जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अल्पकालीन टैली कोर्स का समापन

आज की आवश्यकता है कम्प्यूटर से एकाउंटिंग का ज्ञान- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 5 अप्रेल 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में कौशल विकास के लिये संचालित अल्पकालीन कोर्सेज के अन्तर्गत टैली एवं कंप्यूटर एकाउंटिंग कोर्स का समापन शुक्रवार को किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक युवा एवं विद्यार्थी को अधिकतम कौशल प्राप्त करने को हमेशा उद्यत रहना चाहिये। जो व्यक्ति स्वयं जानता है, वह अधिक सफल हो सकता है। एकांटिंग की जानकारी तो आज के अर्थ-युग में सबके लिये आवश्यक बन गई है। उन्होंने टैली और जीएसटी के ज्ञान को कॅरियर बनाने के लिये भी उपयोगी विधा बताया। कार्यक्रम में विताधिकारी आरके जैन ने हिसाब-किताब रखने की विधियों के ज्ञान को जीवन के लिये सबसे आवश्यक बताया तथा कहा कि इस कम्प्यूटर युग में टैली की जानकारी बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी।

लाभान्वित होंगे व्यवसायरत युवा

समन्वयक विजयकुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय की कौशल प्रशिक्षण योजना के तहत हाल ही में संचालित हैयर स्टाईल कोर्स, इंग्लिश स्पोकन कोर्स एवं टैली की जानकारी देते हुये बताया कि विश्वविद्यालय अनेक छोटे-छोटे कोर्सेज के माध्यम से काॅलेज शिक्षा से जुड़े अथवा व्यवसायरत युवा वर्ग को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कुशल बनाने की योजना के बारे में जानकारी दी। जगदीश यायावर व सोनिका जैन ने भी टैली को महत्वपूर्ण विद्या बताते हुये इसका ज्ञान हासिल करके जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले महेन्द्र जांगिड़, मोहम्मद खालिद, मुरलीमनोहर शर्मा, पूजा बैद, नीतू जोशी, मोनालिका आदि ने भी अपने अनुभव सुनाये और प्रशिक्षक राजेन्द्र बागड़ी व सोनिका जैन एवं कार्यक्रम समन्वयक विजयकुमार शर्मा के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में शोध निदेशक प्रो. अनिल धर, डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच, डाॅ. सोमवीर सांगवान, पंकज भटनागर, राजेन्द्र बागड़ी, सोनिका जैन, विजयकुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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