संस्कृत दिवस पर समारोह का आयोजन
अंतरिक्ष विज्ञान के लिए सबसे उपयुक्त भाषा संस्कृत सिद्ध हुई है- प्रो. जयकुमार
लाडनूँ, 29 अगस्त 2023। संस्कृत दिवस के अवसर पर यहां आयोजित संस्कृत समारोह उत्सव में मुख्य अतिथि प्रो. जयकुमार जैन जयपुर ने संस्कृत को विश्व की प्राचीनतम भाषा बताते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1977 में यह स्वीकार किया कि संस्कृत सभी भाषाओं के निकट है। नासा ने भी अपने प्रकाशन के जुलाई 1987 के अंक में कम्प्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त भाषा संस्कृत को माना है। अंतरिक्ष में संदेश भेजे जाने के लिए संस्कृत सबसे बेहतर भाषा है। अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में संदेश भेजे जाने पर उनमें शब्द आगे-पीछे और गलत हो जाते हैं, लेकिन संस्कृत में भेजे संदेश का अर्थ यथावत रहता है। अंतरिक्ष विज्ञान के लिए संस्कृत आवश्यक है और संस्कृत साहित्य में समस्त अंतरिक्ष विज्ञान समाहित है। वैदिक साहित्य संस्कृत में है और जैन साहित्य भी बहुतायत से संस्कृत में है। उन्होंने यहां जैन विश्वभारती संस्थान के संस्कृत व प्राकृत विभाग द्वारा मंगलवार को आयोजित इस समारोह में बताया कि सम्पूर्ण जगत की प्राचीन भाषाओं में संस्कृत के साथ प्राकृत का भी महत्व है। भारत के प्राचीन शिलालेखों में प्राकृत भाषा का प्रयोग हुआ था। सम्राट अशोक महान और कलंग विजेता खारवेल के शिलालेख प्राकृत में मिलते हैं। संस्कृत के साथ प्राकृत के अध्ययन को भी महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने जहां साहित्यिक भाषा संस्कृत को बताया, वहीं लोकभाषा के रूप में प्राकृत को समानान्तर बताया।
विज्ञान की भाषा है संस्कृत
जसवंतगढ के तापड़िया संस्कृत महाविद्यालय के प्रो. चन्द्रशेखर ने कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि के रूप में अपना सम्बोधन संस्कृत में देते हुए कहा कि प्राचीन काल में श्रावणी पर्व पर शाला में प्रवेश की व्यवस्था थी। प्रवेश के बाद संस्कृत में भी समस्त आचरण किए जाते थे। इसी दिन को अब संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस विज्ञान युग में और वायुयान युग में संस्कृत को विज्ञान की भाषा बताया और कहा कि हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान बेहतर था। हमारे यहां तो पुष्पक विमान के मात्र चिन्तन सं संचालन का उल्लेख मिलता है। उन्होंने प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक बोधायन का उल्लेखकरते हुए कहा कि जो पाइथागोरस ने खोज की वह तो बोधायन बहुत पहले कर चुके थे। उन्होंने संस्कृत को तनाव व रुग्णता दूर करने वाली भाषा बताया। संस्कृत भारती संस्था के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती का मुख्य उद्देश्य है, संस्कृत का प्रचार-प्रसार करना और संस्कृत-संभाषण सिखाकर इसे फिर से व्यावहारिक भाषा बनाना। उन्होंने संस्कृत भारती के संस्कृत-संभाषण शिविरों में दस दिन तक प्रशिक्षण द्वारा बच्चों को संस्कृत में संभाषण योग्य बनाने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पत्राचार द्वारा संस्कृत अध्ययन भी करवाया जाता है। ‘संस्कृत परिवार योजना’, ‘संस्कृत ग्राम योजना’ और ‘संस्कृत बालकेन्द्र’ संचालन के बारे में भी बताया।
समस्त क्रियाकलापों से जुड़ी भाषा है संस्कृत
समारोह में सारस्वत विद्वान प्रो. दामोदर शास्त्री ने कहा कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत व संस्कृति की रक्षा से ही है। उन्होंने बताया कि संस्कृत से वाणी शुद्ध होती है। पाणिनी ने तीन शास्त्रों की रचना की, वैद्यक, योगशास्त्र एवं व्याकरण। इनमें वैद्यक शरीर की शुद्धि करता है, योग मन को शुद्ध बनाता है और व्याकरण वाणी को शुद्ध करता है। उन्होंने श्रावणी पर्व पर उपाकर्म को क्षमावाणी पर्व के रूप में तथा वेदवाक्य ‘एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति’ को अनेकान्त का मूल बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृत व प्राकृत परस्पर पूरक भाषाएं हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. जैनेन्द्रकुमार जैन ने कहा कि जीवन के समस्त क्रियाकलापों व दिनचर्या से जुड़ी हुई भाषा है संस्कृत। हम पूजा पद्धति में संस्कत का ही इस्तेमाल करते हैं। जीवन का हर पहलु संस्कृत से जुड़ा हुआ है। इसमें दैनिक व्यवहार, व्यापार, सामाजिक जीवन, व्यक्त्गित जीवन, मानवीय मूल्यों की उद्भावनाएं आदि सभी संस्कृत साहित्य से ही मिलती है। उन्होंने राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, जो अब केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बन चुका है के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में मुमुक्षु बहिनों ने भी संस्कृत में अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रारम्भ में स्वागत वक्तव्य डॉ. समणी संगीतप्रज्ञा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम मंगलाचरण से प्रारम्भ किया गया। अंत में डॉ. सत्यनारायण भारद्वाज ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सब्यसाची सारंगी ने किया।
Latest from
- जैविभा विश्वविद्यालय में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित
- राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय जैन स्काॅलर कार्यशाला आयोजित
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने सजाई आकर्षक रंगोलियां
- तीन दिवसीय ‘यह दिवाली, माय भारत वाली’ कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय एकता व दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया
- पुरखों व संस्कारों के प्रति आस्था होने पर ही व्यक्ति की सम्पूर्णता- ओंकार सिंह लखावत
- दीपावली पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी प्रतियोगिताओं में 28 छात्राओं ने हाथों पर सजाई नई-नई डिजाइनें
- एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय में सफाई अभियान चलाया
- जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्य डॉ.लिपि जैन को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम एकदिवसीय शिविर का आयोजन
- अनुपयोगी सामग्री के उपयोग से सजावटी व उपयोगी वस्तुओं का निर्माण
- आईपीएसएस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण मुद्दा छाया रहा
- केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री ने जैविभा संस्थान की प्राच्य विद्याओं व मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
- छात्राध्यापिकओं ने गरबा महोत्सव आयोजित
- विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- अहिंसा एवं शांति विभाग के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण
- शिक्षा विभाग में नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं के स्वागत के लिए ‘सृजन 2024’ का आयोजन
- आगमों एवं प्राचीन अभिलेखों में मौजूद हैं भारतीय संस्कृति के समस्त मूल तत्व- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा
- ‘उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक अनुकूलता’ विषय पर व्याख्यान
- विश्व शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- रक्तदाता स्वयंसेविकाओं व छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने लगाए पंछियों के लिए परिंडे, चुग्गा-पात्र व घोंसले
- लाडनूँ से 52 छात्राध्यापिकाओं के दल ने गुजरात व माउंट आबू का किया पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
- प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास में जैनाचार्यों और मनीषियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा- डाॅ. रविन्द्र कुमार खाण्डवाला
- राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन
- महात्मा गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन
- नैतिकता की उड़ान के लिए प्रेक्षाध्यान-जीवन विज्ञान की आवश्यकता- प्रो. त्रिपाठी
- योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में नव आगंतुक विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने किया श्रमदान
- जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने लाडनूं में मुनिश्री जयकुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक चर्चा की
- ‘क्रोध नियंत्रण एवं संयमित आचरण’ के लिए विद्यार्थियों को किया प्रेरित'
- खानपुर में भियाणी में निकाली गई स्वच्छता जागरूकता रैली
- लाडनूँ की छात्राओं ने लिया भारतीय युवा संसद में हिस्सा,
- ‘स्वच्छता ही सेवा’ के तहत छात्राध्यापिकाओं द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट
- शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं को दिलवाई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं ने बनाई अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामग्री
- स्वच्छता जागरूकता संबंधी रैली निकल गई
- जैन विश्व भारती संस्थान में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन
- महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया
- मान, सम्मान और गौरव की भाषा है हिन्दी- प्रो. जैन
- व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास व अनुशासन अधिक जरूरी- नाहटा
- क्षमा के आदान-प्रदान से बन सकता है कार्य-व्यवहार और जीवन शुद्ध- कुलपति प्रो. दूगड़