जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत आंतरिक व्याख्यानमाला आयोजित
साधना और आचार से बनते हैं शब्द शक्तिशाली- कुलपति प्रो. अग्निहोत्री
लाडनूँ, 30 सितम्बर 2019। केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. केसी अग्निहोत्री ने कहा है कि किसी की कही हुई बात का किसी पर कितना असर होता है, यह उसकी शब्दों की साधना पर निर्भर करता है। एक ही बात अनेक लोगों द्वारा कहे जाने पर भी प्रत्येक का अलग-अलग असर इसी कारण होता है। कही गई बात का प्रभाव शब्द की साधना करने से ही संभव होता है। शब्द के ब्रह्म बन जाने के पीछे यही रहस्य है। साधना से हर अक्षर मंत्र बन सकता है। भारतीय संस्कृति में शब्द की साधना को सबसे बड़ी साधना माना गया है। जो भी कहा जावे, उसे पहले आचार में लाने की आश्यकता है, तभी वह बात असर पैदा करती है। आचार्य महाप्रज्ञ का ओज उनकी साधाना के कारण था। महापुरूष साधना करके अपनी वाणी में शक्ति का संचार कर देते हैं। इसे ही शब्द में प्राण-प्रतिष्ठा करना कहा जाता है। अपनी वाणी के अनुकूल अपना जीवन बनाना पड़ता है, तभी महापुरूषों के शब्द शक्तिशाली बन पाते हैं। यह बात उन्होंने यहां आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी समारोह के अन्तर्गत आयोजित आन्तरिक व्याख्यानमाला को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुये कही। यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में सोमवार को जैविभा संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की अध्यक्षता यह कार्यक्रम आयेाजित किया गया। मुख्य वक्ता अग्निहोत्री ने धर्म की व्याख्या करते हुये उसे अंग्रेजी शब्द रिलीजन से अलग बताया तथा कहा कि ईश्वर को मानना या नहीं मानना और पूजा पद्धति की प्रणाली अपनाना बेहद व्यक्तिगत मामला है, लेकिन धर्म व्यक्ति का सामाजिक दायित्व होता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का अपने-अपने व्यवसाय में अलग-अलग धम्र होता है, जो उसका कर्तव्य होता है, जबकि उसका धार्मिक मान्यताओं से कोई भी सम्बंध नहीं होता। यहां तो जड़ वस्तुओं के लिये भी धर्म निर्धारित कर दिये गये हैं, जैसे अग्नि का धर्म ताप देना और जल का धर्म शीतलता देना है। धर्म यूनिर्वसल होता है, वह काल और स्थान से निरपेक्ष होता है। धम्र के पालन के लिये अपनी वृतियों पर नियंत्रण आवश्यक है। उन्होंने महाप्रज्ञ की पदयात्राओं, वंचितों के प्रति चिंतन, उन्हें आजीविका का प्रशिक्षण दिये जाने, आमजनता से उनका जुड़ाव और दर्शन की गुत्थियों के बजाये सरल भाषा के प्रयोग आदि के बारे में बताते हुये कहा कि महाप्रज्ञ की सोच आम आदमी से जुड़ी हुई थी और वे लोगों के भीतर छिपी हुई ताकत का उन्नयन करना चाहते थे।
अनुभूत वाणी करती है दिल पर असर
आंतरिक व्याख्यानमाला कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जैविभा संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि केवल अनुभूत वाणी ही दिल पर असर करती है। महाप्रज्ञ ने वंचितों को अहिंसा प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि आजीविका प्रशिक्षण की व्यवस्था शुरू की थी। प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अहिंसा समवाय आदि के द्वारा उन्होंने आम जनता को जोड़ने का प्रयास किया और शब्द की साधना के कारण उन्होंने जो भी कहा वह घटित हो जाता था। उन्होंने शब्दों की क्लिष्टता को छोड़कर अपने जीवन के उतरार्द्ध में शब्दों कह सरलता को अपनाया था। उनके द्वारा प्रतिपादित सापेक्ष अर्थशास्त्र का काम अभी अधूरा है, जिसे पूरा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि महाप्रज्ञ काउद्देश्य सबको ज्ञानी बनाना था, लोगों को बुद्धिमता देना था, केवल आजीविका प्रशिक्षण देना ही नहीं। प्रो. दूगड़ ने बताया कि देश भर में जो विश्वविद्यालय लोगों को ज्ञानी बनाने के लिये कार्य कर रहे हैं और बिना लाभ के भारतीय संस्कृति और मूल्यों के लिये काम कर रहे हैं, उन्हें सरकार को विशेष श्रेणी में रखना चाहिये। प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा ने अपने स्वागत वक्तव्य में महाप्रज्ञ को अन्तप्र्रज्ञा जागृत व्यक्ति बताते हुये उनके द्वारा रचित साहित्य की विविधता को बताते हुये कहा कि उन्होंने समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, विज्ञान, अध्यात्म आदि समस्त विषयों पर नई बातें बताई और नई जानकारियां दी। आचार्य महाप्रज्ञ जन्मशताब्दी समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने जन्मशताब्दी वर्ष के अन्तर्गत जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय द्वारा आयोज्य कार्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुत करते हुये महाप्रज्ञ के ग्रंथ सम्बोधि पर 50 विश्वविद्यालयों में व्याख्यानों का आयोजन, राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन, अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन तथा वर्ष भर आयोजित किये जाने वाली भाषण, निबंध, चित्रकला आदि प्रतियेागिताओं के बारे में बताया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुमुक्षु बहिनों के मंगलगान के साथ किया गया और अंत में प्रो. बीएल जैन ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. योगेश जैन ने किया।
Latest from
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय सेवा योजना का तृतीय एक दिवसीय शिविर आयोजित
- डाॅ. शेखावत द्वारा इजाद किए गए एआई पर्यावरण मोनिटरिंग उपकरण को अन्तर्राष्ट्रीय पेटेंट मिला
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी जोधा का युवा संसद के लिए राज्य स्तर पर चयन
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- वसंत पंचमी पर गीत-संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से रिझाया मां शारदे को
- नई शिक्षा नीति जागरूकता क्विज प्रतियोगिता आयोजित, 6 छात्राओं ने किया टॉप
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का कौशल
- आशु भाषण, पोस्टर पेंटिंग व एकल गायन कविता प्रतियोगिता आयोजित
- नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
- आध्यात्मिक मनोविज्ञान विषय पर व्याख्यान आयोजित
- पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- ग्राम खानपुर व भियाणी में विकसित भारत जागरूकता रैली निकाली
- नई शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- विश्व दार्शनिक दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजित
- युवाओं में राष्ट्रीय भावना की जागृति आवश्यक- प्रो. रेखा तिवाड़ी
- संस्कार-निर्माण के लिए एकाग्रता, संकल्प शक्ति व आवेश पर नियंत्रण का अभ्यास जरूरी
- सक्षम युवा सशक्त राष्ट्र के निर्माण का आधार - प्रो. जैन
- एक दिवसीय युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- राष्ट्रीय गणित दिवस पर बताए गणित के जादुई फार्मूले
- राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रथम एक दिवसीय शिविर का आयोजन
- अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया
- लैंगिक असमानता की रोकथाम के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम में व्याख्यान आयोजित
- ‘सशक्त नारीःसशक्त राष्ट्र’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ
- ‘प्राकृत वांगमय में तनाव प्रबंधन के सूत्र’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
- लाडनूँ की प्रगति को दूरस्थ व ऑनलाईन शिक्षा में ‘ए’ ग्रेड मिला
- संस्थान के सदस्यों ने अनुशास्ता आचार्य के दर्शन किए
- बिरसा मुण्डा जयन्ती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया, आदिवासियों के विकास पर चर्चा
- गायन प्रतियोगिता में रेणु मनोत प्रथम रही
- आचार्य तुलसी की 110 वीं जयंती पर गुरू सुमरिन सभा आयोजित
- पूजा-अर्चना, भजन-संगीत के साथ मनाया दीपावली का पर्व
- साधना से व्यक्तित्व विकास के साथ शारीरिक-मानसिक शक्तियों का विकास संभव- प्रो. जैन
- ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता में दिव्या भास्कर प्रथम रही
- 75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव में ‘मूल्य शिक्षा का महत्त्व’ पर सेमिनार आयोजित
- भ्रष्टाचार के विरोध एवं राष्ट्र समर्पण के लिए सतत सतर्क व जागरूकता जरूरी
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत रैली का आयोजन
- एनएसएस के स्वच्छता अभियान में व्याख्यान का आयोजन
- स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत शपथ कार्यक्रम आयोजित
- एल्युम्नी मीट का आयोजन में पूर्व विद्यार्थियों ने साझा किए अनुभव व स्मृतियां
- नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं का स्वागत समारोह आयोजित
- साइबर सिक्योरिटी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
- ‘आधुनिक परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता’ पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित
- छात्राओं ने लघु नाटिका से अंधविश्वास उन्मूलन का संदेश दिया
- मासिक व्याख्यानमाला में सट्टक परम्परा पर व्याख्यान आयोजित
- एनसीसी कैडेट्स की महात्मा गांधी की प्रतिमा की सफाई
- एनसीसी कैडेट्स ने किया श्रमदान