रामनवमी पर्व पर राम को सब धर्मों के लिए अनुकरणीय बताया
सभी शिक्षालयों में होना चाहिए राम के जीवन का पठन-पाठन- प्रो. जैन
लाडनूँ, 9 अप्रेल 2022। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में रामनवमी पर्व पर शनिवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम का जन्म रामनवमी के दिन हुआ था, इसीलिए रामनवमी का पर्व चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाता है। इस पर्व से पर्व नौ दिनों तक लोग फलहारी व्रत या एकासन व्रत का भोजन करते हैं। माधेसम परिवर्तन के समय इस प्रकार की साधना-उपासना शारीरिक रोगों को दूर करने, मानसिक विकारों से छुटकारा दिलाने, सांवेगिक संतुलन को बढ़ाने, नैतिक एवं चारित्रिक गुणों की प्रबलता को मजबूत करने, सामाजिक सौहार्द, आपसी सद्भावना व सहयोग की भावना को विकसित करने में सहायक होती है। भगवान श्रीराम का जीवन सदैव अनुशासित और मर्यादित रहने से वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। रामायण में कहा है- ‘रघुकुल रीत सदा चली आयी, प्राण जाए पर वचन न जायी।’ वचनबद्धता के मामले में वे अद्वितीय थे। वर्तमान में सभी शिक्षालयों में अनुशासन और मर्यादाओं के प्रत्यक्ष अनुभव एवं पालनके लिए आवश्यक है कि सभी शिक्षार्थियों को रामायण व अन्य संबंधित कृतियों का पाठ भी अन्य पाठ्यक्रमों के साथ करवाया जाए। इससे समाज में बढ़ रहे वैमनस्य, द्वेष, इर्षा, मूल्यहीनता आदि को मिटाने में सहायता मिलेगी, क्योंकि भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व और कृतित्व, उनके विचार निश्चित रूप सेयुवा पीढ़ी को ओतप्रोत करेंगे। कम से कम सभी स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में रामनवमी पर्व का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाना चाहिए। इस पर्व को मनाए जाने से मानवता के कल्याण, विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो पाता है। भगवान श्रीराम की पूजा का कारण भी उनके जीवन की तपस्या और त्याग की अनुपम साधना रही है। यह पावन पर्व केवल हिंदू धर्म को ही नहीं अपितु सभी धर्मो के लिए कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। कार्यक्रम में डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. अमिता जैन, डॉ. आभा सिंह, डॉ. गिरधारीलाल शर्मा, अजीत पाठक, खुशाल जांगिड, डॉ.सरोज रॉय, डॉ. बी. प्रधान, डॉ. मनीष भटनागर, रजत सुराणा, प्रमोद ओला आदि उपस्थित रहे।
जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की कुलाधिपति एवं देश की सबसे अमीर महिला उद्यमी सावित्री जिन्दल ने कहा है कि अहिंसा परमोधर्मः का सिद्धांत वर्तमान समय में बहुत ही उपयोगी बन चुका है। वे हिसार के विद्यादेवी जिन्दल स्कूल में तेरापंथ धर्मसंघ के अचार्य महाश्रमण के आगमन पर उनके स्वागत-सम्मान में सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि भारत संत-महात्माओं की भूमि है और उनके दर्शनों मात्र से ही कल्याण हो सकता है। आचार्य तुलसी के संदेश ‘निज पर शासन-फिर अनुशासन’ को आचार्य महाश्रमण ने जन-मन के मन में उतारा है। यह समाज के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा। तेरापंथ के विचारों को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं। समाज के लिए उनका हिसार में आगमन उपयोगी सिद्ध होगा। यहां उत्साह और ऊर्जा का लोगों में संचार हुआ है। इस अवसर पर अनेक साधु-साध्वियां, श्रावकगण और अन्य लोग उपस्थित रहे।
Latest from
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने पेड़ों पर लटकाए मिट्टी के परिंडे
- भारतीय ज्ञान परमपरा समस्त विश्व में बेहतरीन है, इसे बचाए रखें- प्रो. जैन
- डाॅ. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन
- एनसीसी कैडैट्स छात्राओं को मिले सफल प्रशिक्षण सर्टिफिकेट्स
- शोध में गुणवता के साथ जवाबदेही और उपयोगिता के गुण भी आवश्यक- प्रो. दूगड़
- प्रो. दूगड़ की ‘अतींद्रिय ज्ञान’ पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत
- संकल्प के प्रति एकाग्र रहने से लक्ष्य की प्राप्ति संभव- प्रो. त्रिपाठी
- दुर्लभ पांडुलिपियां का अद्भूत संग्रह और संरक्षण का महत्वपूर्ण केन्द्र, जहां है साढे छह हजार हस्तलिखित ग्रंथ सुरक्षित
- व्याख्यानमाला में सर्वमान्य आचार्य कुंदकुंद के साहित्य पर सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत
- संस्कार निर्माण के साथ योग शिक्षा रोजगार प्राप्ति का भी साधन- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता एवं मतदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित
- महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली और बांझपन के कारण और निवारण पर विमर्श
- पत्रकार के रूप में महात्मा गांधी ने अहिंसक सम्प्रेषण लोगों के दिलों तक पहुंचाया- प्रो. चितलांगिया
- ‘भारतीय परंपराओं में अहिंसक संप्रेषण की खोज’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान का 34वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित
- ‘जीवन में सफलता के मंत्र’ पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान की एनएसएस छात्रा बेंदा ने राष्ट्रीय एकता शिविर में किया योग का प्रदर्शन
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय सेवा योजना का तृतीय एक दिवसीय शिविर आयोजित
- डाॅ. शेखावत द्वारा इजाद किए गए एआई पर्यावरण मोनिटरिंग उपकरण को अन्तर्राष्ट्रीय पेटेंट मिला
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी जोधा का युवा संसद के लिए राज्य स्तर पर चयन
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- वसंत पंचमी पर गीत-संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से रिझाया मां शारदे को
- नई शिक्षा नीति जागरूकता क्विज प्रतियोगिता आयोजित, 6 छात्राओं ने किया टॉप
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का कौशल
- आशु भाषण, पोस्टर पेंटिंग व एकल गायन कविता प्रतियोगिता आयोजित
- नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
- आध्यात्मिक मनोविज्ञान विषय पर व्याख्यान आयोजित
- पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- ग्राम खानपुर व भियाणी में विकसित भारत जागरूकता रैली निकाली
- नई शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- विश्व दार्शनिक दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजित
- युवाओं में राष्ट्रीय भावना की जागृति आवश्यक- प्रो. रेखा तिवाड़ी
- संस्कार-निर्माण के लिए एकाग्रता, संकल्प शक्ति व आवेश पर नियंत्रण का अभ्यास जरूरी
- सक्षम युवा सशक्त राष्ट्र के निर्माण का आधार - प्रो. जैन
- एक दिवसीय युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- राष्ट्रीय गणित दिवस पर बताए गणित के जादुई फार्मूले
- राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रथम एक दिवसीय शिविर का आयोजन
- अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया
- लैंगिक असमानता की रोकथाम के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम में व्याख्यान आयोजित