जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के पदाधिकारियों ने किया जैविभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष व मंत्री का स्वागत समारोह आयोजित

जैन विश्वभारती के नवनिर्वाचित अध्यक्ष व मंत्री ने किया दायित्व ग्रहण

लाडनूँ 26 सितम्बर 2018। जैन विश्वभारती के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, मुख्य ट्रस्टी व अन्य पदाधिकाारियों के बुधवार को यहां दायित्व ग्रहण के लिये आने पर यहां उनका भावभीना स्वागत किया गया। जैन विश्वभारती के पहली पट्टी गेट पर जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ व स्टाफ तथा निवर्तमान अध्यक्ष रमेश बोहरा आदि ने उन्हें तिलक करके एवं साफे पहना कर स्वागत किया। उन्हें ढोल-नगाड़े के साथ जैन विश्वभारती में प्रवेश करवाया गया। सभी नये पदाधिकारियों ने जैन विश्वभारती में स्थित आचार्य तुलसी स्मारक पर दर्शन व पूजा-अर्चना की तथा मुनि चमपालाल भाईजी महाराज की समाधि पर दर्शन किये। इसके बाद वे सभी यहां भिक्षु विहार में विराजित मुनिश्री जयकुमार के दर्शनों के लिये पहुंचे तथा उनसे सभी ने आर्शीवाद प्राप्त किया। इसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष अरविन्द संचेती व अन्य पदाधिकारियों परिसर में स्थित 108 फुट ऊंचे जैन-ध्वज को रिमोट से बटन दबा कर फहराया। इसके बाद उन्होंने सचिवालय में पहुंच कर अपना दायित्व ग्रहण किया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष अरविन्द संचेती के साथ मुख्य ट्रस्टी मनोज लूणिया, उपाध्यक्ष अरूण संचेती, मंत्री गौरव जैन, सहमंत्री अशोक चिंडालिया व जहवन मल मालू, कार्यकारिणी सदस्य मूलचंद बैद व उम्मेद कोचर थे। इन सबका स्वागत कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़, निवर्तमान अध्यक्ष रमेश बोहरा, निवर्तमान मुख्य ट्रस्टी भागचंद बरडिया, प्रो. बीएल जैन, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, डाॅ. प्रद्युम्र सिंह शेखावत, डाॅ. जुगल किशोर दाधीच, डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. जसबीर सिंह, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान आदि उपस्थित थे।

संगठित टीम के सहयोग से देंगे संस्था को नई उंचाईयां- संचेती

लाडनूँ, 27 सितम्बर 2018। जैन विश्वभारती के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अरविन्द संचेती ने कहा है कि तेरापंथ धर्मसंघ के महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का नाम हम गौरव के साथ ले सकते हैं। आचार्य तुलसी ने इसे समाज की कामधेनु कहा था। आचार्य महाप्रज्ञ व आचार्य महाश्रमण ने भी इस संस्थान को महत्वपूर्ण और जनमानस में चरित्र-निर्माण का संस्थान कहा था। तीन आचार्यों का आशीर्वाद साथ लिये यह संस्थान निरन्तर उन्नति कर रहा है। जैन विश्व भारती का अध्यक्ष पद संभालने से इस संस्थान से जुड़ने का सुअवसर भी मिला है। इसका वे पूरा सदुपयोग करेंगे। उन्होंने यहां आचार्य महाप्रज्ञ-महाश्रमण आॅडिटोरियम में संस्थान द्वारा उनके दायित्व ग्रहण के पश्चात आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारेाह के मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने संस्थान को निरन्तर सहयोग की भावना अभिव्यक्त की तथा कहा कि उन्हें संगठित टीम का साथ मिला है, इन सबके निरन्तर सहयोग से वे अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन कर पायेंगे। निवर्तमान अध्यक्ष रमेश बोहरा ने संस्था की नई टीम को बधाई देते हुये कहा कि सामने आचार्य महाप्रज्ञ का रजत जयंती वर्ष और जैन विश्व भारती का स्वर्ण जयंती वर्ष की समस्त जिम्मेदारी इस टीम पर है।

नई सोच व क्षमतावान है नई सोच

समारोह की अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने जैन विश्व भारती की स्थापना से लेकर वर्तमान स्वरूप तक के सफर का विवरण प्रस्तुत करते हुये स्थापना और विकास के कार्य में सहयोगी रहे सभी जनों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि समय बदलने से विकास की संभावनाओं में परिवर्तन आया है। मातृसंस्था जैन विश्व भारती का सतत सहयोग संस्थान को मिलता रहा है। आचार्यों ने भी कहा था कि समाज और मातृसंस्था को संस्थान पर बराबर ध्यान देते रहना चाहिये। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र चैरड़िया, डाॅ. धर्मचंद लूंकड़ व रमेश बोहरा का उल्लेख उनके कार्यों व विशेषताओं का हवाला देते हुये संस्था की प्रगति में दिये गये योगदान के लिये किया तथा मुख्य ट्रस्टी भागचंद बरड़िया का योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिये चिंतन की मूक भूमिका के लिये उल्लेख किया। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में अध्यक्ष अरविन्द संचेती को क्षमतावान व नई सोच का व्यक्तित्व बताया। मंत्री गौरव जैन को आज तक का सबसे युवा मंत्री बताते हुये कहा कि उनका बड़े कारोबारियों से उच्च सम्पर्क हैं तथा नवीन तकनीक को सबसे पहले आजमाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने प्रधान ट्रस्टी मनोज लूणियां सहित पूरी टीम को श्रेष्ठ संयोग व क्षमतावान बताया तथा कहा कि इनसे संस्था को बल व विकास मिलेगा, संस्था नई उंचाइयों तक पहुंच पायेगी। उन्होंने बताया कि जैन विश्व भारती की स्थापना के 50 वर्ष इनके कार्यकाल में होने जा रहे हैं, तो इनकी जिम्मेदारियां अधिक बढ गई हैं।

बेहिचक सुझाव दें लाडनूँवासी

नवनिर्वाचित प्रधान ट्रस्टी मनोज लूणियां ने कहा कि समाज और गुरू ने उन पर जो विश्वास किया है, उसे वे कायम रखेंगे। उन्होंने लाडनूँवासियों से संस्था के हित में बेहिचक सुझाव देने की अपील की तथा कहा कि वे उन पर अमल करने में कोई संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने जैन विश्व भारती एवं जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) को एक-दूसरे का पूरक बताया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यह संस्थान जो काम कर रहा है, उसके कारण कहीं भी इसका नाम लेने पर भी गौरव की अनुभूति होती है। नव निर्वाचित मंत्री गौरव जैन ने कार्यकर्ता के रूप में काम करने का संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम में विमल विद्या विहार सीनियर सैकेंडरी स्कूल की प्राचार्य वनिता धर, नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अरूण संचेती, मुमुक्षु प्रेक्षा व मुमुक्षु सरिता ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रारम्भ में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया।

इन्होंने किया स्वागत-सम्मान

समारोह में नवनिर्वाचित टीम के अध्यक्ष अरविन्द संचेती, उपाध्यक्ष अरूण संचेती, मंत्री गौरव जैन, सहमंत्री अरूण चिंडालिया, जीवन मल मालू, कार्यकारिणी सदस्य मूलचंद बैद व उम्मेद कोचर एवं निवर्तमान मुख्य ट्रस्टी भागचंद बरड़िया का शाॅल, स्मृति चिह्न व पुष्प गुच्छ प्रदान करके सम्मान किया गया। नई टीम को सम्मान करने वालों में निवर्तमान अध्यक्ष रमेश बोहरा, कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, ओसवाल पंचायत के प्रमुख सरपंच नरेन्द्र सिंह भूतोड़िया, विजय सिंह कोठारी, शांतिलाल बैद, व्यापार मंडल के अध्यक्ष हनुमान मल जांगिड़, कांग्रेस अध्यक्ष रामनिवास पटेल, भारत विकास परिषद के संरक्षक रमेश सिंह राठौड़, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश खटेड़, ओसवाल सभा के अध्यक्ष छतरसिंह बैद, सैनी समाज के अध्यक्ष मुरली मनोहर टाक, मंत्री महावीर प्रसाद तंवर, बृजेश माहेश्वरी, अभय नारायण शर्मा, अरविन्द नाहर आदि शामिल रहे। अंत में विजयश्री ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन दूरस्थ शिक्षा की सहायक निदेशक नुपूर जैन ने किया।

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