विमल विद्या विहार में शिक्षकों के लिये 15 दिवसीय ओरियेंटेशन प्रोग्राम का आयोजन
नवीन प्रवृतियों से शिक्षा में गुणवता वृद्धि संभव- प्रो. जैन
लाडनूँ 13 दिसम्बर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने विद्यालयी शिक्षा में नवीन प्रवृतियों के बारे में अवगत करवाते हुये कहा कि इनके बारे में सभी शिक्षकों की जानकारी होना आवश्यक है। इनसे शिक्षा की गुणवता में वृद्धि संभव हो पाती है। उन्होंने यहां विमल विद्या विहार सीनियर सैकेंडरी स्कूल में संचालित 15 दिवसीय ओरियेंटेशन प्रोग्राम में छठे दिवस आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुये बताया कि शिक्षण की नवीन प्रवृतियों में ग्रेडिंग सिस्टम, सेमेस्टर सिस्टम, क्रेडिट सिस्टम, मूल्यांकन की पद्धति आदि को विद्यार्थियों को केन्द्रित करके तैयार किया गया है। इनके द्वारा विद्यार्थी अपनी रूचि के अनुसार, अपनी क्षमताओं, योग्यताओं व दक्षताओं का विकास भरपूर ढंग से कर सकें। प्रो. जैन ने बताया कि आत स्मार्ट लर्निंग, ई-लर्निंग, सोशल मीडिया लर्निंग, मोबाईल लर्निंग का प्रचलन तेजी से बढा है, जिससे छात्रों को प्रतयेक स्थान पर अपनी शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा संभव हो पाई है। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी ने मूक्स लर्निंग के कोर्स इन नवीन प्रवृतियों के अन्तर्गत संचालित किये हैं। इनके अलावा कौशल विकास, जीवन कौशल, सम्प्रेषण कौशल, तनाव प्रबंधन, नेतृत्व शैली, शोध लर्निंग, प्रोजेक्ट मैथड, क्रियात्मक विधि का प्रयोग, पाठ्येतर क्रियायें आदि विषयों के बारे में विस्तार से बताते हुये उन्होंने इनसे भी सभी शिक्षकों को अवगत करवाया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम में 35 शिक्षकों ने हिस्सा लेकर शिक्षण की नवीन प्रवृतियों की जानकारी प्राप्त की और इसे शिक्षा को गुणवता पूर्ण बनाने व नवीनता प्रदान करने के लिये उपयोगी बताया।
आईटी के उपयोग से शिक्षण कार्य अधिक रूचिकर व उपयोगी बन सकता है- सियोल
लाडनूँ, 20 दिसम्बर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा स्थानीय विमल विद्या विहार उच्च माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों हेतु ‘शिक्षण को आधुनिक एवं रोचक बनाने की दृष्टि से शिक्षण में नवीन प्रवृत्तियों के उपयोग’ के सन्दर्भ में आयोजित किये गये 15 दिवसीय ओरियेंटेशन कार्यक्रम का समापन गुरूवार को किया गया। ओरियेंटेशन कार्यक्रम के अंतिम दिन विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर विभाग के विषय-विशेषज्ञ मोहन सियोल ने ‘शिक्षण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषय पर व्याख्यान देते हुये अध्यापकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिक्षण को रुचिकर, आधुनिक एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अत्यधिक उपयोगी बनाया जाने के बारे में बताया और इस सन्दर्भ में सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ उसके प्रायोगिक पहलुओं से भी उन्हें अवगत करवाया। इस 15 दिवसीय ओरियेंटेशन कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापकों डाॅ. बी.एल. जैन, डाॅ. भाबाग्राही प्रधान, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. गिरिराज भोजक, डाॅ. आभासिंह, अंकित शर्मा, मोहन सियोल एवं सुश्री दिव्या राठौड़ आदि के व्याख्यान हुए। उन्होंने प्रभावी शिक्षण कार्य में आईसीटी, मनोविज्ञान, कक्षा प्रबंधन आदि विभिन्न विषयों पर इस ओरियेंटेशन के माध्यम से विद्यालय के अध्यापकों को बताया और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों एवं शिक्षण में वर्तमान में उपयोग की जाने वाली नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत करवाया, जिनका उपयोग करके शिक्षण को अधिक प्रभावकारी बनाया जा सके। विमल विद्या विहार विद्यालय के शिक्षकों ने इस ओरियेंटेशन कार्यक्रम को अत्यधिक उपयोगी एवं उनके शिक्षण-कौशल में नवीन पद्धतियों को शामिल करने वाला एवं उनके ज्ञान को वृद्धिंगत करने वाला बताया। ज्ञात हो कि जैविभा विश्वविद्यालय ने समय-समय पर क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिये ऐसे ओरियेंटेशन कार्यक्रमों एवं विविध प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निःशुल्क आयोजन कर शिक्षा के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देते हुए सदैव एक अग्रणी संस्थान की भूमिका निभाई है।
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