महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया

मासिक व्याख्यानमाला में प्रेयस सोनी ने मणिबेन को समुचित स्थान दिलाने की मांग उठाई

लाडनूँ, 14 सितम्बर 2024। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में संचाजित मासिक व्याख्यानमाला में शनिवार को ‘मणिबेन: एक भूला बिसरा राष्ट्रीय चरित्र’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में इतिहास व्याख्याता प्रेयस सोनी ने अपने व्याख्यान में सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन के जीवन-चरित्र का खाका खेंचते हुए उनके जीवन की संघर्षपूर्ण चुनौतियों का विस्तृत वर्णन किया तथा कहा कि मणिबेन ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह पथ पर चलते हुए अनेक राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लिया। इसमें मणिबेन अनेक बार जेल गई और जेल में रहते हुए भी अपनी सहयोगी सत्याग्रही साथियों के हौंसलों को भी ऊंचा बनाए रखा। अपना सर्वस्व देश को समर्पित करने के अडिग विश्वास ने उन्हें विवाह करके गृहस्थी बसाने का अवकाश ही नहीं लेने दिया। उन्होंने अपने पुत्री धर्म को निभाते हुए अपने पिता के निजी सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। स्वतंत्रता के पश्चात चुनाव जीत कर वे कई बार लोकसभा एवं राज्यसभा में जनता की प्रतिनिधि भी रही। व्याख्यानकर्ता सोनी ने कहा कि राष्ट्रीय अस्मिता की चिर संरक्षक रही इस महान विभूति को इतिहास में जो सम्मान एवं स्थान मिलना चाहिए था वो न मिल सका, अब वक्त का तकाजा है कि देश की इस महान प्रतिभा की यादों को अमिट बनाया जाए। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रो. त्रिपाठी ने भारतीय इतिहास में नारी की भूमिका को सदैव श्रेष्ठ एवं उच्चतर मानते हुए भारत के वर्तमान सफल स्वरूप में मणिबेन के योगदानों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन हिंदी व्याख्याता अभिषेक चारण ने किया। अंत में मधुकर दाधीच ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. रेखा तिवारी, डॉ. प्रगति भटनागर, डॉ. आभा सिंह, डॉ. विनोद कस्वा, सुश्री राधिका लोहिया, मुकेश कुमार, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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