जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
लाडनूँ, 20 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाश्रमण ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा की अध्यक्षता में किया गया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन भी कार्यक्रम के मंचासीन अतिथि रहे। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के प्रथम दिवस रंगोली प्रतियोगिता एवं एकल लोकनृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। रंगोली प्रतियोगिता के लिये छात्राओं के 39 समूह बनाये गये, जिन्होंने परिसर में ही विभिन्न आकर्षक रंग उकेरते हुये मनभावन रंगोलियां सजाई। रंगोलियों में विजेताओं के चयन के लिये डाॅ. सुनिता इंदौरिया व डाॅ. ममता सोनी ने निर्णायक की भूमिका निभाई और सभी रंगोलियों का अवलोकन किया। इसके अलावा एकल लोकनृत्य प्रतियोगिता में 52 प्रतिभागियों ने राजस्थानी लोकगीतों पर एक से बढ कर ऐ लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी। इनके निर्णायकों के रूप में डाॅ. तृप्ति त्रिपाठी और अंजलि माथुर उपस्थित रही। प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ सरस्वती के पूजन के साथ किया गया। प्रारम्भ में सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विनोद कस्वा ने किया।
लोकनृत्य प्रतियोगिता में छात्राओें ने मचाई धूम, राजस्थानी संस्कृति को किया साकार
22 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में चल रही चार दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियेागिताओं में छात्राओं ने एकल गायन एवं सामुहिक लोकनृत्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत विभिन्न आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोहा। सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने बताया कि सामुहिक लोकनृत्य में कुल 21 समूहों ने भाग लिया, जिनमें आरती तिवारी एवं समूह, आमना एवं समूह, निकिता शर्मा एवं समूह, कुसुम नाई एवं समूह, विनोद बिजारणियां एवं समूह, प्रीति फूलफगर समूह, रूबिना समूह, साक्षी गुर्जर समूह, गुनगुन समूह, पूजा समूह, महिमा प्रजापत समूह, आंकाक्षा समूह, मोनिका समूह, पिंकी राठौड़ समूह, राधिका समूह, सोनिया समूह, ममता पंवार समूह, पूजा शर्मा समूह, सपना समूह, पूजा पंवर एवं समूह तथा वृंदा समूह ने लोकगीतों पर आधारित नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। इस प्रतियेागिता के निर्णायकों में डाॅ. मधु जैन, डाॅ. तृप्ति त्रिपाइी व गीता पूनिया थी। एकल गायन प्रतियोगिता में 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया; इनमें मुमुक्षु प्रेक्षा, नीतु जोशी, दुर्गा कुमारी, भावना भाटी, मुमुक्षु मीनल, मुमुक्षु सजना, मनीषा मेहरा, मुमुक्षु अंकिता, स्नेहा पारीक, हिमांशी, कुसुम नाई, अर्चना शर्मा, मुमुक्षु रोशनी, सोनम कंवर, सिमरन, आयशा सिंह, सविता कंवर, हिमांशी, ललिता काला व रीतिका ने गायन प्रस्तुत किये। इस प्रतियेागिता में निर्णायकों में डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा व डाॅ. गिरीराज भोजक शामिल थे। सांस्कृतिक प्रतियोगिता के तहत विश्वविद्यालय के स्टाफ के लिये भी गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 13 जनों ने हिस्सा लिया; जिनमें अभिषेक चारण, प्रगति चैरड़िया, डाॅ. गिरधारी लाल, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, डाॅ. गिरीराज भोजक, पंकज भटनागर, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. रणजीत मंडल, विजय कुमार शर्मा, श्वेता खटेड़ आदि शामिल थे। निर्णायकों के तौर पर प्रो. अनिल धर व प्रो. बीएल जैन थे। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. विनोद सियाग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डाॅ. अमिता जैन ने किया।
विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास जरूरी- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 23 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में चल रही चार दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के समापन सत्र में सम्बोधित करते हुये कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियां मिलकर ही विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम होती हैं। यहां छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास की ओर पूरा ध्यान दिया जाता है और उनके लिये उनकी रूचि के अनुरूप विभिन्न क्लबों का गठन किया जाकर उनकी प्रतिभा को निखारने का काम किया जाता है, जिसके लिये समस्त सुविधायें और आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाया जाता है। प्रतिभाओं को निखारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिये और इन्हें राष्ट्रीय व अन्र्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी प्रदर्शन का अवसर दिया जाना चाहिये। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास विद्यार्थियों में होना आवश्यक है। इस अवसर पर स्नेहा पारीक, महिमा प्रजापत तथा प्रतिष्ठा एवं समूह ने मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने चार दिनों में सम्पन्न की गई प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि रंगोली प्रतियोगिता में भावना चैधरी समूह प्रथम रहा। ममता भाटी समूह द्वितीय और मनीषा टाक समूह तृतीय स्थान पर रहा। एकल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्नेहा पारीक, द्वितीय महिमा प्रजापत व तृतीय आकांक्षा डूकिया रही। सामुहिक लोकनृत्य में प्रथम स्थान पर सपना एवं समूह, द्वितीय महिमा प्रजापत एवं समूह तथा तृतीय स्थान पर पूजा पंवार एवं समूह और वृंदाएवं समूह रहे। एकल लोकगायन प्रतियोगिता में अर्चना शर्मा प्रथम, हिमांशी द्वितीय और मुमुक्षु संजना एवं मनीषा गोदारा तृतीय रही। मेहंदी प्रतियोगिता में कविता हुड्डा प्रथम, तरन्नुम बानो द्वितीय और रचना सोनी, अनिशा बानो, मनीषा टाक व खुशबू बानो तृतीय स्थान पर रहीं। सामुहिक भजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रूबिना बानो एवं समूह, द्वितीय प्रतिष्ठा कोठारी एवं समूह तथा तृतीय स्थान पर दुर्गा एवं समूह रहे। स्टाफ कार्मिकों की एकल गायन प्रतियोगिता में प्रथम डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, द्वितीय डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा एवं तृतीय स्थान पर डाॅ. गिरीराज भोजक रहे। कार्यक्रम में प्रो. रेखा तिवाड़ी, प्रो. बीएल जैन, डाॅ. मनीष भटनागर, अभिषेक शर्मा, पंकज भटनागर, प्रगति चैरड़िया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मानषी व योगिता ने किया।
Latest from
- पर्युषण पर्व सप्ताह में दूसरे दिवस ‘स्वाध्याय दिवस’ मनाया
- प्राकृत भाषा और साहित्य में निहित है भारतीय संस्कृति का मर्म- प्रो. अनेकान्त जैन
- योगासन स्वस्थ एवं फिट रहने का महत्वपूर्ण आधार
- फिट इंडिया शपथ कार्यक्रम का आयोजन
- जैन विश्व भारती संस्थान में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
- दो छात्राओं का नेवी और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां
- एन.एस.एस. द्वारा बैडमिंटन खेल का आयोजन
- छात्राध्यापिकाओं ने जन्माष्टमी पर्व मनाया, नृत्य व भजनों से कृष्ण को रिझाया
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता रैली निकाली
- युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर: शांतिपूर्ण समाज का आधार
- राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
- संस्कृत दिवस व रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी और लहरिया महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- वैदिक परम्परा में निहित हैं जीव और प्राण कीे वैज्ञानिकता के सूत्र- डाॅ. साहू
- एंटी रैगिंग जागरूकता एवं नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही
- प्रख्यात लेखक मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘आख्यानमणिकोश’ ग्रंथ पर प्राकृत मासिक व्याख्यानमाला का 37वां व्याख्यान आयोजित
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने पेड़ों पर लटकाए मिट्टी के परिंडे
- भारतीय ज्ञान परमपरा समस्त विश्व में बेहतरीन है, इसे बचाए रखें- प्रो. जैन
- डाॅ. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन
- एनसीसी कैडैट्स छात्राओं को मिले सफल प्रशिक्षण सर्टिफिकेट्स
- शोध में गुणवता के साथ जवाबदेही और उपयोगिता के गुण भी आवश्यक- प्रो. दूगड़
- प्रो. दूगड़ की ‘अतींद्रिय ज्ञान’ पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत
- संकल्प के प्रति एकाग्र रहने से लक्ष्य की प्राप्ति संभव- प्रो. त्रिपाठी
- दुर्लभ पांडुलिपियां का अद्भूत संग्रह और संरक्षण का महत्वपूर्ण केन्द्र, जहां है साढे छह हजार हस्तलिखित ग्रंथ सुरक्षित
- व्याख्यानमाला में सर्वमान्य आचार्य कुंदकुंद के साहित्य पर सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत
- संस्कार निर्माण के साथ योग शिक्षा रोजगार प्राप्ति का भी साधन- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता एवं मतदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित
- महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली और बांझपन के कारण और निवारण पर विमर्श
- पत्रकार के रूप में महात्मा गांधी ने अहिंसक सम्प्रेषण लोगों के दिलों तक पहुंचाया- प्रो. चितलांगिया
- ‘भारतीय परंपराओं में अहिंसक संप्रेषण की खोज’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान का 34वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित