दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपनी नवीन कृति ‘युगान्तर कर्मयोगी’ की प्रति कुलपति को भेंट

लाडनूँ 20 सितम्बर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने शुक्रवार को अपनी नवीन कृति ‘युगान्तर कर्मयोगी’ की प्रति यहां कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ को भेंट की। प्रो. दूगड़ ने इस अवसर पर कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ के जन्मशताब्दी के अवसर पर उनके जीवनवृत पर प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी द्वारा रचित यह नाटक ‘युगान्तर कर्मयोगी’ घटनाओं को साक्षात स्वरूप में पुनः प्रस्तुत करने वाला है। यह पुस्तक नई पीढी के लिये प्रेरणादायी और बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक के लेखक प्रो. त्रिपाठी ने उन्हें इस पुस्तक की विषयवस्तु और रचनाक्रम के बारे में जानकारी दी।

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