जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव सप्ताह का आयोजन

भारतीय संस्कारों में घृणा-द्वेष के लिये कोई जगह नहीं- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 19 नवम्बर 2019। केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन स्वायत-निकाय ‘राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान’ के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह का आरम्भ एन.एस.एस. की प्रथम व द्वितीय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार से किया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि भगवान ने सबको एक समान बनाया है, अतः इंसान-इंसान के बीच किसी प्रकार का कोई भेद नहीं होना चाहिए। भारतीय संस्कारों में तो घृणा, द्वेष एवं नफरत के लिए कोई जगह ही नहीं है। सभी भारतवासी एक है और यह भावना हमारे विद्यार्थियों द्वारा इस सप्ताह में अधिक से अधिक फैलाई जाये। सत्य सदैव एक रहता है। उसे चाहे किसी भी रूप में वर्णित कर दिया जावे। उन्होंने सद्भाव पर कुछ काव्य-पंक्तियां प्रस्तुत करते हुये कहा, हाथो में गीता रखेंगे, सीने में कुरान रखेंगे। मेल बढ़ाये जो आपस में, वही धर्म और ईमान रखेंगे। शंख बजेगा भाईचारे का ऐसी अमन की अजान रखेंगे। काबा भी होगा काशी भी होगी पर सबसे ऊपर हिन्दुस्तान रखेंगे। कार्यक्रम के शुरूआत में इकाई प्रथम प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव सप्ताह के तहत सांस्कृतिक, निबन्ध लेखन एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा एवं एन.एस.एस. स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं द्वारा क्षेत्र के सभी नागरिकों के बीच पहुंच कर धार्मिक सद्भाव की भावना को बढ़ावा दिया जायेगा और एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना को साकार रूप देने का प्रयास किया जायेगा, जिसमें समानता का भाव हो, घृणा एवं द्वेष के लिए कोई जगह ना हो एवं राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखने हेतु संदेश दिया जायेगा। कार्यक्रम के अन्त में इकाई द्वितीय प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह द्वारा आभार ज्ञापित किया गया। इस दौरान सहायक आचार्य कमल कुमार मोदी, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, श्वेता खटेड़, शेर सिंह राठौड़, मांगीलाल सुथार, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव सप्ताह के तहत छात्राओं ने व्यक्त किये विचार

22 नवम्बर 2019। गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन स्वायत निकाय राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संचालित किये जा रहे राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह के चौथे दिन शुक्रवार को आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कौमी एकता पर आधारित इस कार्यक्रम में एन.एस.एस. की स्वयंसेविकाओं रूबिना बानो, लिछमा डारा, पूजा प्रजापत एवं नफीसा बानो ने साम्प्रदायिक सदभावना पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष प्रो. त्रिपाठी ने ‘मजहब नहीं सीखाता आपस में बैर रखना’ पंक्तियों के माध्यम से बताया कि गीता, कुरान, बाईबिल एवं गुरूग्रन्थ साहिब जैसे पवित्र ग्रन्थों में सामाजिक सौहार्द्र की अनूठी मिसालें देखने को मिलती है। विविधता में एकता के लिए विख्यात हमारे देश के ये पवित्र धार्मिक ग्रंथ हर व्यक्ति को मानवता की ओर अग्रसर करते हैं, जिसके आग्रह की गूंज आज समूचे विश्व में सुनाई दे रही है। समूचे विश्व के लिए भारत आज फिर से मानवता रूपी वृक्ष के रक्षक के रूप में पर्याय बन चुका है। प्रो. त्रिपाठी ने संस्थान की छात्राओं को भी हृदय की विशालता का परिचय देते हुए कहा कि न केवल अपने हृदय से संकीर्णताओं को दूर करना चाहिए, बल्कि समूचे समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने हेतु अपनी महत्ती भूमिका निभानी चाहिए। छात्रा रूबिना बानो ने सामाजिक सौहार्द पर कविता पढ़ी, लिछमा डारा ने वर्तमान विश्व में सौहार्द भावना की महत्ती आवश्यकता पर प्रकाश डाला, पूजा प्रजापत द्वारा मुक्तकों के माध्यम से सामाजिक सौहार्द की भावना का समर्थन किया। छात्रा नफीसा बानो ने अपने विचारों में कहा, कौम को कबीलों में मत बांटिये, ये सफर चंद मिलने में मत बांटिये। इक नदी की तरह है हमारा वतन, इसको तालों में छीलों में मत बांटिये। कार्यक्रम का संयोजन एन.एस.एस. इकाई प्रथम की प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने किया। इकाई द्वितीय प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह ने अंत में आभार ज्ञापित किया। इस दौरान सहायक आचार्य अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, श्वेता खटेड़, शेर सिंह राठौड़, अभिषेक शर्मा, मांगीलाल सुथार आदि उपस्थित रहे।

परस्पर सम्प्रदायों का सम्मान करें - डाॅ. शेखावत

25 नवम्बर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव सप्ताह का समापन सोमवार को यहां आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुये योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव राष्ट्र-विकास की कुंजी होती है। देश में धार्मिक, जातीय, प्रांतीय एकता होनी आवश्यक है। एक संगठित देश ही विश्व में सम्मान का पात्र बनता है। हमें सही मायनों में इंसान बनना होता है, भारतीय बनना होता है, लेकिन हम केवल धर्म और सम्प्रदायों, जातियों के दायरों में बंध कर रह जाते हैं और यही हम इस देश का सबसे बड़ा नुकसान करते हैं। हमें एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिये। उन्होंने एनएसएस को देश में शांति और सौहार्द्र कायम करने में सबसे अधिक भूमिका निभाने वाला संगठन बताया तथा सप्ताह भर किये गये कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर सप्ताह के दौरान आयोजित की गई पोस्टर प्रतियेागिता और निबंध प्रतियोगिता के परिणामों की भी घोषणा की गई। इनमें पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर निर्मला चैहान रही। द्वितीय स्थान पर मुस्कान बल्खी व कल्पिता सोलंकी रही और तृतीय स्थान पर शिवानी आचार्य रही। निबंध प्रतियोगिता में करिश्मा बानो प्रथम, खुशबू बानो द्वितीय और तरन्नुम बानो व महिमा प्रजापत तृतीय स्थान पर रही। अंत में एनएसएस प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रथम इकाई प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने किया।

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