राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन

जैविभा विश्वविद्यालय में एनएसएस के रक्तदान शिविर में 53 छात्राओं ने किया रक्तदान

लाडनूँ, 1 अक्टूबर 2024। जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि रक्तदान से न केवल किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, बल्कि इससे रक्त देने वाले व्यक्ति को स्वस्थ बनने में मदद भी मिलती है। इसी कारण लोग स्वेच्छा से रक्तदान करके दूसरों की जिंदगी बचा रहे हैं। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय रक्तदान शिविर का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेविकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रतिदिन जितने रक्त की जरूरत मरीजों व घायलों के लिए होती है, उसका 50 फीसदी ही उपलब्ध हो पाता है। इस कारण रक्त की आवश्यकता बनी रहती है और इससे आपात्काल स्थितियों में रोगी की जान बचाने में हम सहायक बन सकते हैं। इसी कारण रक्तदान को महादान कहा जाता है। रक्तदान शिविर का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के आचार्य काल कन्या महाविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी भी उपस्थित रहे। शिविर क दौरान स्वयंसेविकाओं क अलावा छात्राओं एवं स्टाफ के सदस्यों न भी रक्तदान में भाग लिया। कुल 53 यनिट रक्त संग्रहित किया गया। राजकीय चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक के स्टाफ ने शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण एवं सक्त संग्रहण के लिए भी अपनी सेवाएं प्रदान कीं। एनएसएस प्रभारी डा. आभा सिंह ने अंत में रक्तदाताओं, ब्लड बैंक कार्मिकों आदि सबके प्रति आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डाॅ. लिपि जैन, डाॅ. विष्णु कुमार, प्रेयस सोनी, शरद जैन, जगदीश यायावर, डाॅ. मनीषा जैन, दशरथ सिंह आदि उपस्थित रहे।

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