ईमानदार जीवन शैली की थीम पर सतर्कता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
लाडनूँ, 17 अक्टूबर 2019। विश्वविद्यालय अनुदान आयेाग के निर्देशानुसार एवं केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले सर्तकता जागरूकता सप्ताह के तहत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में एक दिवसीय सतर्कता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला के शुभारम्भ सत्र में मुख्य अतिथि अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर ने कहा कि हमें जीवन के प्रत्येक मोड़ पर जागरूक बनने की आवश्यकता है। व्यक्ति में हर पल की जागृति आने पर वह विश्व के हर विषय को समझने में सक्षम हो जाता है और वह कभी ठोकर नहीं खा सकता है। विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि भ्रष्टाचार से मुक्ति और ईमानदारी युक्त नैतिक भारत बनाने की दिशा में हम बढ पायेंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने नैतिकता और ईमानदारी को मानवीय मूल्यों का आधार बताया तथा इन्हें अपनाने के लिये प्रेरित किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में खुला मं. आयोजित किया गया, जिसमें छात्राओं ने ‘‘ईमानदारीः एक जीवन शैली’’ विषय पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किये। द्वितीय सत्र में ‘‘ जीवन में ईमानदारी का महत्व’’ विषय पर विभिन्न छात्राओं ने अपने विचार रखे। इनमें श्रष्ठ रहने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। छात्रा महिमा प्रजापत, पूजा चैधरी व दक्षिता कोठारी की प्रस्तुति इसमें सर्वश्रेष्ठ रही। अंत में डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने आभार ज्ञातिप किया। कार्यक्रम का संचालन कमल कुमार मोदी ने किया।
लाडनूँ, 19 अक्टूबर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सतत जागरूकता अभियान के तहत शिक्षा विभाग में शनिवार को ‘‘ईमानदारी एक जीवन शैली’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि ईमानदारी आत्मा की जीत और बेईमानी आत्मा की हार है। बेईमानी हिंसा, चोरी आदि की सूचक है, जबकि ईमानदारी अहिंसा, अचैर्य व सत्य को उत्पन्न करती है। ईमानदारी हमारे चरित्र व व्यक्तित्व का निर्माण करती है। ईमानदारी पूर्ण व्यक्ति सद्व्यवहार, शालीन व विनम्र स्वभाव का होता है। उन्होंने गोलमैन आदि व्यक्तियों का उदाहरा देते हुये ईमानदारी पूर्वक जीवन शैली को स्पष्ट किया। कार्यशाला में साक्षी गुर्जर ने अपने जीवन की प्रत्यक्ष घटना द्वारा ईमानदारी का महत्व स्पष्ट किया। ऋतु स्वामी ने ईमानदारी से समस्त कर्तव्यों को निभाने की आवश्यकता बताई। शकीला ने ईमानदारी को अर्थ स्पष्ट करते हुये कहा कि जो अपनी आत्मा का मान रखता है, वह वफादार है। कार्यशाला में डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. गिरधारीलाल, रवि प्रकाश, राजश्री, स्वाति शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सरिता झूरिया ने किया।
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