जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की छात्राध्यापिकाओं ने किया शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन

ज्ञान के साथ क्रियात्मकता होने से विकास की गति बढती है- प्रो. जैन

लाडनूँ , 19 अगस्त 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के तत्वावधान में छात्राध्यापिकाओं के लिये एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इसके तहत आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि छात्राध्यापिकाओं को अध्यापन-शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके ज्ञानात्मक, भावात्मक व क्रियात्मक विकास के लिये संचालित की जाने वाली विविध गतिविधियों के अन्तर्गत यह आयोजन किया गया है, जिसमें छात्राध्यापिकाओं में साहित्य-सम्बंधी कार्यक्रमों के साथ नेतृत्वशीलता, प्रबंधन, सामुहिक भावना आदि के गुणों का विकास भी संभव हो पाता है। शैक्षणिक भ्रमण ज्ञान के साथ क्रिया को जोड़ कर विकास की गति को तेज करता है। सरदार शहर के आचार्य महाप्रज्ञ समाधिस्थल के सभागार में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में इन प्रशिक्षणार्थी छात्राओं ने भजन, लोकगीत, प्रेरक-प्रसंग, दोहे, श्लोक, चुटकुले आदि प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में मोनिका सैनी, प्रियंका सिखवाल, दुर्गा राठौड़, तगु हरखू आदि की प्रस्तुतियां विशेष सराहनीय रही। शिक्षकों डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. आभासिंह, डाॅ. गिरधारी लाल शर्मा, मुकुल सारस्वत, देवीलाल कुमावत, दिव्या आदि ने भी अनेक प्रस्तुतियां दी। इस भ्रमण कार्यक्रम में छात्राध्यापिकाओं ने ताल छापर अभयारण्य, साईंनाथ मंदिर, सरदार शहर का इन्छापूर्ण बालाजी मंदिर, तेरापंथ के आचार्य महाप्रज्ञ का समाधि स्थल आदि का अवलोकन किया तथा उनकी सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। भ्रमण कार्यक्रम की प्रभारी डाॅ. सरोज राय ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों ने क्षेत्रीय संस्कृति, अध्यात्म तपोभूमि, पर्यावरण, वन्य संरक्षण आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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