जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशक का सेवानिवृति समारोह आयोजित
पूर्ण मनोयोग से कार्य करने पर खुलता है सफलता का मार्ग- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 31 अगस्त 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि सफलता के लिये कभी आधे-अधूरेपन से कार्य नहीं करना चाहिये बल्कि पूर्ण मनोयोग से कार्य करने पर ही सफलता का मार्ग खुलता है। सफलता के लिये गुरूमंत्र है कि एक ही दिशा में पुरूषार्थ किया जावे। उन्होंने यहां महाप्रज्ञ सभागार में दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी के सेवानिवृति पर आयोजित समारोह में बोलते हुये कहा कि प्रो. त्रिपाठी अपने कार्य को सदैव इसी तरह से सम्पन्न करते रहे हैं। उनका लक्ष्य के प्रति समर्पण के कारण ही वे एक अच्छे अध्यापक ही नहीं बल्कि श्रेष्ठ प्रशासक के रूप में भी अपने आपको ढाल पाये। उनकी कार्यक्षमता के कारण ही हर प्रकार के दायित्व को वे भलीभांति संभाल पाये। वे दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक के साथ आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के सफल प्राचार्य रहे और परीक्षा विभाग के प्रभारी रह कर भी कार्य के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से शाॅल व स्मृति चिह्न प्रदान किया गया तथा स्टाफ की ओर से भी उपहार प्रदान किया गया। प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में अपने समस्त विभागों के कार्मिकों को याद किया तथा कुलपति, कुलसचिव, विताधिकारी आदि सहित विश्वविद्यालय के अन्य विभागों द्वारा मिलने वाले सहयोग के लिये उन्हें याद करते हुये उनके एक-एक कर्मचारी को स्मरण करते हुये सबके प्रति आभार ज्ञापित किया।
सबने सराहा कार्यकाल
इस अवसर पर प्राकृत व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन, अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, योग एवं जीवन विभाग विभाग के डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, अहिंसा व शांति विभाग के डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, परीक्षा विभाग के डाॅ. युवराज सिंह खंागारोत, विताधिकारी राकेश कुमार जैन, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय से डाॅ. प्रगति भटनागर व कमल मोदी, प्राकृत विद्धान राकेश मणि त्रिपाठी, केन्द्रीय ग्रंथागार से महिमा जैन आदि ने अपनी भावनायें व्यक्त की और प्रो. त्रिपाठी की विेशेषताओं व कार्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम में जयंती त्रिपाठी का भी शाॅल ओढा कर सम्मान किया गया। अंत में कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने आभार ज्ञापित किया और प्रो. त्रिपाठी के सेवाकाल को बेहतरीन बताया। इससे पूर्व प्रो. त्रिपाठी का आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, परीक्षा विभाग आदि अनेक विभागों में भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर डाॅ. अमिता जैन, विनोद कस्वां, प्रगति चैरड़िया, आयुषी शर्मा, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. आभासिंह, अंजुला जैन, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. विकास शर्मा, डाॅ. अशोक भास्कर, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. बीरबल सिंह, सोमवीर सांगवान, मोहन सियोल, पंकज भटनागर, दीपाराम खोजा, विजय कुमार शर्मा, डाॅ. सत्यनारायण भारद्धाज, अजय पारीक, निरंजन सांखला, भुवनेश जैन, दीपक माथुर, राजेन्द्र बागड़ी आदि उपस्थित थे।
Latest from
- जैविभा विश्वविद्यालय में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित
- राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय जैन स्काॅलर कार्यशाला आयोजित
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने सजाई आकर्षक रंगोलियां
- तीन दिवसीय ‘यह दिवाली, माय भारत वाली’ कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय एकता व दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया
- पुरखों व संस्कारों के प्रति आस्था होने पर ही व्यक्ति की सम्पूर्णता- ओंकार सिंह लखावत
- दीपावली पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी प्रतियोगिताओं में 28 छात्राओं ने हाथों पर सजाई नई-नई डिजाइनें
- एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय में सफाई अभियान चलाया
- जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्य डॉ.लिपि जैन को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम एकदिवसीय शिविर का आयोजन
- अनुपयोगी सामग्री के उपयोग से सजावटी व उपयोगी वस्तुओं का निर्माण
- आईपीएसएस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण मुद्दा छाया रहा
- केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री ने जैविभा संस्थान की प्राच्य विद्याओं व मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
- छात्राध्यापिकओं ने गरबा महोत्सव आयोजित
- विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- अहिंसा एवं शांति विभाग के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण
- शिक्षा विभाग में नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं के स्वागत के लिए ‘सृजन 2024’ का आयोजन
- आगमों एवं प्राचीन अभिलेखों में मौजूद हैं भारतीय संस्कृति के समस्त मूल तत्व- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा
- ‘उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक अनुकूलता’ विषय पर व्याख्यान
- विश्व शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- रक्तदाता स्वयंसेविकाओं व छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने लगाए पंछियों के लिए परिंडे, चुग्गा-पात्र व घोंसले
- लाडनूँ से 52 छात्राध्यापिकाओं के दल ने गुजरात व माउंट आबू का किया पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
- प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास में जैनाचार्यों और मनीषियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा- डाॅ. रविन्द्र कुमार खाण्डवाला
- राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन
- महात्मा गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन
- नैतिकता की उड़ान के लिए प्रेक्षाध्यान-जीवन विज्ञान की आवश्यकता- प्रो. त्रिपाठी
- योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में नव आगंतुक विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने किया श्रमदान
- जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने लाडनूं में मुनिश्री जयकुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक चर्चा की
- ‘क्रोध नियंत्रण एवं संयमित आचरण’ के लिए विद्यार्थियों को किया प्रेरित'
- खानपुर में भियाणी में निकाली गई स्वच्छता जागरूकता रैली
- लाडनूँ की छात्राओं ने लिया भारतीय युवा संसद में हिस्सा,
- ‘स्वच्छता ही सेवा’ के तहत छात्राध्यापिकाओं द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट
- शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं को दिलवाई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं ने बनाई अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामग्री
- स्वच्छता जागरूकता संबंधी रैली निकल गई
- जैन विश्व भारती संस्थान में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन
- महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया
- मान, सम्मान और गौरव की भाषा है हिन्दी- प्रो. जैन
- व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास व अनुशासन अधिक जरूरी- नाहटा
- क्षमा के आदान-प्रदान से बन सकता है कार्य-व्यवहार और जीवन शुद्ध- कुलपति प्रो. दूगड़