राष्ट्रीय भारतीय भाषा उत्सव पर कार्यक्रम आयोजित

देश की सभी भाषाएं राज्यों की सीमा से बाहर निकल राष्ट्र को एकसूत्रता में बांधने को प्रतिबद्ध हैैं- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ,12 दिसम्बर 2024। जैन विश्वभारती संस्थान के आचाय कालू कन्या महाविद्यालय में आयोजित भारतीय भाषा उत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए प्राचाय्र प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने मातृभाषा से लेकर राष्ट्रभाषा के बीच अन्य समस्त भारतीय भाषाओं को समाहित करते हुए भाषाओं के सर्वांगीण महत्व एवं उनकी उपादेयता पर प्रकाश डाला। तथा कहा कि भारत में आज भी भाषाएं राज्यों की सीमा से बाहर निकलकर देश को एकसूत्र आबद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने साथ ही तमिल भाषा के प्रसिद्ध कवि सुब्रमण्यम भारती पर भी विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि उनके जन्मदिन को भारत सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा समूचे भारत में ‘भारतीय भाषा उत्सव’ की संज्ञा दी, जिसे संपूर्ण देश भारतवर्ष के उच्च शैक्षिक संस्थानों में मनाना स्वीकार किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम समन्वयक अभिषेक चारण ने भारतीय भाषायी इतिहास के अतीत से लेकर वर्तमान तक के अनेक परिदृश्यों पर खुलकर बात की, जिसमें ध्वनि की उत्पत्ति से लेकर भाषा के बदलते स्वरूप एवं उसके क्रमिक विकास के कई सोपनों को व्याख्यायित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं की ओर से राखी शर्मा, सोनू जांगिड़, कांता सोनी, मीनाक्षी भंसाली, नम्रता सांखला, रेणुका चौधरी आदि ने अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के तीनों संकाय क्रमशः कला विज्ञान एवं वाणिज्य की छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान संकाय सदस्य मधुकर दाधीच एवं सुश्री राधिका लोहिया भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सूचना एवं तकनीकी (कंप्यूटर) व्याख्याता डॉ. प्रगति भटनागर ने किया। इतिहास व्याख्याता प्रेयस सोनी द्वारा अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

Read 91 times

Latest from