जैन विश्वभारती संस्थान में कौशल विकास कार्यक्रम में कम्प्यूटर एकाउंटिंग टैली एवं इंग्लिश स्पोकन पाठ्यक्रमों के समापन पर प्रमाण-पत्र का वितरण
व्यक्ति को अतिरिक्त कुशलता प्रदान करते हैं अल्पकालिक कोर्सेज- मेहता
लाडनूँ, 27 फरवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत चलाये जा रहेे अल्पकालीन कोर्सेज में कम्प्यूटर एकाउंटिंग टैली एवं इंग्लिश स्पोकन पाठ्यक्रमों के समापन पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने बताया कि विभिन्न व्यावसायिक शिक्षा के रूप में अल्प समय के कोर्स संचालित करके व्यक्ति को अतिरिक्त कुशलता दिलाने का प्रयास संस्थान द्वारा सफलता के साथ किया जा रहा है। आधुनिक युग में अंग्रेजी भाषा ने अपना वर्चस्व कायम कर रखा है। इसे विश्वभाषा के रूप में स्वीकार किया जाता है, इसलिये इंग्लिश का बोलना और समझाना आवश्यक बन चुका है। इसी प्रकार खाता-बही का स्थान कम्प्यूटर ने ले निया है। टैली सीखने के बाद व्यक्ति एकाटिंग में पारंगत हो जाता है। विताधिकारी आरके जैन ने कहा कि टैली और इंग्लिश स्पोकन आज के समय में मल्टीनेशनल कम्पनियों में और अन्य सभी जगह कॅरियर के लिये आवश्यक हो चुका है। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी ने भी अंग्रेजी की व्यापकता और महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सोमवीर सांगवान, अभिषेक शर्मा एवं प्रशिक्षणार्थियों ने भी विचार रखे व अनुभव प्रस्तुत किये। अंत में संस्थान के शैक्षणिक अधिकारी विजय कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में सभी प्रशिक्षित विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर मनीष कुमार सैनी, दुर्गाराम खीचड़, विनोदकुमार पारीक, सुनीता कोटेचा, विष्णु ठठेरा, ललित वर्मा, ममता पारीक, कुसुम प्रजापत, साक्षी चैहान आदि उपस्थित थे।
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