जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एनएसएस द्वारा कार्यक्रम का आयोजित
आत्मरक्षा का नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करें महिलायें- चौधरी
लाडनूँ, 8 मार्च 2019। उपखंड अधिकारी मुकेश चौधरी ने कहा है कि महिलाओं-लड़कियों के साथ बढती छेड़छाड़ की घटनाओं से निपटने के लिये आवश्यक है कि महिलायें आत्मरक्षा का नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे उनमें आत्मविश्वास बढेगा और वे स्वयं मुकाबला करने में सक्षम बनेगी। उन्होंने यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की एनएसएस की दोनों ईकाइयों के एक दिवसीय संयुक्त शिविर का शुभारम्भ करते हुये एवं अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये आगे कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को पूजा योग्य एवं देवी के समान माना गया है, लेकिन आज स्थितियां अलग है। वास्तविकता बदल चुकी है। इसलिये अब महिलाओं को खुद को साबित करने की जरूरत है। महिलाओं के लिये अपने परिवार, केरियर, मनोरंजन, बदलती परिस्थितियों आदि सब में सांमजस्य बनाकर चलना होता है। इसलिये हर परिस्थिति के लिये महिलाओं को मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को अपने केरियर के सम्बंध में भी मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सभी छात्रायें अभी से अपने केरियर के लिये लक्ष्य तय करके आगे बढें। केरियर हमेशा अपनी रूचि के अनुसार चुनना चाहिये, ताकि आसानी से बिना तनाव के उस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। एसडीएम ने कहा कि परम्परागत क्षेत्र को ही चुनना हमेशा आवश्यक नहीं होता है। रूचि से काम करने पर वह अच्छा कर पाते हैं।
नारी पूर्णता की द्योतक है
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जीवन में तीन आवश्यकतायें होती हैं- ज्ञान, समृद्धि और शक्ति। हर व्यक्ति को इनकी चाह रहती है। इन तीनों क्षेत्रों में अधिष्ठात्री के रूप में महिलाओं का ही आधिपत्य है। ज्ञान के लिये देवी सरस्वती, समृद्धि व ऐश्वर्य के लिये देवी लक्ष्मी और शक्ति के लिये दुर्गा की उपासना करनी होती है। इनमें से कोई भी पुरूष नहीं है, पूर्णता के लिये हमेशा नारी ही है, पुरूष पूर्ण नहीं हो सकता। नारी की शक्ति व क्षमता का लोहा पुरूष को मानना ही पड़ेगा। आज भी देखें तो किसी भी मुकाम पर नारी पुरूष से पीछे नहीं हैं। उन्होंने मात्र एक दिन महिला दिवस मनाने के बजाये हर दिन महिला दिवस मनाने की सलाह दी। एनएसएस की सेवा भावना का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि सेवा से अपनत्व बढता है और परस्परता बढती है। जहां बेगानापन होता है, वहां सेवा की भावना नहीं हो सकती। उन्होंने भेदभाव से उपर उठ कर सम्पूर्ण वुसधा को कुटुम्ब मानकर सेवा करने की आवश्यकता बताई।
महिला सशक्तिकरण आवश्यक
कार्यक्रम के प्रारम्भ में एनएसएस की समन्वयक डाॅ. प्रगति भटनागर ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों एवं कार्यक्रमों तथा एक दिवसीय शिविर व उसमें आयोजित किये जाने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाता। स्वयंसेविकाओं रूबीना व करिश्मा ने महिला दिवस के बारे में बताते हुये महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता बताई। प्रभारी समन्वयक डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में बलवीर सिंह चारण, सोमवीर सांगवान, अभिषेक चारण, सोनिका जैन, रघुवीर सिंह आदि उपस्थित थे।
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