विश्व मैत्री दिवस मनाया और परस्पर खमत-खामणा की
क्षमा का आदान-प्रदान नहीं होने से बढती है कटुता- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 13. सितम्बर 2021। विश्व मैत्री दिवस के अवसर पर यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) मे कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रो. दूगड़ ने कहा कि क्षमा का आदान-प्रदान करने से मन का कलुष मिट जाता है। अगर लम्बे समय तक क्षमा का आदान-प्रदान नहीं हो पाता है तो परस्पर कटुता बढती है। उन्होंने संवत्सरी महापर्व पर चलने वाले व्रतों, प्रतिक्रमण व अंत में प्रायश्चित के विशेष स्थान के बारे में बताया तथा कहा कि संवत्सरी प्रत्याख्यान का विषय है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रतिदिन अपने काम के समाप्त होने पर प्रतिक्रमण करना चाहिए। प्रो. दूगड़ ने कहा कि ‘खमत खामणा’ का अर्थ ही है कि क्षमा का आदान-प्रदान किया जाए। यदि किसी भी व्यवहार, वचन व कर्म से किसी भी व्यक्ति को कोई ठेस पहुंची हो तो उसके लिए भावपूर्वक क्षमा मांग लेनी चाहिए और इसी तरह दूसरों के व्यवहार आदि के लिए क्षमा कर देनी भी चाहिए। इसी प्रकार कोई हमसे कामना या आकांक्षा रखता है और उसे पूर्ण नहीं किए जाने से उसे जो पीड़ा अनुभूत हुई हो, उसके लिए भी क्षमाभाव जरूरी है और फिर कभी उसे पूर्ण करने की भावना होनी चाहिए। इस खमत-खामणा दिवस के अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के समस्त शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक स्टाफ, मातृसंस्था, अन्य समस्त व्यवहार में आने वालों के प्रति क्षमायाचना व्यक्त की। प्रो. नलिन के. शास्त्री ने कार्यक्रम में सुखद मित्रता को क्षमा का परिणाम बताते हुए कहा कि क्षमा से आत्मा के स्तर पर हींसा के भावों का पराभव होता है और शुद्ध अहिंसा का उद्भव होता है। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि विश्व के सभी धर्मों में क्षमा का महत्व है। उन्होंने इस मैत्री पर्व पर समूची वसुधा को मित्र मानते हुए किसी से भी वैरभाव नहीं करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि इस मैत्री पर्व को भारत का राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाना चाहिए। यह मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने का पर्व है। यह राष्ट्रीय एकता को बढावा देता है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने जप, तप, व्रत के इस पर्व को विश्वशांति में सहायक बताया। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी ने क्षमायाचना को अचरण में उतारने की जरूरत पर बल दिया। प्राकृत व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री ने कोरोना वायरस के विभिन्न वैरियंट की तरह से आध्यात्मिक वायरस के कषायों को समाप्त करने के लिए क्षमा को बचाव का उपाय बताया। कार्यक्रम में प्रो. अनिल धर, योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, विताधिकारी आरके जैन, समाज कार्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पा मिश्रा, जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म व दर्शन विभाग के डॉ. आलोक कुमार जैन, परीक्षा विभाग के डॉ. सत्यनारायण भारद्धाज, डॉ. युवराजसिंह खंगारोत ने भी खमत खामणा करते हुए प्राणी मात्र से मैत्री रखे जाने की जरूरत बताई। इस अवसर पर डॉ. लिपि जैन, दीपाराम खोजा, डॉ. आभासिंह, डॉ. गिरीराज भोजक, डॉ. रविन्द्रसिंह राठौड़, डॉ. जेपी सिंह, महिमा जैन, डॉ. प्रगति भटनागर, डॉ. सरोज राय, प्रगति चौरड़िया, पंकज भटनागर, श्वेता खटेड़ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. युवराजसिंह ने किया।
Latest from
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट
- शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं को दिलवाई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं ने बनाई अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामग्री
- स्वच्छता जागरूकता संबंधी रैली निकल गई
- जैन विश्व भारती संस्थान में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन
- महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया
- मान, सम्मान और गौरव की भाषा है हिन्दी- प्रो. जैन
- व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास व अनुशासन अधिक जरूरी- नाहटा
- क्षमा के आदान-प्रदान से बन सकता है कार्य-व्यवहार और जीवन शुद्ध- कुलपति प्रो. दूगड़
- छात्राओं ने टैलेंट को प्रस्तुत कर गीत, नृत्य, काॅमेडी से सबको किया प्रभावित
- गणेश चतुर्थी कार्यक्रम में भजन-वंदना, श्लोक, आरती, की प्रस्तुति
- पर्युषण पर्वाराधना कार्यक्रम के तहत ध्यान दिवस मनाया
- पर्युषण पर्व के छठे दिन ‘जप दिवस’ मनाया
- त्याग से जीवन में नियंत्रण और समता भाव बढते हैं- मुनिश्री कौशल कुमार
- शिक्षक सिखाते हैं जीवन को सफल बनाने की कला- प्रो. दूगड़
- दीक्षारंभ कार्यक्रम के चैथे दिन शिक्षक दिवस आयोजित
- दीक्षारंभ कार्यक्रम के तीसरे दिन व्यक्तित्व विकास पर व्याख्यान, योग का महत्व बताया
- वाणी संयम के साथ मितभाषिता भी सफल जीवन के लिए जरूरी- प्रो. त्रिपाठी
- जीवन में दृष्टिकोण परिवर्तन एवं ‘सकारात्मक’ बनने के तरीके बताए
- वास्तुदोष के प्रभाव एवं निराकरण के वैज्ञानिक उपाय पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय पर्युषण पर्व में ‘सामायिक दिवस’ मनाया
- पर्युषण पर्व सप्ताह में दूसरे दिवस ‘स्वाध्याय दिवस’ मनाया
- प्राकृत भाषा और साहित्य में निहित है भारतीय संस्कृति का मर्म- प्रो. अनेकान्त जैन
- योगासन स्वस्थ एवं फिट रहने का महत्वपूर्ण आधार
- फिट इंडिया शपथ कार्यक्रम का आयोजन
- जैन विश्व भारती संस्थान में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
- दो छात्राओं का नेवी और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां
- एन.एस.एस. द्वारा बैडमिंटन खेल का आयोजन
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता रैली निकाली
- छात्राध्यापिकाओं ने जन्माष्टमी पर्व मनाया, नृत्य व भजनों से कृष्ण को रिझाया
- युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर: शांतिपूर्ण समाज का आधार
- राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
- संस्कृत दिवस व रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी और लहरिया महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- वैदिक परम्परा में निहित हैं जीव और प्राण कीे वैज्ञानिकता के सूत्र- डाॅ. साहू
- एंटी रैगिंग जागरूकता एवं नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही