जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में बालिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

देश को ऊंचाई देने में बालिकाओं का रहा है योगदान- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 11 अक्टूबर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में शुक्रवार को बालिका दिवस मनाया गया, जिसमें कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुये प्राचार्य प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बालिकाएं भारतीय संस्कृति एवं सामाजिक संस्कारों की अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जहां एक ओर पी.वी. सिन्धु, सायना नेहवाल एवं एम.सी. मेरीकोम सरीखी बालिकाओं ने खेल के क्षेत्र में अपना और देश का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर देश की प्रथम रक्षामंत्री एवं प्रथम वित्तमंत्री का सौभाग्य भी क्रमशः सुषमा स्वराज व निर्मला सीतारमण जैसी भारतीय बेटियों को मिला। भारत की बेटियां कल्पना चावला व सुनिता विलियम्स अन्तरिक्ष फतेह भी करती है, वहीं गीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए लता मंगेशकर एवं सीमा मिश्रा जैसा योगदान भी देती हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय के हिन्दी व्याख्याता अभिषेक चारण ने शैव, वैष्णव एवं शाक्त जैसी सनातन मान्यताओं के बारे मंे बताते हुये बालिकाओं को देवी का रूप बताकर सदैव सम्मान की अधिकारिणी बताया। उन्होंने गजलकार राजेश विद्रोही की रचना ‘‘बाबुल की बेशकीमती थाती हैं बेटिया, बेटे अगर चिराग है बाती हैं बेटियां। तुम आज कोख में ही कतल कर तो रहे हो, सोचो बड़े नसीब से आती है बेटियां। पढ़कर बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना को बताया। डाॅ. बलबीर सिंह ने छात्राओं को बालिका दिवस की शुभकामना देते हुए समाज में बालिकाओं के शैक्षिक योगदान की सराहना की। कार्यक्रम में छात्राओं निष्ठा मोदी, महिमा प्रजापत, कल्पना सोनी, पूजा चैधरी, आरती सिंघारिया, पूजा प्रजापत एवं सुरभी नाहटा ने भी बालिका दिवस पर अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम में सहायक आचार्य डाॅ. प्रगति भटनागर, कमल कुमार मोदी, सोमवीर सांगवान, श्वेता खटेड़, शेर सिंह राठौड़, अभिषेक शर्मा, मांगीलाल, अजयपाल सिंह भाटी, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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