिवाड़ी, सुनीता इंदौरिया, डाॅ. आभा सिंह, सोनिका जैन, अभिषेक चारण एवं सभी संकायों व विभागों के आचार्य व सह आचार्य तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। अंत में आभार ज्ञापन डाॅ. अमिता जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज व छात्रा रचना ने किया।

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