जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित
स्वच्छता की शपथ दिलवाई
लाडनूँ, 17 जनवरी 2020। भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रथम व द्वितीय के संयुक्त तत्वावधान में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्रार्थना सभागार में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में इकाई द्वितीय प्रभारी डॉ. बलबीर सिंह ने इस पखवाड़े के अन्तर्गत आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की और इकाई प्रथम प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने स्वयंसेवकों एवं स्वयंसेविकाओं को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक एवं आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने स्वच्छता बनाये रखने एवं उसके प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि स्वच्छता सम्बन्धी सरकार द्वारा चलाये गये अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक भारतीय नागरिक की सहभागिता आवश्यक है। इस अवसर पर एनएसएस की स्वयंसेविका नफीसा बानो ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेविका पूजा प्रजापत ने किया। इस दौरान सहायक आचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़, कमल कुमार मोदी, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, डॉ. विनोद सियाक श्वेता खटेड़, शेर सिंह राठौड़, मांगीलाल सुथार, अभिषेक शर्मा, अजपाल सिंह भाटी, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।
एनएसएस की छात्राओं ने किया वृक्षारोपण
भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रथम व द्वितीय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय के स्टाफ के साथ मिलकर परिसर में वृक्षारोपण का कार्य किया। एक कार्यक्रम एनएसएस के सात दिवसीय शिविर के अन्तर्गत चल रहे स्वच्छता अभियान में किये गये इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में लगाया जाने वाला एक-एक पौधा अपना महत्व रखता है। स्वच्छता केवल भौतिक ही नहीं होती बल्कि वायु प्रदूषण से मुक्ति और शुद्ध हवा के संचार में भी स्वच्छता रहती है। इस अवसर पर कुलसचिव मेहता के साथ दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, विताधिकारी आरके जैन, अहिंसा एवं शांति विभाग के विभाध्यक्ष प्रो. अनिल धर, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, एनएसएस की ईकाई प्रभारी प्रगति भटनागर, डाॅ. बलवीर सिंह चारण, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ आदि एवं एनएसएस की छात्रायें उपस्थित थी। इस अवसर पर एक दर्जन पौधों का रोपण किया गया।

एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने श्रमदान कर सफाई की
21 जनवरी 2020।जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत मंगलवार को स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय परिसर में सफाई की और कचरा हटाया। स्वयंसेविकाओं ने एनएसएस प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह चारण एवं डाॅ. प्रगति भटनागर के निर्देशन में यह अभियान चलाया गया। डाॅ. चारण व डाॅ. भटनागर ने भी इस अवसर पर श्रमदान किया। डाॅ. चारण ने स्वयंसेविकाओं से कहा कि उनके द्वारा किया गया श्रमदान विश्वविद्यालयकी समस्त छात्राओं के लिये एक आदर्श उदाहरण बनेगा। साथ ही यह कार्य सभी के लिये स्वच्छता के संदेश का प्रसारण करेगा। उन्होंने सफाई को अपनी नियमित दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि आम आदमी की हिचक समाप्त हो जाने पर हर व्यक्ति स्वयं सफाई के प्रति जागरूक रहेगा और सफाई में रूचि लेने लगेगा। कार्यक्रम में सभी स्वयंसेविकाओं ने श्रमदान किया और कहा कि इससे उन्हें आनन्द की अनुभूति हुई है।

स्वच्छता के नियम पालने से पर्यावरण की रक्षा संभव- प्रो. जैन
24 जनवरी 2020। भारत सरकार के उन्नत भारत अभियान एवं स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में ग्राम दुजार में जन जागृति कार्यक्रम के तहत एक संगोष्ठी एवं रैली का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मतदाता जागरूकता एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप सरपंच भंवर सिंह राठौड़ थे एवं अध्यक्षता समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दुजार के प्रधानाचार्य जय प्रकाश एवं ग्राम विकास अधिकारी राजेश जैन थे। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को प्रतिपादित करते हुये विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान देकर स्वच्छता को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताया तथा स्वच्छता व पर्यावरण के आपसी सम्बंध के बारे में जानकारी दी। डाॅ. भाबाग्रही प्रधान ने संगोष्ठी में उन्नत भारत अभियान के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। मुख्य अतिथि भंवर सिंह ने बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिये मां और अध्यापकों की जिम्मेदारी ठहराई और कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने पर बच्चे स्वयं अपने स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक बनेंगे। डाॅ. प्रगति भटनागर ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे समन्वय सव्च्छता पखवाड़े के कार्यक्रम की जानकारी दी और स्वच्छता को अपनाने व नये भारत के निर्माण में सहयोग की कामना की। सपना स्वामी ने इस अवसर पर स्वच्छ भारत समबंधी कविता प्रस्तुत की।
अनुशासन से जीवन बदलें
प्रधानाचार्य जय प्रकाश ने निज पर शासन फिर अनुशासन स्लोग के अनुसार अपने जीवन को ढालने की जरूरत बताई और गांव के विकास के बारे में जानकारी देते हुये विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों की अहमियत बताई। समाजसेवी वसंत शर्मा ने बताया कि संस्थान का समाज कार्य विभाग पिछले 15 सालों से गांव में जागरूकता पैदा करने और ग्रामीणों की जीवनचर्या बदलने के लिये प्रयासरत है और इनसे गांव की महिलायें, बुजुर्ग और युवा सभी जुड़ कर लाभान्वित हुये हैं। प्रारम्भ में डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताये एवं स्वास्थ्य व स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुये व्यक्तिगत स्वच्छता एवं समुदाय की स्वच्छता की आवश्यकता बताई। अंत में डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन आयुष जैन ने किया। संगोष्ठी के अलावा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जो विद्यालय भवन से रवाना होकर गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुये निकली और आमजन को उन्नत भारत व स्वच्छता का संदेश दिया एवं बेटी बचाओ-बेटी पढाओ का आह्वान किया गया। कार्यक्रम व रैली में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय, जैविभा विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं समाज कार्य विभाग के विद्यार्थियों, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयदुजार के विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

राजस्थान की प्राचीन जल-संस्कृति की रक्षा आवश्यक- जेठू
29 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों ईकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत बुधवार को आयोजित पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पर्यावरण बजरंगलाल जेठू ने जल संरक्षण के महत्व को प्रतिपादित करते हुये कहा कि शुद्ध जल पर्यावरण की रक्षा में महत्वूपर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने इसके लिये बरसाती पानी को जमा करने की आवश्यकता बताई और कहा कि घरों में वर्षाजल के संग्रह के अलावा सार्वजनिक रूप से बरसाती पानी के जमा करने की आवश्यकता है। उन्होंने एनएसएस की स्वयंसेविकाओं से कहा कि वे जब भी किसी गांव में जायें तो वहां मौजूद नाडी, तालाब अथवा अन्य जलाशय को स्वयं श्रमदान करके स्वच्छ बनायें, ताकि उससे ग्रामवासियों को भी पानी के स्रोतों को साफ रखने की प्रेरणा मिले। उन्होंने वर्षा के महत्व पर बोलते हुये कहा कि राजस्थान के रहवासी इसके प्रति बहुत सचेष्ट थे। बरसात के लिये केवल राजस्थानी भाषा में ही वर्गीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चैत्र मास में होने वाली बरसात को चड़पड़ाट, बैशाख की बरसात हबोलियो, जेठ में झपटो, आषाढ मास की वर्षा, श्रावण की लौर, भादवा की झड़ी, आसोज की मोती, कार्तिक में कटक, मार्गशीर्ष में फांसरड़ो, पौष में पोवट, माघ में मावठ और फाल्गुन मास की बरसात को फटकटो कहा जाता है। इसी प्रकार प्रत्येक बरसात के पानी के गुण-अवगुण का वर्णन भी मिलता है। जल-संस्कृति के बारे में उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा जीवन में एक बार किया जाने वाला कर्म उसकी कृति होता है और उसे बार-बार करने पर वह उसकी प्रवृति कहलाता है। अगर बहुत सारे लोग कोई काम बार-बार करे तो वह संस्कृति बन जाता है। इसी प्रकार सामुहिक रूप से जल-संरक्षण के लिये चिंतन व कर्म करना ही जल-संस्कृति होती है। इसके लिये व्यक्ति में अन्तरचेतना का जागरण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जो चेतना या सीख भीतर से उत्पन्न होती है, वह प्रेरणा बन जाती है। इसके लिये एक दोहा प्रयुक्त करते हुये उन्होंने कहा, ‘सीख शरीरां उपजै, दीयां लागै डाम’। इसलिये स्वयं में ही सीख पैदा होनी भी आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की उन्होंने कहा कि बरसात के प्रति इस प्रांत के जनमानस में गहरी चेतना रही है। प्राचीन परम्परागत जलस्रोतों शिल्पकला दांतों तले अंगुलि दबाने वाली है। हमें अपने इन सभी जलस्रोतों की रक्षा का दायित्व निभाना चाहिये। प्रारम्भ में अभिषेक चारण ने पर्यावरण संरक्षण की प्रस्तावना प्रस्तुत की और अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। एनएसएस प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने अंत में आभार ज्ञापित किया और स्वयंसेवी छात्राओं को जल-संरक्षण करने व पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने को राष्ट्र की बहुत बड़ी सेवा बताई। इस अवसर पर अभिषेक शर्मा, डाॅ. बलबीरसिंह चारण, शेर सिंह, डाॅ. विनोद कस्वां, श्वेता खटेड़, मांगीलाल, कमल कुमार मोदी आदि उपस्थित थे।

वर्तमान में नितांत अनुपयोगी है घूंघट प्रथा
30 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों ईकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे स्वच्छता पखवाड़े के साथ गुरूवार को घूंघट छोड़ो अभियान एवं शहीद दिवस भी मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने घूंघट प्रथा के अवगुणों के बारे में बताया तथा सभी स्वयंसेवी छात्राओं को सामुहिक रूप से घूंघट के त्याग की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर छात्राओं स्नेहा पारीक, मानसी जांगिड़, आयशा सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पूजा जैतमाल ने एक गीत की प्रस्तुति दी। एनएसएस प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये घूधट प्रथा को अनुपयोगी बताया और कहा कि वर्तमान युग में घूंघट रखना नितात अनुचित है। उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्य तिथि शहीद दिवस पर उन्हें याद करते हुये दो मिनट का मोन रखवा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन सुरभि नाहटा ने किया।
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