जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में गुरू पूर्णिमा पर्व पर कार्यक्रमों का आयोजन
भारतीय संस्कृति में गुरू का सम्मान विश्व के लिये अनुकरणीय- प्रो. त्रिपाठी
लाडनूँ, 16 जुलाई 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं शिक्षा विभाग में गुरू पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजित किये गये। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने संस्कृत साहित्य में वर्णित गुरू की महिमा के बारे में बताते हुये कहा कि प्राचीन आर्ष पद्धति में जो मान-सम्मान गुरू को दिया गया, वह आज पूरे विश्व के लिये अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि भारत में गुरु-शिष्य की एक सुदीर्घ परम्परा रही है जिसमें गुरु निरपेक्ष भाव से शिष्य के जीवन को संवारने का उपक्रम करता है। प्रो. त्रिपाठी ने प्लेटो-अरस्तु, अरस्तु-सिकन्दर, रामकृष्ण परमहंस-विवेकानन्द, नरहरिदास-तुलसीदास, वल्लभाचार्य-सूरदास, द्रोणाचार्य-अर्जुन, आचार्य तुलसी-महाप्रज्ञ की प्रेरणादायक गुरु-शिष्य परम्परा के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत करवाया। कार्यक्रम में अभिषेक चारण ने माँ की महत्ता को स्वीकार करते हुए माँ को जीवन का पहला गुरु स्वीकारा और हर व्यक्तित्व की सफलता के पीछे माँ की प्रेरणा को अहम बताकर विवेकानन्द एवं उनकी माँ का बेहद रोचक प्रसंग प्रस्तुत किया। इस अवसर पर छात्रा रूबिना बानो, खुशबू बानो एवं आरती सिंघानिया ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में डाॅ. प्रगति भटनागर, कमल कुमार मोदी, सोमवीर सांगवान, डाॅ. बलबीर सिंह, शेरसिंह राठौड़, अभिषेक शर्मा, श्वेता खटेड़, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।
शिक्षा विभाग में कार्यक्रम आयोजित
शिक्षा विभाग के आयोजित कार्यक्रम में डाॅ. गिरीराज भोजक ने गुरू पूर्णिमा मनाये जाने के कारणों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि गुरू की प्रतिष्ठा सदैव रहनी चाहिये। अगर गुरू का सम्मान कम होता है तो यह पूरे समाज के लिये अवमूल्यनकारी होता है। उन्होंने वर्तमान में गुरू पूर्णिमा पर्व की महता पर भी रोशनी डाली। इस अवसर पर छात्राध्यापिकाओं ने अपने समस्त गुरूजनों का तिलकार्चन करके सम्मान किया। छात्राओं ने भी गुरू पूर्णिमा और गुरू पद की महता पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डाॅ. मनीष भटनागर ने कहा कि शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों के हित की सोचता है और उनकी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। राष्ट्र-निर्माण के गुरूत्तर दायित्व के कारण ही शिक्षक को गुरू कहा जाता है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की पूजा के साथ किया गया और अंत में डाॅ. आभा सिंह ने आभार ज्ञापित किया।
Latest from
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय सेवा योजना का तृतीय एक दिवसीय शिविर आयोजित
- डाॅ. शेखावत द्वारा इजाद किए गए एआई पर्यावरण मोनिटरिंग उपकरण को अन्तर्राष्ट्रीय पेटेंट मिला
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी जोधा का युवा संसद के लिए राज्य स्तर पर चयन
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- वसंत पंचमी पर गीत-संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से रिझाया मां शारदे को
- नई शिक्षा नीति जागरूकता क्विज प्रतियोगिता आयोजित, 6 छात्राओं ने किया टॉप
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का कौशल
- आशु भाषण, पोस्टर पेंटिंग व एकल गायन कविता प्रतियोगिता आयोजित
- नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
- आध्यात्मिक मनोविज्ञान विषय पर व्याख्यान आयोजित
- पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- ग्राम खानपुर व भियाणी में विकसित भारत जागरूकता रैली निकाली
- नई शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- विश्व दार्शनिक दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजित
- युवाओं में राष्ट्रीय भावना की जागृति आवश्यक- प्रो. रेखा तिवाड़ी
- संस्कार-निर्माण के लिए एकाग्रता, संकल्प शक्ति व आवेश पर नियंत्रण का अभ्यास जरूरी
- सक्षम युवा सशक्त राष्ट्र के निर्माण का आधार - प्रो. जैन
- एक दिवसीय युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- राष्ट्रीय गणित दिवस पर बताए गणित के जादुई फार्मूले
- राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रथम एक दिवसीय शिविर का आयोजन
- अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया
- लैंगिक असमानता की रोकथाम के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम में व्याख्यान आयोजित
- ‘सशक्त नारीःसशक्त राष्ट्र’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ
- ‘प्राकृत वांगमय में तनाव प्रबंधन के सूत्र’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
- लाडनूँ की प्रगति को दूरस्थ व ऑनलाईन शिक्षा में ‘ए’ ग्रेड मिला
- संस्थान के सदस्यों ने अनुशास्ता आचार्य के दर्शन किए
- बिरसा मुण्डा जयन्ती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया, आदिवासियों के विकास पर चर्चा
- गायन प्रतियोगिता में रेणु मनोत प्रथम रही
- आचार्य तुलसी की 110 वीं जयंती पर गुरू सुमरिन सभा आयोजित
- पूजा-अर्चना, भजन-संगीत के साथ मनाया दीपावली का पर्व
- साधना से व्यक्तित्व विकास के साथ शारीरिक-मानसिक शक्तियों का विकास संभव- प्रो. जैन
- ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता में दिव्या भास्कर प्रथम रही
- 75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव में ‘मूल्य शिक्षा का महत्त्व’ पर सेमिनार आयोजित
- भ्रष्टाचार के विरोध एवं राष्ट्र समर्पण के लिए सतत सतर्क व जागरूकता जरूरी
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत रैली का आयोजन
- एनएसएस के स्वच्छता अभियान में व्याख्यान का आयोजन
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत शपथ कार्यक्रम आयोजित
- एल्युम्नी मीट का आयोजन में पूर्व विद्यार्थियों ने साझा किए अनुभव व स्मृतियां
- नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं का स्वागत समारोह आयोजित
- साइबर सिक्योरिटी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
- ‘आधुनिक परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता’ पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित
- छात्राओं ने लघु नाटिका से अंधविश्वास उन्मूलन का संदेश दिया
- मासिक व्याख्यानमाला में सट्टक परम्परा पर व्याख्यान आयोजित
- एनसीसी कैडेट्स की महात्मा गांधी की प्रतिमा की सफाई
- एनसीसी कैडेट्स ने किया श्रमदान