दीक्षारंभ कार्यक्रम के तीसरे दिन व्यक्तित्व विकास पर व्याख्यान, योग का महत्व बताया

लाडनूँ, 04 सितम्बर 2024। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में नवागंतुक छात्राओं के लिए चल रहे सात दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम के तीसरे दिन प्रातः प्रार्थना सभा के बाद ‘पर्सनैलिटी डेवलपमेंट’ पर पूर्व वाणिज्य सहायक आचार्या सुश्री श्वेता खट्टेड द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। खटेड़ ने बताया कि व्यक्ति के व्यक्तित्व के दो आयाम होते हैं। एक तो आंतरिक व्यक्तित्व और दूसरा बाह्य व्यक्तित्व। आंतरिक और सहायक व्यक्तित्व का विकास करने के तरीके उन्होंने कई उदाहरणों से बताए। योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने योग के महत्व को बताते हुए कहाकि योग का सीधा संपर्क हमारे जीवन से है। योग एवं ध्यान केवल मोक्ष प्राप्ति के साधन ही नहीं, अपितु एक अच्छा जीवन जीने के लिए भी योग हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने शारीरिक स्वास्थ्य को व्यक्ति की स्वच्छता की पहचान न मानते हुए शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के संतुलन को ही सामाजिक स्वास्थ्य के लिए उचित माना। उन्होंने कहाकि हम जिस व्यवहार को स्वयं के लिए पसंद नहीं करते, वह आचरण कभी भी दूसरों के लिए भी नहीं करना चाहिए। उन्होंने शारीरिक मानसिक एवं सामाजिक स्वास्थ्य को ठीक रखे जाने के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के डॉ. विनोद कस्वा द्वारा छात्राओं को योग एवं प्रेक्षा ध्यान का अभ्यास करवाया गया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में छात्राओं द्वारा कल्चरल कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में मेहमानों का स्वागत प्रो. रेखा तिवारी ने किया तथा स्वागत भाषण प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. प्रगति भटनागर द्वारा किया गया।

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